रहीम ख़ान | इंडिया टुमारो
जयपुर | कोरोना महामारी के बीच जहां एक ओर लोग बुनियादी चिकित्सा सुविधाओं के लिए परेशान हैं और मदद की उम्मीद लगाए बैठे हैं तो दूसरी तरफ बड़ी संख्या ऐसे लोगों की भी हैं जो इस विपत्ति के समय में लोगों की सहायता के लिए आगे आ रहे हैं. ऐसे ही एक शख्स है सेना से रिटायर्ड सिकंदर खान जिन्होंने पहले देश के लिए बॉर्डर पर अपनी सेवाएं दी और अब कोरोना पीड़ित मरीज़ों को मुफ्त ऑक्सिजन सिलेंडर दे रहे हैं.
कोरोना काल में हर तरफ हाहाकार मचा हुआ है. हर जगह से आ रही किसी अपने के बिछड़ जाने की खबरों से लोग परेशान और बेबस नजर आ रहे हैं. इन सबके बीच इस मुश्किल घड़ी में बहुत से लोग सहायता के लिए सामने आ रहे हैं और गंगा-जमुनी तहज़ीब की मिसाल पेश कर रहे हैं.
सिकंदर खान भी इस संकटकाल में निःस्वार्थ भाव से सेवा देने वाले लोगों में से एक हैं. सिकंदर खान राजस्थान में सुजानगढ़ के होलीधोरा के रहने वाले हैं और अभी कुछ समय पहले ही भारतीय सेना से रिटायर हुए हैं.
इंडिया टुमारो से बात करते हुए सिकंदर खान कहते हैं कि, “जब 1 अप्रैल को अपनी 17 साल की सेना की नौकरी से रिटायर होकर घर पहुंचा तो देखा कि यहां शेखावाटी में लोगों के कोरोना की वजह से बहुत बुरे हालात हैं. लोग ऑक्सिजन की कमी की वजह से मर रहे थे. गरीब के पास ऑक्सिजन खरीदने के पैसे नहीं थे और अमीरों को पैसों से भी ऑक्सिजन नहीं मिल रही थी. तब मैंने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर यह संकल्प लिया की जब तक हम ज़िंदा हैं तब तक सबकी जान बचाने की पूरी कोशिश करेंगे.”
टीम के बारे में पूछने पर सिकंदर खान ने बताया कि उनकी कुल 11 लोगों की टीम है और वो यह काम मुस्लिम महासभा सुजानगढ़ के नाम से कर रहे हैं. टीम के सदस्यों में मोंटी खान,अरमान खान, अयूब खान, अकरम खान, अरशद खान, राईडर भाई, आसिफ खान, अब्दुल खान, अजहर खान, आसिफ छोटे सरकार हैं.
वो बताते हैं कि, “हमारी टीम ने 15 दिन पहले फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर हेल्प लाइन नंबर के साथ लिखा कि जिस किसी को भी ऑक्सिजन, दवाई और खाने की जरूरत हो वो हमसे संपर्क कर सकता है. उसके बाद लोगों ने मदद के लिए हमसे संपर्क करना शुरू कर दिया.”
सिकंदर खान ने बताया कि, “हमारी टीम, लोगों को मुफ्त में ऑक्सिजन, दवाइयां, खाना और राशन उपलब्ध करवा रही है. हम जाति धर्म के भेदभाव के बिना हर किसी की मदद कर रहे हैं. हमारे पास सुजानगढ़, फतेहपुर, रोलसाहबसर, सीकर, डीडवाना, लाडनूं, लक्ष्मणगढ़, चूरू और आस पास के गांवों से मदद के लिए फोन आ रहे हैं.”
उन्होंने बताया कि हमारे पास ऑक्सिजन के बीस बड़े सिलेंडर हैं जिन्हे हम बीकानेर से भरवा रहे हैं और छोटे सिलेंडर में भरकर लोगों को ऑक्सिजन दे रहे हैं.
पैसों के इंतजाम के बारे में पूछने पर सिकंदर खान ने बताया कि, “शुरू में उन्होंनेे यह काम अपने रिटायरमेंट के पैसों से शुरू किया था, लेकिन अब लोग भी कुछ पैसों की मदद कर रहे हैं. हमारी तरफ से सबके लिए ऑक्सिजन बिल्कुल फ्री है.”
अपनी सेना की नौकरी के बारे में सिकंदर खान ने बताया कि, “मैं नागौर से सेना में भर्ती हुआ था, उसके बाद जबलपुर में मेरी ट्रेनिंग हुई. वो 17 साल की सेवा के बाद सेना की स्पेशल फोर्सेज से हवलदार के पद से रिटायर हुए हैं.”
इंडिया टुमारो से बात चीत में यह साझा करते हुए कहा कि उन्होंने, कश्मीर, लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश की बॉर्डर पर सेना में अपनी सेवाएं दी है. वो एक साल के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ की तरफ से दक्षिण अफ्रीका में भी रह कर आए हैं.
इस बारे में फ़तेहपुर शेखावाटी के समाजसेवी तैयब महराब खान ने इंडिया टुमारो को बताया कि, “जब से कोरोना का क़हर आया है तबसे हमारी टीम भी शेखावाटी में लोगों की सेवा में लगी हुई है. हमारे सामने सबसे बड़ी समस्या ऑक्सिजन की थी उस समस्या को सिकंदर खान ने कम किया हैै.”
तैयब खान ने बताया कि, “मैं जब भी कॉल करता हूँ फ़ौजी साहब एक मरीज़ को ऑक्सिजन चाहिए, सामने से जवाब यही आया है कि किसी को भेज दीजिए इंतजाम हो जाएगा. आज पूरा शेखावाटी सिकंदर खान जी का एहसानमंद है.”
वो कहते हैं कि इस संकट के समय में जहां सरकारें नकारा साबित हो चुकी थी वहाँ इस फ़रिश्ते ने आकर स्थिति को सम्भाल लिया है. योद्धा ऐसे ही होते हैं. कोरोना की इस घड़ी में लड़ रहे इन सभी भाइयों को मैं दिल से सलाम करता हूँ .