स्टाफ रिपोर्टर | इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य मणिपुर में महीने भर से अधिक समय से हिंसात्मक घटनाएँ हो रही हैं. वहाँ बसने वाले दो आदिवासी समुदाय मैतेई और कुकी-ज़ोमी आमने सामने हैं.
गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर में तीन दिवसीय दौरे थे. उन्होंने दोनों समुदायों से शांति की अपील की है.
वहीं दूसरी और दिल्ली में प्रेस कॉन्फ़्रेंस करते हुए मणिपुर ट्राइबल फोरम, दिल्ली (MTFD) ने केंद्र सरकार से इन हिंसात्मक कार्यवाइयों के पीछे मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और बीजेपी सांसद की भूमिका की जाँच करने की माँग की है.
द हिंदू की एक रिपोर्ट के अनुसार मणिपुर ट्राइबल फोरम, दिल्ली ने पहले ही मणिपुर में हिंसा शुरू होने के कुछ दिनों बाद इस मामले पर हस्तक्षेप की मांग करते हुए उच्चतम न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया था.
मणिपुर ट्राइबल फोरम ने बुधवार को दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की जिसमें राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की माँग की है. वहीं कुकी-ज़ोमी समुदाय की मांग को दोहराया गया कि उनके अलग अलग प्रशासन बनाया जाए.
मणिपुर ट्राइबल फोरम, दिल्ली ने तत्काल मणिपुर सरकार से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि मैतेई चरमपंथियों द्वारा मारे गए आदिवासी लोगों के नश्वर अवशेष जो क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान और जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान में पड़े हुए हैं उनको संरक्षित रखा जाए और उनकी पहचान की जाए.
मणिपुर ट्राइबल फोरम, दिल्ली ने सामुदायिक धूर्वीकरण का अरोप भी लगाया. अपने बयान में संगठन ने आरोप लगाया कि, मणिपुर में कुकी-ज़ोमी-मिज़ो-हमार समुदायों के खिलाफ हिंसा अराम्बाई तेंगगोल और मीतेई लेपुन जैसे चरमपंथी मेइती समूहों द्वारा की जा रही थी.
चरमपंथी मेइती समूहों के बारे में उनका कहना था कि, “उन्हें मणिपुर में राज्य सुरक्षा बलों के गढ़ों से हथियार चोरी करने की “अनुमति” दी गई थी”.
दूसरी ओर, मणिपुर ट्राइबल फोरम, दिल्ली ने कहा कि कुकी-ज़ोमी समुदाय अपने बचाव के लिए हस्तनिर्मित हथियारों और गोला-बारूद और कुछ लाइसेंसी बंदूकों का उपयोग कर रहे हैं.
द हिंदू के मुताबिक, 5 वर्ष पूर्व सांस्कृतिक युवा संगठन के रूप में अस्तित्व में आए अरंबाई तेंगगोल और मेईतेई लीपुन सरकार समर्थक हैं और सांसद सजानाओबा से जुड़ाव रखते हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री पिछले कई वर्षों में इन संगठनों द्वारा आयोजित कई कार्यक्रमों में शामिल हुए हैं और मुख्यमंत्री का इन संगठनों को समर्थन प्राप्त है.
दिल्ली में कुकी-जोमी-हमार छात्र संगठन ने बुधवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया और मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की.