इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | हैदराबाद विश्वविद्यालय में पीएचडी के छात्र रहे रोहित वेमुला की मौत का मामला फिर से सुर्खियों में है. रोहित वेमुला की मौत के मामले में तेलंगाना पुलिस ने हाल ही में क्लोज़र रिपोर्ट दायर की.
इस मामले में पहले तो पुलिस ने रिपोर्ट दायर कर दी लेकिन उसके कुछ ही घंटों बाद पुलिस ने ही खुद बयान जारी कर कहा है कि रोहित वेमुला मामले की दोबारा जांच की जाएगी और इस संबंध में हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की जायेगी.
पहले से ही यह दावा किया जा रहा था कि पुलिस ने अपनी क्लोज़र रिपोर्ट में सभी अभियुक्तों को क्लीन चिट दे दी है.
पुलिस द्वारा दायर क्लोज़र रिपोर्ट में कहा गया था कि रोहित वेमुला अनुसूचित जाति से नहीं थे, अर्थात वो दलित नहीं थे और अपनी जातीय पहचान उजागर होने के डर से वेमुला ने आत्महत्या की थी.
पुलिस द्वारा क्लोजर रिपोर्ट दायर किए जाने के बाद शुक्रवार को रात्रि में बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय के छात्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति इरानी के खिलाफ नारेबाज़ी की.
रिपोर्ट के अनुसार, तेलंगाना पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट पर शनिवार 4 मई को रोहित वेमुला की मां और उनके भाई राजा वेमुला ने सवाल उठाया है. राजा वेमुला ने कहा कि एससी स्टेटस पर जिला कलेक्टर फैसला करेंगे. रोहित की मां और भाई के सवालों पर तेलंगाना के DGP ने कहा है कि हम इस मामले की दोबारा जांच करेंगे.
ज्ञात हो कि तेलंगाना पुलिस ने रोहित वेमुला की मौत के 8 साल बाद अपनी क्लोजर रिपोर्ट में कहा है कि वो दलित नहीं था. रोहित वेमुला की मौत मामले में पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट आने के बाद रोहित के परिवार ने तेलंगाना सीएम रेवंत रेड्डी से शनिवार को मुलाकात कर उन्हें पत्र सौंपा और न्याय की मांग की.
रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने तेलंगाना हाईकोर्ट में दावा किया कि रोहित इस बात को जानता था कि वह दलित नहीं था इसलिए जाति की पहचान उजागर होने के डर से उसने आत्महत्या कर ली थी.
तेलंगाना पुलिस के डीजीपी रवि गुप्ता का कहना है कि जांच पर रोहित वेमुला की मां राधिका वेमुला और उनके करीबियों द्वारा सवाल उठाए जाने पर तेलंगाना पुलिस ने दोबारा जांच का फैसला किया है.
गौरतलब है कि हैदराबाद सेंट्रल विश्वविद्यालय कैंपस में 17 जनवरी 2016 को 26 वर्षीय दलित छात्र रोहित वेमुला ने आत्महत्या कर ली थी. उस वक्त इस मामले में हैदराबाद विश्वविद्यालय के कुलपति अप्पा राव, तत्कालीन केंद्रीय मंत्री और सिंकदराबाद के तत्कालीन सांसद बंडारू दत्तात्रेय, एमएलसी एन. रामचंदर राव, और और तत्कालिन मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी को अभियुक्त बनाया गया था.
रोहित वेमुला की मौत के मामले में उनके के साथी छात्रों का कहना था कई महीनों से विश्वविद्यालय ने रोहित को 25,000 रुपये (एचआरए को छोड़कर) का मासिक स्टाइपेंड देना बंद कर दिया, दोस्तों ने आरोप लगाया था कि उन्हें अंबेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन (एएसए) के बैनर तले मुद्दे उठाने के लिए निशाना बनाया गया था. साथी छात्रों का यह भी कहना था कि विश्वविद्यालय द्वारा की गई प्रताड़ना से परेशान होकर रोहित ने आत्महत्या की थी.
हाल ही में इस मामले में तेलंगाना पुलिस द्वारा दायर की गई क्लोज़र रिपोर्ट प्रकाश में आई. इस रिपोर्ट में सभी नामज़द आरोपियों को ‘क्लीन चिट’ दे दी गई थी. रिपोर्ट में दावा किया गया कि रोहित वेमुला दलित नहीं थे और उनकी मां ने फर्ज़ी प्रमाण पत्र बनवाया था.
रिपोर्ट पर रोहित वेमुला के भाई राजा ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, “क्लोज़र रिपोर्ट जमा करने के बाद डीजीपी ने खुद बयान दिया है कि मामले की दोबारा जांच की जाएगी और इस संबंध में हाईकोर्ट में याचिका भी डाली जाएगी.”
उन्होंने कहा, “हमने सीएम को ज्ञापन दिया है और उन्होंने रोहित को न्याय दिलाने के लिए निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया है.”
रिपोर्ट पर उन्होंने कहा, “कांग्रेस सरकार इस मामले की जांच करेगी और हमें भरोसा है कि इस मामले में निष्पक्ष जांच की जाएगी. हम उसका इंतज़ार कर रहे हैं.”
डीजीपी की ओर से जारी बयान में कहा गया है, “जिस रिपोर्ट का हवाला दिया जा रहा है वो 2018 में तैयार की गई थी और उसे जांच अधिकारी के सामने 21 मार्च 2024 को पेश किया गया था.”