इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | गुजरात के सरकारी में कुल 341 सरकारी प्राथमिक स्कूल एक कमरे में संचालित हो रहे हैं और दिसंबर 2023 तक शिक्षा विभाग में 1,400 से अधिक पद खाली थे.
गुजरात के शिक्षा मंत्री कुबेर डिंडोर ने बजट सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक किरित पटेल द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में ये जानकारी दी है.
कांग्रेस विधायक पटेल ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार में गुजरात राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता तेजी से गिरावट आई है और प्रदेश अन्य राज्यों की तुलना में पीछे खड़ा है.
ज्ञात हो कि गुजरात सरकार ने मंगलवार को राज्य विधानसभा में कांग्रेस के सवाल पर यह जानकारी दी कि राज्य में कुल 341 सरकारी प्राथमिक स्कूल एक कमरे में संचालित होते हैं.
उन्होंने यह भी बताया कि शिक्षा विभाग में प्रशासनिक अधिकारियों के 1,400 से अधिक पद दिसंबर 2023 तक खाली पड़े थे.
कांग्रेस विधायक किरीट पटेल द्वारा बजट सत्र के प्रश्नकाल के दौरान पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में शिक्षा मंत्री कुबेर डिंडोर द्वारा ये आंकड़े पेश किए गए.
विधायक पटेल द्वारा गुजरात शिक्षा सेवा कैडर के क्लास-1 और क्लास-2 अधिकारियों के रिक्त पदों के बारे में उठाए गए एक अन्य प्रश्न का जवाब देते हुए डिंडोर ने कहा कि 31 दिसंबर 2023 तक 781 पद भरे हुए थे, जबकि 1,459 पद खाली थे.
पटेल ने दावा किया, “भाजपा सरकार केवल प्रचार करने और गुजरात को एक मॉडल राज्य के रूप में पेश करने में अच्छी है, जबकि वास्तविकता अलग है. 2023 की प्रदर्शन ग्रेडिंग इंडेक्स रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात में प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले लगभग 25 प्रतिशत बच्चे गुजराती, जबकि 47.20 प्रतिशत अंग्रेजी नहीं पढ़ सकते. गुजरात शिक्षा के मामले में अच्छा प्रदर्शन करने वाले शीर्ष पांच राज्यों में नहीं है.”
अपने जवाब में मंत्री ने कहा कि इन रिक्त पदों को पदोन्नति और सीधी भर्ती के माध्यम से जल्द से जल्द भरा जाएगा. साथ ही उन्होंने सदन को आश्वासन दिया कि इन स्कूलों में नई कक्षाएं चरणों में बनाई जाएंगी.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अब तक 65,000 से अधिक स्मार्ट क्लासरूम बनाए गए हैं और अन्य 43,000 निर्माणाधीन हैं.
उन्होंने कहा, ‘मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस प्रोजेक्ट के तहत हमने 2023-24 में 15,000 कक्षाओं का निर्माण किया है, जबकि अन्य 15,000 कक्षाओं का निर्माण कार्य प्रगति पर है.
रिपोर्ट के अनुसार मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के कारण 2022-23 में प्राथमिक स्कूलों में ड्रॉपआउट अनुपात 37.22 प्रतिशत से गिरकर 2.68 प्रतिशत हो गया.
उन्होंने कहा, स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए वर्ष 2023-24 में कुल 22,349 विद्या सहायक और ज्ञान सहायक (संविदा शिक्षक) नियुक्त किए गए हैं.