इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | गुरुवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान मद्रास हाईकोर्ट ने जाँच के नाम पर पुलिस द्वारा गवाहों को तंग करने पर एक गंभीर टिप्पणी की है.
अदालत ने कहा कि, स्वतंत्र जाँच करना पुलिस का अधिकार है. लेकिन इसकी आड़ में वो किसी नागरिक को परेशान करने का अधिकार नहीं रखती, और ऐसे मामलों में अदालत अपनी आँखें बंद नहीं कर सकती.
न्यायमूर्ति कुमार सुकुमार कुरुप ने कहा कि, “पुलिस के पास केवल तभी तक जांच करने की असीमित शक्ति है जब तक कि इस शक्ति का वैध रूप से और दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) के अनुसार इस्तेमाल किया जाए.”
क़ानूनी मामलों को रिर्पोट करने वाली वेबसाइट बार एंड बेंच के अनुसार, अदालत ने कहा कि, “यह अदालत, आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 482 के तहत अपनी शक्ति का प्रयोग करते हुए, सामान्य रूप से एक पुलिस अधिकारी द्वारा की गई जांच में हस्तक्षेप नहीं करेगा लेकिन अगर ऐसा कोई मामला अदालत के संज्ञान में आता है, जिसमें जांच की आड़ में पुलिस द्वारा उत्पीड़न किया जा रहा हो, ऐसी स्थिति में हम इसे नज़र अन्दाज़ नहीं कर सकते.”
अदालत ने धारा 160 CRPC या धारा 41A CRPC के तहत जांच के लिए व्यक्तियों को बुलाते समय दिशा निर्देशों का वर्णन भी किया जिन्हें पुलिस को पालना करनी चाहिए.
अदालत ने कहा कि-
- शिकायत में नामित किसी भी व्यक्ति या घटना के किसी गवाह को समन करते समय, पुलिस अधिकारी ऐसे व्यक्ति को धारा 160 CRPC के तहत गवाहों के मामले में और धारा 41ए CRPC के तहत किसी भी व्यक्ति के खिलाफ शिकायतों के मामले में, उनको लिखित समन के माध्यम से बुलाएगा (अभियुक्त) ऐसी पूछताछ/ जांच के लिए उसके सामने पेश होने के लिए एक विशेष तारीख और समय निर्दिष्ट करना होगा.
- पूछताछ की कार्यवाई को पुलिस स्टेशन की सामान्य डायरी/ स्टेशन डायरी/ दैनिक डायरी में दर्ज किया जाएगा.
- पुलिस अधिकारी को पूछताछ या जांच के लिए बुलाए गए व्यक्तियों को परेशान करने से बचना चाहिए.
यह निर्देश अदालत ने तब दिये जब वो एक महिला रजनी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर कर रही थी. उक्त महिलाने यह कहते हुए अदालत के हस्तक्षेप की मांग की थी कि स्थानीय पुलिस जांच के बहाने उसे परेशान कर रही है.
हालांकि, पुलिस ने दावा किया कि उसने याचिकाकर्ता को CRPC की धारा 41ए के तहत नोटिस जारी किया था और उसके खिलाफ शिकायत के बाद पुलिस इसकी जाँच कर रही थी. पुलिस ने उत्पीड़न के सभी आरोपों से इनकार किया है.