https://www.xxzza1.com
Saturday, May 11, 2024
Home देश IMPAR ने हेट क्राइम के सभी पीड़ितों को एक समान मुआवज़े के...

IMPAR ने हेट क्राइम के सभी पीड़ितों को एक समान मुआवज़े के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया

इंडिया टुमारो

नई दिल्ली | IMPAR (इंडियन मुस्लिम फॉर प्रोग्रेस एंड रिफॉर्म्स) ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत एक जनहित याचिका (पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन) के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है, जिसमें धार्मिक भेदभाव के बिना हेट क्राइम्स के पीड़ितों के लिए मुआवज़े में एकरूपता की मांग की गई है।

जनहित याचिका ने भारत संघ और सभी 37 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को प्रतिवादी बनाया है।

इसमें “हेट क्राइम/मॉब लिंचिंग के पीड़ितों को अनुग्रह राशि देने में राज्य सरकारों द्वारा अपनाए गए भेदभावपूर्ण और मनमाने दृष्टिकोण” पर प्रकाश डाला गया है।

याचिका में “राजस्थान और कर्नाटक की सरकारों द्वारा मॉब लिंचिंग/ घृणा अपराधों के पीड़ितों को प्रदान किए गए धर्म-आधारित भेदभावपूर्ण मुआवज़े” का उल्लेख किया है।

याचिका में कहा गया है कि, राज्य सरकारों द्वारा अपनाया गया भेदभावपूर्ण दृष्टिकोण सरकारों द्वारा नागरिकों के एक वर्ग के खिलाफ केवल उनके धर्म के आधार पर अपनाए गए पूर्वाग्रहों और उदासीन रवैये का एक ज्वलंत उदाहरण है।

जनहित याचिका में कहा गया है कि सरकारों द्वारा इस तरह की कार्रवाई न केवल संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत कानून के समक्ष समानता का उल्लंघन है, बल्कि अनुच्छेद 15 का भी उल्लंघन है जो धर्म, नस्ल, जाति, लिंग, जन्म स्थान या उनमें से किसी आधार पर किसी भी नागरिक के खिलाफ भेदभाव नहीं करने का आदेश देता है।

इसमें विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा लागू की गई मुआवज़ा नीतियों में घृणा अपराध/मॉब लिंचिंग के पीड़ितों के लिए अल्प मुआवज़ा राशि के प्रावधान को भी चिह्नित किया गया है।

जनहित याचिका में कहा गया है कि, जघन्य अपराधों/ हेट क्राइम/ लिंचिंग के पीड़ितों को अनुग्रह राशि देने में राज्य सरकारों का दृष्टिकोण स्पष्ट विसंगतियों को दर्शाता है, जो ज्यादातर मामलों में पीड़ितों की धार्मिक पहचान, मीडिया कवरेज, राजनीतिक दबाव जैसे बाहरी कारकों पर निर्भर करता है।

जनहित याचिका में यह भी कहा गया है कि, हेट क्राइम/ मॉब लिंचिंग पीड़ितों को मुआवज़ा देने में भेदभाव किया गया जिसने कानून के शासन को प्रभावित किया है क्योंकि इसके द्वारा कानून के समक्ष समानता के मौलिक सिद्धांतों को कमज़ोर किया गया है।

याचिका में पीड़ितों की धार्मिक पहचान के आधार पर घृणा अपराधों/ मॉब लिंचिंग के पीड़ितों को मुआवज़ा देने की प्रवृत्ति का उल्लेख है। इसमें कहा गया है कि कुछ मामलों में, जहां पीड़ित बहुसंख्यक समुदाय से संबंधित हैं, उनके नुकसान के लिए भारी मुआवज़ा दिया जाता है, जबकि अन्य मामलों में जहां पीड़ित अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित है, मुआवज़ा बेहद अपर्याप्त है।

जनहित याचिका में राजस्थान के उदयपुर के कन्हैयालाल की हत्या का ज़िक्र है, जिसकी कथित हेट क्राइम में 29 जून, 2022 को हत्या कर दी गई थी और 17 फरवरी, 2023 को जुनैद और नासिर को जिंदा जलाने का मामला सामने आया था। उनके मुआवज़े में भेदभाव स्पष्ट है। कन्हैयालाल के परिवार को 51 लाख रुपये का चेक सौंपा गया और उनके दो बेटों को सरकारी नौकरी दी गई। जुनैद और नासिर के मामले में, उनके परिवारों को केवल 5 लाख रुपये के मुआवज़े का वादा किया गया था।

28 जुलाई, 2018 को, गौ तस्करी के शक में पीट-पीट कर मार डाले गए रकबर खान के परिवार को राजस्थान सरकार ने 1.25 लाख रुपये अल्प राशि मुआवज़ा देने की घोषणा की।

कर्नाटक राज्य में, 31 जुलाई, 2022 को घृणा अपराध/ सांप्रदायिक झड़प में परवीन नाम के व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी। उसके परिवार को 25 लाख रुपये के मुआवज़े की घोषणा की गई। हालांकि, हेट क्राइम और सांप्रदायिक घटना में क्रूरतापूर्वक मसूद और फाजिल की हत्या कर दी गई जिनके परिवार के सदस्यों को राज्य सरकार द्वारा कोई मुआवज़ा नहीं दिया गया।

29 जून, 2017 को झारखंड के लातेहार जिले में गोरक्षकों ने अलीमुद्दीन अंसारी की हत्या कर दी थी। परिवार के सदस्यों/ आश्रितों को उचित मुआवज़ा नहीं दिया गया था, जिसके लिए उन्हें मुआवज़े के अनुदान के लिए रिट के माध्यम से उच्च न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाने के लिए मजबूर होना पड़ा। जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि राज्य सरकार की ओर से संवेदना का पूर्ण अभाव है।

