इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | जमात-ए-इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष प्रोफेसर सलीम इंजीनियर ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर चिंता जताई है.
मीडिया को दिए एक बयान में जेआईएच उपाध्यक्ष ने कहा, “प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दिल्ली के सीएम की गिरफ्तारी पर हम बेहद चिंतित हैं. हम विपक्ष को निशाना बनाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों के प्रतिशोधात्मक दुरुपयोग पर अपनी कड़ी अस्वीकृति व्यक्त करते हैं.
जमाअते इस्लामी हिन्द के उपाध्यक्ष ने कहा कि, “गिरफ़्तारी का समय स्पष्ट रूप से इसके इरादों को इंगित करता है, ख़ास तौर पर लोकसभा चुनावों को देखते हुए.”
प्रोफेसर सलीम इंजीनियर ने कहा, “झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बाद अरविंद केजरीवाल दूसरे विपक्षी मुख्यमंत्री हैं जिन्हें ईडी ने जेल में डाला है. इस कार्यप्रणाली में एक स्पष्ट पैटर्न प्रतीत होता है.”
उन्होंने कहा, “सबसे पहले, विपक्ष की राजनीतिक फंडिंग का गला घोंट दिया जाता है. दूसरा, विपक्ष का शीर्ष नेतृत्व ईडी के निशाने पर है. तीसरा, यदि वे गिरफ्तार होने के बाद ज़मानत पर बाहर आते हैं तो उन्हें सत्तारूढ़ दल में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जाता है.”
इस पूरे पैटर्न पर चिंता जताते हुए प्रो सलीम ने कहा, “यह पूरी प्रक्रिया पूरी तरह से अनैतिक, असंवैधानिक और निरंकुश है. इसे संघीय जांच और कानून प्रवर्तन एजेंसियों का उपयोग करके विपक्ष को डराने और खत्म करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.”
उन्होंने कहा, “ऐसा प्रतीत होता है कि यह विचार विपक्ष को इस हद तक कमज़ोर कर देगा कि देश में वस्तुतः एक-दलीय शासन हो जाए. यह हमारे लोकतंत्र के लिए गंभीर ख़तरा है और देश निरंकुशता की ओर बढ़ता दिख रहा है.”
प्रोफेसर सलीम इंजीनियर ने कहा, “जमात-ए-इस्लामी हिंद को लगता है कि राजनीतिक उद्देश्यों के लिए स्वायत्त सरकारी संस्थानों का दुरुपयोग नौकरशाही में लोगों के विश्वास को कमज़ोर करता है. यह सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार का एक स्रोत भी बन जाता है.”
उन्होंने कहा, “हम सरकार से नौकरशाही के राजनीतिक उपयोग को बंद करने और इन सम्मानित सरकारी संस्थानों की पूर्व गरिमा और स्वायत्तता को बहाल करने का आग्रह करते हैं.”
जेआईएच के उपाध्यक्ष ने कहा, “बेहतर लोकतंत्र के लिए मज़बूत विपक्ष और सरकार की रचनात्मक आलोचना की स्वतंत्रता एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है. हमारी राय है कि जिसने भी अपराध किया है उसे दंडित किया जाना चाहिए, चाहे वह कोई भी हो, लेकिन कोई भी व्यक्ति तब तक निर्दोष है जब तक कि अदालत उसे दोषी न ठहरा दे.”
उन्होंने कहा कि, “यह आश्चर्य की बात है कि ईडी उन लोगों के पास नहीं जा रही है जो सत्तारूढ़ दल में हैं या उसके करीब हैं. हमें उम्मीद है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को भारत के सर्वोच्च न्यायालय में न्याय मिलेगा. यह देश के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है और लोकतंत्र खतरे में है.”
प्रो सलीम ने आशा व्यक्त करते हुए कहा, “हमें उम्मीद है कि भारत के लोग मज़बूत रहेंगे और हमारे संविधान के आदर्शों और मूल्यों को संरक्षित रखेंगे.”