अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो
लखनऊ | वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की सर्वे रिपोर्ट सर्वजनिक होगी। इसका फैसला वाराणसी जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने किया है।
जिला जज ने इस संबंध में बुधवार को अपना फैसला सुनाते हुए सभी पक्षकारों और डीजीसी (सिविल) को सर्वे रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है।
वाराणसी के जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने यह फैसला मुकदमे की वादियों की सर्वे रिपोर्ट की प्रति मांगने के अनुरोध पर दिया है।
वाराणसी में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे करने का मुकदमा चल रहा था और इसमें अदालत ने इसके सर्वे करने का एएसआई को आदेश दिया था। अदालत के आदेश के फैसले पर एएसआई इसका सर्वे कर रहा था। अदालत के आदेश के बावजूद् निर्धारित तारीख पर एएसआई ने सर्वे रिपोर्ट नहीं जमा की थी।
अदालत ने इस पर उसको सर्वे करने के लिए और अतिरिक्त समय भी दिया था। इसके बाद एएसआई ने सर्वे पूरा किया था और जिला जज की अदालत में एएसआई ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की सर्वे रिपोर्ट 18, दिसंबर 2023 को दाखिल की थी।
रिपोर्ट दाखिल होने के बाद इस मुकदमें की वादिनी सीता साहू, रेखा पाठक, मंजू व्यास और लक्ष्मी देवी ने सर्वे रिपोर्ट की प्रति अदालत से देने का अनुरोध किया था और मांग की थी। इनका कहना था कि, “यह जनहित का मामला है, इसलिए इसको गोपनीय बनाकर इसका हौव्वा खड़ा किया जा रहा है।”
इसके आलावा हिंदू पक्ष की एक और वादिनी राखी सिंह का कहना था कि, “अदालत में दाखिल रिपोर्ट के अध्ययन का अधिकार वादी पक्ष को है, इसलिए उसको सर्वे रिपोर्ट की प्रति दी जाये।”
जिला जज की अदालत ने एएसआई सर्वे की रिपोर्ट सर्वजनिक किए जाने का फैसला सुनाए जाने के वक्त कहा कि, “पक्षकारों को उनके अनुरोध पर रिपोर्ट की प्रति देना न्याय हित में होगा। इससे एएसआई रिपोर्ट के खिलाफ आपत्तियां दर्ज कराई जा सकेंगी। सर्वे रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध कराए बिना आपत्तियां दर्ज करापाना संभव नहीं होगा।”
उधर दूसरी ओर प्रतिवादी अंजुमन इंतजामियां मस्जिद का कहना है कि, “यदि सर्वे रिपोर्ट वादी पक्ष को दी जाती है, तो उन्हें भी इसकी प्रति उपलब्ध कराई जाए।” इसके अलावा जिला जज की अदालत ने सर्वे रिपोर्ट की मीडिया
कवरेज पर किसी तरह की रोंक नहीं लगाई है।
वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की एएसआई सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक करने के जिला जज की अदालत के फैसले से यह रिपोर्ट दोनों पक्षों को मिलेगी और दोनों पक्ष फिर बाद में इसका अध्ययन करेंगे। इसके बाद दोनों पक्ष कानूनी राय – मशविरा लेकर
आगे चलेंगे।