इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविधालय का बजट 62 करोड़ से घटा कर 9 करोड़ करने के खिलाफ़ देशभर में विरोध हो रहा है. यूपी अल्पसंख्यक कांग्रेस की ज़िला और शहर इकाइयों ने प्रदेश भर से शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को 4 सूत्रीय ज्ञापन भेजा है.
उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने मीडिया को जारी बयान में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविधालय के साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपनाये जाने के विरोध में राज्यव्यापी आन्दोलन की चेतावनी दी है.
ज्ञात हो कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के लिए लगातार पांचवें वर्ष केंद्र सरकार से मिलने वाले अनुदान में कमी की गई है. जानकारी के अनुसार साल 2022-23 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को केवल सवा 9 करोड़ की अनुदान राशि प्रदान की जाएगी.
हैरत की बात यह है कि साल 2017-2018 में यह अनुदान राशि लगभग 62 करोड़ थी जिसे लगातार कम किया जाता रहा है. विश्वविद्यालय ने इस पर चिंता जताते हुए कहा है कि इसका सीधा असर AMU के शिक्षा स्तर पर पड़ेगा.
जानकारी के अनुसार, AMU के लिए अनुदान राशि साल 2017-2018 में 62 करोड़ थी, साल 2018-2019 में 22 करोड़, साल 2019-2020 में 16 करोड़, साल 2020-2021 में 14 करोड़ और 2021-2022 में 10 करोड़ थी. यह अनुदान राशि साल 2022-2023 में घटकर सवा 9 करोड़ के लगभग हो गई है.
कांग्रेस मुख्यालय से जारी बयान में अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने बताया की ग़ाज़ियाबाद, हापुड़, आगरा, अलीगढ़, रामपुर, मुरादाबाद, संभल, सहारनपुर, मेरठ, मुरादाबाद, पीलीभीत, बरेली, शाहजहाँपुर, बदायूं, बाराबंकी, आजमगढ़, झांसी, हमीरपुर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, शामली, इलाहाबाद, उन्नाव, मऊ, ग़ाज़ीपुर, बनारस, चंदौली, भदोही, फतेहपुर समेत हर ज़िले से ज्ञापन भेज कर एएमयू का बजट 100 करोड़ करने की मांग की गयी.
उन्होंने कहा कि एक साज़िश के तहत मोदी सरकार विश्वविद्यालयों को कमज़ोर कर देश में तार्किक और वैज्ञानिक सोच को कमज़ोर कर रही है ताकि भाजपा को मंदबुद्धि कार्यकर्ता मिलते रहें.
कांग्रेस नेता ने कहा कि जब पीएम और सीएम कम शिक्षित होते हैं तो वो दूसरों को भी पढ़ने नहीं देना चाहते.
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है कि जो अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय देश के अंदर सरकारी विश्वविद्यालयों की सूची में चौथे स्थान पर हो और ओवर ऑल अकादमिक रेटिंग में 10 वें नंबर पर हो उसका बजट सरकार पिछले 3 सालों में 62 करोड़ से घटा कर 9 करोड़ कर रही है. जबकि इसे और बढ़ा कर उच्च अकादमिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए था.
उन्होंने कहा कि भाजपा और संघ की आँख में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय शुरू से ही चुभता रहा है. इसलिए उसे बदनाम करने या नाम बदलने की घटिया मानसिकता से सरकार उस पर हमलावर रहती है.
मीडिया को जारी बयान में उन्होंने कहा कि चूंकि एएमयू एक विश्वविख्यात शैक्षणिक केंद्र है इसलिए संघ उस पर न तो ताला लगा सकता है और न बाबरी मस्जिद की तरह ढहा सकता है. इसलिए उसे आर्थिक तौर पर कमज़ोर करने के लिए सरकार बजट घटा रही है.
यूपी अल्पसंख्यक कांग्रेस के अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने कहा कि अगर एएमयू का बजट नहीं बढ़ाया गया तो अल्पसंख्यक कांग्रेस इसके लिए पूरे प्रदेश में अभियान और आंदोलन चलायेगी.