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Wednesday, May 8, 2024
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दोषियों के वकील नहीं चाहते कि हम बिलकिस बानो केस की सुनवाई करें: जस्टिस केएम जोसेफ

अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो

नई दिल्ली | सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस के एम जोसेफ ने कहा है कि सरकार व दोषियों के वकील नहीं चाहते हैं कि हम इस मामले की सुनवाई करें। जस्टिस के एम जोसेफ ने यह तल्ख़ टिप्पणी बिलकिस बानो मामले की सुनवाई करते हुए की है।

बिलकिस बानो मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। इस मामले की 2 मई को सुनवाई थी। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस के एम जोसेफ और बीवी नागरत्ना की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। सुनवाई के दौरान जस्टिस के एम जोसेफ ने साफ तौर पर यह कहकर सबको चौंका दिया कि बिलकिस बानो मामले से जुड़े हुए सभी लोग यह नहीं चाहते हैं कि हम इस मामले की सुनवाई करें।

जस्टिस के एम जोसेफ ने यह बात बिलकिस बानो मामले की सुनवाई के दौरान बिलकिस बानो की वकील शोभा गुप्ता की ओर देखते हुए कहा। उन्होंने कहा कि, “सरकार व दोषियों के वकील नहीं चाहते कि हम इस मामले की सुनवाई करें। मेरे रिटायरमेंट से पहले ये लोग इस केस की सुनवाई नहीं चाहते हैं।”

जस्टिस के एम जोसेफ ने आगे कहा कि, “मेरे साथ समस्या ये है कि मैं 16 जून को रिटायर हो रहा हूं। मेरी लास्ट वर्किंग डे 19 मई है।” जस्टिस के एम जोसेफ ने शोभा गुप्ता वकील से कहा कि, “अब आपको पूरी तरह से बात समझ में आ गई होगी कि यहां हो क्या रहा है?”

बिलकिस बानो मामले में सुप्रीम कोर्ट की पीठ जिस तरह से सुनवाई कर रही है, उससे केंद्र सरकार, गुजरात सरकार और इस मामले के दोषी बहुत ही ज्यादा परेशान हैं। इसीलिए दोषियों की रिहाई से संबंधित रिकॉर्ड सुप्रीम कोर्ट द्वारा मांगे जाने के बावजूद केन्द्र सरकार और गुजरात सरकार द्वारा अभी तक सुप्रीम कोर्ट में पेश नहीं किए गए हैं।

इसकी वजह यह भी है कि केंद्र सरकार और गुजरात सरकार को यह लग रहा है कि सुप्रीम कोर्ट उसके विरुद्ध फैसला कर सकता है तथा दोषियों को फिर से जेल भेज सकता है। इसी कारण सुप्रीम कोर्ट द्वारा मांगे जाने के बावजूद केंद्र सरकार और गुजरात सरकार इस मामले से संबंधित रिकॉर्ड सुप्रीम कोर्ट में नहीं पेश कर रही है। केंद्र सरकार और गुजरात सरकार तथा दोषियों के वकील इस मामले को तब तक लटकाए रखना चाहते हैं, जब तक जस्टिस के एम जोसेफ रिटायर न हो जाएं।

सभी यह मानकर चल रहे हैं कि जस्टिस के एम जोसेफ के रिटायर होने से बिलकिस बानो को इस मामले में राहत नहीं मिलेगी और दोषियों को जेल नहीं जाना पड़ेगा। जस्टिस के एम जोसेफ ने इनकी मंशा को भांप लिया है, इसीलिए उन्होंने इस मामले की सुनवाई करते हुए साफ तौर पर अपनी बात रखी है।

जस्टिस के एम जोसेफ द्वारा कही गई बात से यह स्पष्ट हो गया है कि न्याय की राह में केंद्र सरकार, गुजरात सरकार और दोषियों के वकील रोड़ा अटकाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन वे अब इसमें सफल नहीं हो सकेंगे, क्योंकि जस्टिस के एम जोसेफ ने सच्चाई को बताकर सबको बेनकाब कर दिया है।

केंद्र सरकार और गुजरात सरकार बिलकिस बानो मामले में दोषियों को बचाने का प्रयास शुरू से ही कर रही है। उसको यह कतई उम्मीद नहीं थी कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई करने के लिए राजी हो जाएगा। यही नहीं सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस के एम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने जिस तरह से इसकी सुनवाई शुरू की, उससे केंद्र सरकार, गुजरात सरकार और दोषियों के वकील हतप्रभ रह गए, क्योंकि यह किसी को भी उम्मीद नहीं थी कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई इतनी तेजी के साथ करेगा।

इस मामले की तेजी के साथ सुनवाई करने का ही कारण था कि सुप्रीम कोर्ट में पिछली तारीख में सुनवाई में केंद्र सरकार और गुजरात सरकार ने दोषियों की रिहाई से संबंधित कोई रिकॉर्ड सुप्रीम कोर्ट में नहीं पेश किया। सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूंछे जाने पर गुजरात सरकार की ओर से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा था कि, “दोषियों की समय पूर्व रिहाई के निर्णय से जुड़े रिकॉर्ड तलब करने के आदेश को केंद्र व राज्य सरकार चुनौती देने का मन बना रही हैं।”

लेकिन 2 मई को इस मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार और गुजरात सरकार अपनी पिछली कही गई बात से मुकर गईं और बिलकिस बानो मामले के दोषियों की रिहाई संबंधी रिकॉर्ड पेश करने की बात कही। केंद्र और गुजरात सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस के एम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ को बताया कि, उनकी ओर से उस आदेश के खिलाफ समीक्षा याचिका नहीं दायर करने का निर्णय लिया गया है। इसमें सरकारों से मूल रिकॉर्ड मांगा गया है।

तुषार मेहता ने कहा कि, “वे सजा में छूट पर दस्तावेजों पर विशेषाधिकार का दावा नहीं करेंगे और शीर्ष अदालत के साथ दस्तावेजों को साझा करने के लिए तैयार हैं” तुषार मेहता की इस बात को सुनने के बाद पीठ ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 9 मई की तारीख निर्धारित कर दी।

बिलकिस बानो मामले में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस के एम जोसेफ द्वारा इस मामले की सुनवाई को लेकर उनके यह कहने से कि, सरकार व दोषियों के वकील नहीं चाहते हैं कि मैं इस मामले की सुनवाई करूं, केंद्र और गुजरात सरकार बैकफुट पर आ गई हैं।

इससे यह पता चलता है कि केंद्र सरकार और गुजरात सरकार और बिलकिस बानो मामले के दोषियों द्वारा एक साथ मिलकर बिलकिस बानो को न्याय मिलने की राह में रोड़ा अटकाने का काम किया जा रहा है। इनका यह कृत्य निहायत निम्न दर्जे का है।लेकिन इस सबके बावजूद जस्टिस के एम जोसेफ ने इनके कृत्यों का खुलासा करके इनको बेनकाब कर दिया है।

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