इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | जामिया मिल्लिया इस्लामिया के उर्दू विभाग के अध्यक्ष और समकालीन कथा लेखक प्रो. खालिद जावेद द्वारा लिखित उपन्यास ‘नेमत खाना’ का अंग्रेजी अनुवाद प्रतिष्ठित साहित्यिक पुरस्कार ‘जेसीबी अवार्ड फॉर लिटरेचर 2022’ के लिए भारतीय भाषाओं से चुने गए पांच उपन्यासों में शामिल किया गया है।
इस उपन्यास को प्रो. बारा फारूकी द्वारा अंग्रेज़ी में ‘द पैराडाइज ऑफ फूड’ के रूप में अनुवाद किया गया है।
इस पुरस्कार में दी जाने वाली राशि 25 लाख रुपये है और अनुवादक को 10 लाख रुपये की पुरस्कार राशि भी अलग से मिलती है।
इसके आलावा जिन पांच लेखकों के उपन्यासों को सूची में शामिल किया गया है, उनमें से प्रत्येक को एक लाख रुपये मिलेंगे।
एक रसोई की जगह से यह उपन्यास एक विशिष्ट मध्यवर्गीय मुस्लिम परिवार की कहानी बयाँ करता है, जो भूख, हिंसा, प्रेम, अपराधबोध और स्वीकारोक्ति के इर्द-गिर्द घूमता है।
जामिया की कुलपति प्रो. नजमा अख्तर ने इसे विश्वविद्यालय के लिए गर्व का क्षण कहा है। उन्होंने अपनी शुभकामनाएं व्यक्त करते हुए यह आशा व्यक्त की है कि उपन्यास को अंततः पुरस्कार के लिए चुना जाएगा।
प्रो. खालिद जावेद के तीन उपन्यास ‘मौत की किताब’, नेमत खाना और ‘एक खंजर पानी में’ बहुत लोकप्रिय हुए हैं और उनका चौथा उपन्यास ‘अरसलान और बेहजाद’ बहुत जल्द रिलीज होने वाला है।
प्रो. खालिद के उपन्यास ‘मौत की किताब’ का अनुवाद डॉ. ए नसीब खान ने ‘बुक ऑफ डेथ’ के रूप में किया है।
उन्हें देशभर के प्रमुख साहित्यिक संस्थानों द्वारा कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है।