अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो
लखनऊ | उत्तर प्रदेश के बांदा जेल में बंद राजनेता और पूर्व विधायक मुख़्तार अंसारी का निधन हो गया. मुख़्तार अंसारी ने अभी चंद दिनों पूर्व बाराबंकी की अदालत में चल रहे एक मामले की सुनवाई के दौरान एक लिखित बयान में उन्हें स्लो प्वाईज़न देने का आरोप लगाया था.
बांदा जेल में हार्ट अटैक आने के बाद मुख़्तार अंसारी को बांदा मेडिकल कॉलेज की आईसीयू में भर्ती कराया गया था. बांदा मेडिकल कॉलेज ने मुख़्तार की मौत की पुष्टि कर दी है. साथ ही पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी किया गया है.
मुख़्तार अंसारी की मौत की पुष्टि के बाद बांदा के डीएम और एसपी मेडिकल कॉलेज पहुंचे और मेडिकल कालेज को छावनी में तब्दील कर दिया गया. भारी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया गया है. बांदा और मऊ जिले में सुरक्षा बलों को तैनात करते हुए प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जेल में बंद राजनेता मुख़्तार अंसारी के निधन के बाद गुरुवार रात अपने आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई जिसमें डीजीपी प्रशांत कुमार और वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया.
रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को राज्यभर के सभी जिलों में कानून व्यवस्था बनाए रखने को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है.
गौरतलब है कि इस समय रमज़ान का पवित्र माह चल रहा है और कल शुक्रवार है. पांच बार के विधायक मुख़्तार अंसारी की लोगों में मसीहा जैसी छवि थी और विभिन्न समुदाय के लोग उन्हें मानते थे.
मुख़्तार अंसारी ने आरोप लगाया था कि उन्हें सरकार द्वारा धीमा ज़हर दिया जा रहा है जिससे उनकी तबियत बिगड़ती जा रही है. मुख़्तार अंसारी ने आरोप लगाते हुए कहा था कि उनकी हत्या का प्रयास किया जा रहा है.
मुख़्तार के अदालत में दिए गए लिखित बयान के बाद जेल प्रशासन ने इसका खंडन किया था. लेकिन अंसारी के वकीलों ने आशंका व्यक्त की थी कि मुख़्तार अंसारी के साथ कोई अनहोनी घट सकती है.
यह मामला सुर्खियों में आया उसके बाद यूपी सरकार हरकत में आई और बांदा जेल के जेलर और 2 डिपटी जेलर को निलंबित कर दिया था. हैरत की बात यह है कि इस मामले में कोई जाँच भी नहीं की गई और जेल अफसरों को निलंबित कर दिया गया.
इस प्रकार प्रशासन द्वारा इस मामले पर पर्दा डालने का प्रयास किया गया. जिस तरह से यह कार्यवाही की गई वह सवालों के घेरे में है. अगर इस मामले में कोई साज़िश नहीं है तो पहले कोई जाँच क्यों नहीं की गई और बिना किसी जांच के जेल अफसरों को निलंबित कर दिया गया?
इस मामले के सामने आने के बाद 25/ 26 मार्च की रात मे जेल में बंद मुख़्तार अंसारी की तबियत अचानक बिगड़ जाती है और उसको बांदा मेडिकल कालेज में भर्ती कराया जाता है. इसकी सूचना रेडियो संदेश के ज़रिए पुलिस ने मुख़्तार अंसारी के परिवार को भेजा.
सूचना मिलने के बाद मुख़्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी, मुख़्तार अंसारी के बड़े भाई और गाजीपुर के सांसद अफज़ाल अंसारी और अन्य परिवारीजन बांदा के लिए रवाना हुए.
इसके बाद मुख्तार अंसारी की तबियत जब कुछ ठीक हुई तो उनको फिर से जेल में बंद कर दिया गया. इस घटना के बाद मुख़्तार अंसारी के बड़े भाई अफज़ाल अंसारी ने आरोप लगाते हुए कहा था कि मुख़्तार अंसारी की हत्या हो सकती है.
