इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | लोकसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच बयानबाज़ियों का भी दौर जारी है. इसी क्रम में केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने विवादित नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ़ बयान देते हुए केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया है.
केरल के सीएम ने कहा है कि, “हमारा देश धर्मनिरपेक्ष है, लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कभी भी धर्मनिरपेक्षता को स्वीकार नहीं किया. उनकी विचारधारा एडॉल्फ हिटलर और बेनिटो मुसोलिनी के फासीवाद से प्रेरित है.”
उक्त बातें केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के विरोध में आयोजित एक जनसभा में बोलते हुए कही.
रैली में बोलते हुए उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार को नियंत्रित करने वाला आरएसएस, धर्मनिरपेक्षता को मान्यता नहीं देता है.
पिनाराई शुरू से ही नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के विरोधी रहे हैं. पिनाराई ने हाल ही में सीएए लागू किये जाने पर बीजेपी की खुल कर आलोचना की थी.
ज्ञात हो कि केरल में लोकसभा चुनाव की तैयारी ज़ोरों पर है और राज्य में वोट दूसरे चरण में 26 अप्रैल को डाले जाएंगे. नज़दीक आ चुके लोकसभा चुनावों के बीच केरल में केंद्र और अन्य पार्टियों के बीच वाक युद्ध जारी है.
वाम दल राज्य में पांच स्थानों पर सीएए विरोधी रैलियां आयोजित कर रहा है. पहली रैली शुक्रवार को कोझिकोड में हुई थी. आने वाले दिनों में कन्नूर, मलप्पुरम और कोल्लम में तीन और रैलियां आयोजित की जाएंगी.
हाल ही में 23 मार्च को केरल के कासरगोड ज़िले में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने एक विशाल सीएए विरोधी रैली का आयोजन किया था.
रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री विजयन ने आरएसएस की विचारधारा और संरचना को एडॉल्फ हिटलर और बेनिटो मुसोलिनी के फासीवाद से प्रेरित बताया.
मुख्यमंत्री विजयन ने रैली में कहा कि, “हमारा देश धर्मनिरपेक्ष है लेकिन आरएसएस ने कभी भी धर्मनिरपेक्षता को स्वीकार नहीं किया. वह भारत को एक धर्मतंत्र बनाना चाहता है और धर्मनिरपेक्षता को खत्म करना चाहता है. वह हममें से कइयों को दुश्मन मानता है. आरएसएस ने धार्मिक अल्पसंख्यकों और वामपंथियों को आंतरिक दुश्मन घोषित कर दिया है.”
मुख्यमंत्री विजयन ने ये भी कहा कि आरएसएस नेताओं ने मुसोलिनी से मुलाकात की थी और उसके फासीवादी संगठनात्मक ढांचे को अपनाया था. उन्होंने कहा कि भारत की ताकत हमेशा से ही इसकी विविधता में एकता में निहित रही है.
पिनाराई ने आगे कहा कि, “हम सभी अपनी मान्यताओं, भाषाओं, संस्कृतियों, खान-पान और पहनावे में भिन्न हैं. हम कई क्षेत्रों में विविध हैं और यही कारण है कि हमें अपनी विविधता से प्यार हैं.”
रैली को संबोधित करते हुए पिनाराई ने आरएसएस पर शाब्दिक प्रहार करते हुए कहा कि, “इसकी (आरएसएस की) विचारधारा किसी प्राचीन ग्रंथ या मिथक या वेद या मनुस्मृति से नहीं बल्कि हिटलर से ली गई है. हमने हिटलर के शासन के बाद हुए नरसंहार को देखा है, जिसने पूरी मानव जाति को झकझोर कर रख दिया था. हालांकि, हिटलर के कार्यों की भारत में आरएसएस द्वारा प्रशंसा की जाती है.”
पिनाराई विजयन के अनुसार, जब भारत में सीएए की घोषणा की गई थी तो दुनिया भर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे और दुनियाभर के नेताओं ने भी इस कदम की आलोचना की थी.
उन्होंने कहा कि, “हमारे संविधान में निहित समानता के विचार को इस कानून के ज़रिए खत्म किया जा रहा है.”
वाम दल राज्य में पांच स्थानों पर बड़े पैमाने पर सीएए विरोधी रैलियां आयोजित कर रहा है. पहली रैली शुक्रवार को कोझिकोड में हुई थी. वहीं, आने वाले दिनों में कन्नूर, मलप्पुरम और कोल्लम में तीन और रैलियां आयोजित की जाएंगी.
रैली में विजयन ने कांग्रेस की भी आलोचना कि क्योंकि कांग्रेस सीएए के खिलाफ़ संयुक्त विरोध प्रदर्शन से पीछे हट गई थी.
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि केंद्र द्वारा हाल ही में सीएए के नियमों को अधिसूचित किए जाने के बाद भी कांग्रेस पूरी तरह से चुप है.