इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | राजस्थान में अलवर की एक अदालत ने रकबर खान की हत्या के मामले में चार आरोपियों को दोषी पाया है जबकि एक आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया है।
ग़ौरतलब है की साल 2018 में राजस्थान के अलवर ज़िले में कथित गौ-तस्करी के मामले में रकबर ख़ान को पीट-पीटकर मार डाला गया था.
लिंचिंग मामले में गिरफ्तार आरोपियों में धर्मेंद्र यादव, परमजीत, विजय कुमार, नरेश कुमार और नवल किशोर शर्मा हैं.
पुलिस ने नवल किशोर शर्मा को भीड़ को उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया था. हालांकि, सबूतों के अभाव में छोड़ दिया गया है वहीं अन्य आरोपियों धर्मेंद्र यादव, परमजीत, विजय कुमार और नरेश कुमार को सात साल क़ैद की सजा सुनाई गई है।
इन सभी आरोपियों पर गैर इरादतन हत्या के आरोप तय हुए थे.
ज्ञात हो कि जुलाई 2018 में हरियाणा के रहने वाले रकबर खान और उनके दोस्त असलम पर उन्मादी भीड़ ने हमला कर दिया था.
दोनों गायों को अलवर के लालवंडी के पास ले जा रहे थे. भीड़ ने उन पर गौ तस्करी का आरोप लगाते हुए हमला कर दिया था. असलम वहाँ से भागने में कामयाब रहा रकबर खान की पुलिस हिरासत में गंभीर चोटों की वजह से मौत हो गई.
सहायक उप-निरीक्षक मोहन सिंह ने बाद में स्वीकार किया था कि खान को अस्पताल ले जाने में देरी हुई थी बाद में मोहन सिंह को निलंबित कर दिया गया और तीन अन्य कर्मियों का तबादला कर दिया गया था.