अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो
लखनऊ | यूपी में अनुदानित मदरसों के छात्रों को निशुल्क यूनिफार्म नहीं मिल रही है। इसका खुलासा उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष ने किया है और उन्होंने यूपी के अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम एवं हज मंत्री को इस संबंध में पत्र लिखकर इस मामले को उठाया है।
यूपी में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से कक्षा – 1 से 8 तक के छात्र – छात्राओं को निशुल्क यूनिफार्म दी जाती है। ठीक इसी तरह मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों को सरकार की ओर से कक्षा – 1 से 8 तक के छात्रों को निशुल्क यूनिफार्म दी जाती है। लेकिन अभी तक मदरसों के छात्र -छात्राओं को निशुल्क यूनिफार्म नहीं दी गई है।
यूपी में 16460 मान्यता प्राप्त मदरसे हैं, जिनमें 560 अनुदानित मदरसे हैं। इनमें पढ़ने वाले छात्र- छात्राओं को सरकारी योजना के मुताबिक निशुल्क यूनिफार्म मिलनी चाहिए। लेकिन इन छात्रों को अभी तक निशुल्क यूनिफार्म नहीं मिली है। निशुल्क यूनिफार्म के लिए छात्र – छात्राओं के बैंक खातों में धनराशि स्थानांतरित की जाती है, जिससे वह यूनिफार्म खरीद कर पहन सकें।
हैरत की बात यह है कि यूपी की योगी सरकार राज्य में मदरसों की हालत सुधारने और मदरसों में आधुनिक शिक्षा देने के बड़े -बड़े वादे करती है और अपनी पीठ थपथपाती है, जबकि हकीकत इससे कोसों दूर है। यहाँ यह ज्ञात हो कि मदरसा छात्र – छात्राओं को वर्ष 2019 -20 से शासन की ओर से निशुल्क यूनिफार्म नहीं मिली है और वह निशुल्क यूनिफार्म योजना से वंचित हैं।
आश्चर्यजनक बात यह है कि अनुदानित मदरसों के छात्र – छात्राओं को निशुल्क यूनिफार्म न मिलने का मामला उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डा.इफ्तिखार अहमद जावेद ने उठाया है। उनके द्वारा इस मामले के उठाए जाने से अनुदानित मदरसों के छात्र – छात्राओं को निशुल्क यूनिफार्म न मिलने का खुलासा हुआ है।
डा.इफ्तिखार अहमद जावेद ने इस संबंध में यूपी के अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम एवं हज मंत्री धर्मपाल सिंह को एक पत्र लिखकर अनुदानित मदरसों के कक्षा 1 से लेकर कक्षा 8 तक के छात्र – छात्राओं को निशुल्क यूनिफार्म न दिए जाने का मामला उठाया है और उनसे इसके समाधान का अनुरोध किया है।
उन्होंने मंत्री को लिखे अपने पत्र में लिखा है कि, “अब तक अनुदानित मदरसों के छात्र- छात्राओं को यूनिफार्म के लिए तय राशि बच्चों के खातों में स्थानांतरित नहीं की जा सकी है, जबकि मदरसों ने अपने स्तर से प्रक्रिया प्रेरणा पोर्टल पर पूरी करते हुए उसकी सूचना संबंधित बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भेज दी है।”
बताया जाता है कि अभी तक राज्य स्तर से डीबीटी योजना के पोर्टल पर मदरसों को पोर्टल पर शामिल नहीं किया गया है, जिसके कारण जिला स्तर से इन छात्र – छात्राओं को यूनिफार्म के लिए धनराशि भेजना संभव नहीं हो पा रहा है। इस साल मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार ने नया सत्र आरम्भ होने के समय आवश्यक पत्र शिक्षा विभाग को भेज दिया था, लेकिन इसके बावजूद अभी तक अनुदानित मदरसों के छात्र – छात्राओं को निशुल्क यूनिफार्म योजना का लाभ नहीं मिला है।
अनुदानित मदरसों के छात्र – छात्राओं को जानबूझकर निशुल्क यूनिफार्म योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण वर्ष 2019 -20 से लेकर आज तक अनुदानित मदरसों के छात्र- छात्राओं को निशुल्क यूनिफार्म योजना का लाभ न दिया जाना है।
अनुदानित मदरसों के द्वारा अपने स्तर से सारी प्रक्रिया को पूरी कर प्रेरणा पोर्टल पर सारी जानकारी बेसिक शिक्षा के अधिकारियों को उपलब्ध करा देना और इसके बावजूद अभी तक राज्य स्तर से डीबीटी योजना के पोर्टल पर मदरसों को नहीं शामिल किया जाना एक सुनियोजित साजिश है।
क्योंकि 2019 से लेकर 2023 वर्ष तक के लम्बे समय में अभी तक किसी सरकारी अधिकारी को अनुदानित मदरसों की याद ही नहीं आई और उसने इन मदरसों में पढ़ने वाले छात्र- छात्राओं को निशुल्क यूनिफार्म देना जरूरी ही नहीं समझा।
इससे यह पूरी तरह से साफ हो जाता है कि अनुदानित मदरसों के बच्चों को निशुल्क यूनिफार्म जानबूझकर नहीं दी गई है और न देने का कोई इरादा है। यह अलग बात है कि यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डा.इफ्तिखार अहमद जावेद ने इस मामले का खुलासा कर योगी सरकार के मुस्लिम विरोधी होने का प्रमाण दे दिया है।