उन्होंने कहा था कि, “काफी दिनों से मुख़्तार की हत्या की साज़िश रची जा रही है. मौत का एक दिन निश्चित है, लेकिन शैतान कोशिश तो कर सकता है. मुख़्तार को मिटाने की, ख़त्म करने की तमाम कोशिशें हो रही हैं. ऊसरी चट्टी कांड में मुख़्तार की गवाही न हो इसलिए यह साजिशें हो रही हैं.”
उन्होंने कहा था, “मुख्तार गवाही देगा तो ब्रजेश सिंह माफिया डान और त्रिभुवन सिंह को सज़ा हो जाएगी. सरकार आपराधियों, अफसरों की मिलीभगत से ये सब अंजाम देने की कोशिश चल रही है. हम क़ानून के रास्ते से मुख़्तार की सुरक्षा के लिए कोशिश कर रहे हैं. पहले भी मुख़्तार को ख़त्म करने की तमाम कोशिशें हो चुकी हैं. मारने वाले से बचाने वाला हमेशा बड़ा होता है।”
मुख्तार अंसारी की तबियत खराब होने के बाद तत्कालीन समय में डीजी जेल एस एन साबत ने कहा था कि, “मुख्तार अंसारी की तबियत इतनी सीरियस नहीं है।”
हालांकि, उन्होंने मुख़्तार अंसारी के अदालत में दिए गए बयान और आरोपों पर कुछ भी नहीं बोला था. लेकिन आज 28 मार्च को मुख़्तार अंसारी की तबियत जेल में फिर बिगड़ गई जहां से उन्हें रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया.
मेडिकल कालेज में 9 डाक्टरों की टीम ने उनका इलाज किया लेकिन मुख़्तार अंसारी की मौत हो गई थी. मुख़्तार अंसारी की मौत होने की पुष्टि भी हो गई.
मुख़्तार अंसारी की आज तबियत बिगड़ने और मेडिकल कालेज में भर्ती कराये जाने के बाद उनके बड़े भाई और गाजीपुर के सांसद अफज़ाल अंसारी ने फिर से आरोप लगाया था कि मुख़्तार को स्लो प्वाईज़न दिया गया है.
मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी और परिवार के अन्य लोग बांदा रवाना हो चुके थे तभी मुख़्तार अंसारी की मौत की खबर आ गई.
पूर्व विधायक मुख़्तार अंसारी के द्वारा अदालत में दिए गए लिखित बयान और आरोप के बाद एमपी/ एमएलए कोर्ट ने इस संबंध में जेल प्रशासन से रिपोर्ट भी मांगी थी.
मुख़्तार अंसारी की आज जेल में तबियत बिगड़ने के बाद मौत हो जाने से उनके द्वारा अदालत में दिए गए बयान के बाद आज उनकी मौत ने जेल प्रशासन और यूपी सरकार को सीधे सीधे कटघरे में खड़ा कर दिया है.
यूपी सरकार कुछ भी कहे, लेकिन मुख़्तार अंसारी की मौत से यह सवाल खड़ा हुआ है कि अगर यूपी सरकार अगर इस मामले में कोई कड़ा कदम उठाती तो मुख़्तार अंसारी की जान बच सकती थी.
यह एक तरह से जेल प्रशासन और यूपी सरकार की कलई खोलने के लिए काफी है और यह एक साज़िशन की गई हत्या है. इसके तार बहुत गहराई तक हैं.
मुख्तार अंसारी की मौत के मामले में आजाद अधिकार सेना के अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने इसकी जाँच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से कराए जाने की मांग की है.
उन्होंने कहा है कि , “मुख़्तार अंसारी की जेल में हुई मौत के क्रम में उन्हें धीमे ज़हर दिए जाने सहित अन्य आरोपों की हाईकोर्ट के सिटिंग जज से इसकी न्यायिक जाँच कराई जाए, जिससे इस मामले का खुलासा हो सके.”