-स्टाफ रिपोर्टर
नई दिल्ली | हाल में सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार टीबी के मामलों में काफ़ी तेज़ी से वृद्धि हुई है. भारत में साल 2023 में टीबी के लगभग 25,50,000 (2.55 मिलियन) मामले दर्ज किए गए.
डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के अनुसार, टीबी के सबसे अधिक मामले भारत में दर्ज किए गए हैं. डब्ल्यूएचओ के अनुसार भारत में वर्ष 2022 में 28.2 लाख टीबी के मामले सामने आए थे.
पिछले नौ वर्षों में टीबी के मामलों में 64% की वृद्धि हुई है. वार्षिक आधार पर टीबी के कुल मामलों में सबसे अधिक मरीज़ उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए. इसके बाद बिहार में अधिक मरीज दर्ज़ किए गए.
भारत सरकार ने वर्ष 1962 से टीबी उन्मूलन कार्यक्रम शुरु किया था. उसके बाद से अब तक दो बार टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को 1997 और 2020 में संशोधित किया जा चुका है.
भारत सरकार ने टीबी उन्मूलन के लिए 2025 तक का लक्ष्य निर्धारित किया है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2022 में दुनियाभर में 75 लाख (7.5 मिलियन) मामले दर्ज किए गए हैं. टीबी दुनिया भर में तेज़ी से फैल रही एक बीमारी है. दुनिया में दूसरे नंबर पर सबसे अधिक मौतें इसी बीमारी के कारण होती हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा प्रकाशित वैश्विक टीबी रिपोर्ट 2023 के अनुसार, भारत में टीबी की दर 2015 में 237 प्रति 100,000 जनसंख्या से 16% घटकर 2022 में प्रति 100,000 जनसंख्या पर 199 हो गई थी. इसी अवधि के दौरान टीबी से मृत्यु दर 2015 में प्रति 100,000 जनसंख्या पर 28 से 18% घटकर 23 हो गई है.
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के टीबी प्रभाग के पूर्व प्रमुख डॉ. कुलदीप सिंह सचदेवा ने कहा, “प्रारंभिक चरणों में रोगियों की संख्या में वृद्धि दिखती है तो इसका मतलब है कि रोगियों की पहचान की जा रही है और उन्हें उपचार दिया जा रहा है.”
उन्होंने आगे कहा, “यह ट्रांसमिशन चक्र को तोड़ने में मदद करेगा. टीबी एक संक्रामक रोग है, इसलिए रोग को फैलने से रोकने के लिए संक्रमण चक्र को तोड़ना महत्वपूर्ण है.”
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनोम घेबियस ने अधिकारिक तौर पर कहा है कि, “टीबी रोकथाम योग्य, उपचार योग्य और इलाज योग्य है, और फिर भी यह वो प्राचीन संकट है जो कई सदियों से मानवता को पीड़ित करता रहा है, और हर साल लाखों लोगों के लिए पीड़ा और मृत्यु का कारण बन रहा है.”
टीबी की रोकथाम को लेकर बात करते हुए डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने आगे कहा कि, “डब्ल्यूएचओ सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज की दिशा में अपनी यात्रा के हिस्से के रूप में टीबी की रोकथाम, पता लगाने और इलाज की सेवाओ तक पहुंच का विस्तार कर रहा है.”
उन्होंने कहा, “डब्ल्यूएचओ, महामारी और महामारियों के खिलाफ अपनी सुरक्षा को मज़बूत करने के लिए देशों को उनकी प्रतिक्रिया बढ़ाने के लिए समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है.”
रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले वर्ष देशभर में टीबी के 24.2 लाख मामले दर्ज हुए थे. 2023 में दर्ज किए सभी टीबी मामलों में लगभग 32% मामले निजी स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र से आए.
रिपोर्ट के अनुसार, “25,50,000 मामलों में से 0.84 लाख निजी क्षेत्र से थे, जो पिछले वर्ष की तुलना में 17% की वृद्धि है. 2014 की तुलना में निजी क्षेत्र से आने वाले में तेजी से बढ़ोतरी हुई है- 2013 में 38,596 मामले दर्ज किए गए थे.