इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | हरियाणा में बीजेपी सरकार के सामने बड़ा संकट आगया है और सरकार अल्पमत में आ गई है. सरकार को समर्थन कर रहे तीन निर्दलीय विधायकों ने सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है.
हरियाणा के इन तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद 90 सदस्यीय हरियाणा विधान सभा में सरकार को समर्थन दे रहे विधायकों की संख्या 43 रह गई है.
राज्य में निर्दलीय विधायकों के भरोसे चल रही भाजपा की सरकार को समर्थन दे रहे 3 निर्दलीय विधायकों ने सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में चल रही भाजपा सरकार अल्पमत में आ गई है. साथ ही सरकार से समर्थन वापस लेने वाले तीनों निर्दलीय विधायकों ने राज्यपाल को सरकार से समर्थन वापस लेने को लेकर पत्र भी लिख दिया है.
हरियाणा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को झटका देते हुए तीन निर्दलीय विधायकों ने मंगलवार को घोषणा की कि उन्होंने राज्य में नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है.
सरकार से समर्थन वापस लेने वाले तीन विधायकों-सोमबीर सांगवान, रणधीर गोलन और धर्मपाल गोंदर ने यह भी कहा कि उन्होंने चुनाव के दौरान कांग्रेस को समर्थन देने का फैसला किया है.
रिपोर्ट के अनुसार तीनों विधायकों ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख उदय भान की मौजूदगी में रोहतक में आयोजित पत्रकार वार्ता में यह घोषणा की है.
रिपोर्ट के अनुसार गोंदर ने कहा, “हम सरकार से समर्थन वापस ले रहे हैं. हम अब कांग्रेस के साथ हैं.” उन्होंने कहा, “हमने किसानों से जुड़े मुद्दों सहित विभिन्न मुद्दों पर यह निर्णय लिया है.”
पत्रकारों से बात चीत में उदय भान ने कहा, “तीन निर्दलीय विधायकों -सोमबीर सांगवान, रणधीर गोलन और धर्मपाल गोंदर ने बीजेपी नीत सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है और कांग्रेस को अपना समर्थन देने का फैसला किया है.”
ख़बर के अनुसार उदय भान ने कहा, “मैं यह भी कहना चाहता हूं कि (90 सदस्यीय) हरियाणा विधानसभा की मौजूदा क्षमता 88 की है, जिसमें से बीजेपी के 40 सदस्य हैं. बीजेपी नीत सरकार को पहले जननायक जनता पार्टी (जजपा) के विधायकों और निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त था, लेकिन जजपा ने भी समर्थन वापस ले लिया था और अब निर्दलीय भी साथ छोड़ रहे हैं.”
उन्होंने कहा, “नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली सरकार अब अल्पमत में है. मुख्यमंत्री सैनी को अपना इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि उन्हें एक मिनट भी पद पर रहने का अधिकार नहीं है.”
पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में जल्द से जल्द विधानसभा चुनाव होने चाहिए.
कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस घटना पर कहा कि, हरियाणा में माहौल बीजेपी सरकार के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि राज्य में बदलाव निश्चित है. हुड्डा ने मीडिया से कहा, “राज्य (हरियाणा) में हालात बीजेपी के खिलाफ हैं, राज्य में बदलाव निश्चित है. बीजेपी सरकार बहुमत खो चुकी है.”
कांग्रेस सांसद ने कहा कि बीजेपी के कुछ विधायक लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं और कुछ निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी से अपना समर्थन वापस ले लिया है और कांग्रेस को अपना समर्थन दे दिया है। ऐसे में हरियाणा की बीजेपी सरकार अल्पमत में आ गई है और उसे सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है.
रिपोर्ट के अनुसार, निर्दलीय विधायकों का कहना है कि जनता बीजेपी को आजमा चुकी है. अब बीजेपी को अवसर देने का कोई औचित्य नहीं बनता. इस सरकार में हर वर्ग बेरोजगारी, महंगाई, बढ़ते अपराध, फैमिली आईडी, प्रॉपर्टी आईडी से दुखी है.
निर्दलीय विधायकों का कहना है कि, “किसान, मज़दूर, कर्मचारी, व्यापारी, सरपंच, नंबरदार समेत हर वर्ग आज आंदोलनरत है. सरकार में रहते हुए उन्होंने अलग-अलग मौकों पर बीजेपी को चेताने का काम किया, लेकिन बीजेपी ने अपनी हठधर्मिता नहीं छोड़ी. अब जनता की उम्मीद सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस से है.”