जनहित याचिका विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा लागू की गई वर्तमान पीड़ित मुआवजा नीतियों के बारे में बात करती है जो केवल अल्प राशि प्रदान करती है जो किसी प्रकार भी न्यायोचित नहीं है। बिहार लिंचिंग और मॉब वायलेंस विक्टिम मुआवज़ा योजना, 2018 के अनुसार, मॉब लिंचिंग के पीड़ितों को 3 लाख रुपये का मुआवज़ा दिया जाएगा।

जनहित याचिका में अन्य राज्यों की नीतियों का भी विवरण है। झारखंड विधानसभा द्वारा पारित मॉब वायलेंस एंड मॉब लिंचिंग बिल, 2021 जिसमें मॉब लिंचिंग के पीड़ितों को मुआवज़े का प्रावधान किया गया था, को राज्यपाल की सहमति नहीं मिली है।

हरियाणा पीड़ित मुआवज़ा योजना, 2020 के अनुसार, पीड़ितों को भुगतान की जाने वाली मुआवज़े की न्यूनतम राशि 2 लाख रुपये है। हालांकि घृणा अपराध/ मॉब लिंचिंग के पीड़ितों को मुआवज़े के अनुदान के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं किया गया है।

त्रिपुरा लिंचिंग/ भीड़ हिंसा पीड़ित मुआवजा योजना, 2018 के अनुसार, मृत्यु के कारण, पीड़ित का परिवार न्यूनतम मुआवज़े के रूप में 4 लाख रुपये प्राप्त करने का हकदार है।

जनहित याचिका में कहा गया है कि, सर्वोच्च न्यायालय प्रतिवादी राज्यों से घृणा अपराध/ मॉब लिंचिंग की घटना और उनके परिवारों को दिए गए मुआवज़े की राशि के संबंध में रिपोर्ट मांग सकता है।

जनहित याचिका में कहा गया है कि, लिंचिंग ने महाराष्ट्र, त्रिपुरा, असम, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल में भी सैकड़ों लोगों की जान ले ली है।

जनहित याचिका में तहसीन पूनावाला बनाम सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार घृणित अपराधों /लिंचिंग /मॉब लिंचिंग के पीड़ितों को मुआवज़े के अनुदान में एकरूपता लाने के लिए राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक रिट या आदेश या निर्देश देने की प्रार्थना की गई है।

याचिका में कहा गया है कि, विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा अनुग्रह राशि देने की वर्तमान योजना भेदभावपूर्ण है और भारत के संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 21 के प्रावधानों के विपरीत है।

- Advertisement -
- Advertisement -

Stay Connected

16,985FansLike
2,458FollowersFollow
61,453SubscribersSubscribe

Must Read

संयुक्त राष्ट्र की स्थाई सदस्यता के प्रस्ताव पर भारत ने किया फिलिस्तीन का समर्थन

इंडिया टुमारो नई दिल्ली | संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएन) में फिलिस्तीन को संयुक्त राष्ट्र संघ का स्थाई सदस्यता...
- Advertisement -

गुजरात: RTI कार्यकर्ता की हत्या के मामले में भाजपा के पूर्व सांसद बरी

इंडिया टुमारो नई दिल्ली | आरटीआई कार्यकर्ता अमित जेठवा की जुलाई 2010 में हुई हत्या के मामले में गुजरात...

राहुल गांधी ने झारखंड की चुनावी सभा में बीजेपी पर लगाया आदिवासियों को धोखा देने का आरोप

इंडिया टुमारो नई दिल्ली | झारखंड के गुमला में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राहुल...

हरियाणा: तीन निर्दलीय विधायकों ने सरकार से समर्थन वापस लिया, अल्‍पमत में भाजपा सरकार

इंडिया टुमारो नई दिल्ली | हरियाणा में बीजेपी सरकार के सामने बड़ा संकट आगया है और सरकार अल्पमत में...

Related News

संयुक्त राष्ट्र की स्थाई सदस्यता के प्रस्ताव पर भारत ने किया फिलिस्तीन का समर्थन

इंडिया टुमारो नई दिल्ली | संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएन) में फिलिस्तीन को संयुक्त राष्ट्र संघ का स्थाई सदस्यता...

गुजरात: RTI कार्यकर्ता की हत्या के मामले में भाजपा के पूर्व सांसद बरी

इंडिया टुमारो नई दिल्ली | आरटीआई कार्यकर्ता अमित जेठवा की जुलाई 2010 में हुई हत्या के मामले में गुजरात...

राहुल गांधी ने झारखंड की चुनावी सभा में बीजेपी पर लगाया आदिवासियों को धोखा देने का आरोप

इंडिया टुमारो नई दिल्ली | झारखंड के गुमला में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राहुल...

हरियाणा: तीन निर्दलीय विधायकों ने सरकार से समर्थन वापस लिया, अल्‍पमत में भाजपा सरकार

इंडिया टुमारो नई दिल्ली | हरियाणा में बीजेपी सरकार के सामने बड़ा संकट आगया है और सरकार अल्पमत में...

राहुल गांधी का कार्यकर्ताओं के नाम पत्र, कहा- पूरी ताकत से जुट जाएं, मिलकर लड़ेंगे और जीतेंगे

इंडिया टुमारो नई दिल्ली | लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण की कल वोटिंग होने वाली है, इस से पूर्व...
- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here