इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | अधिवक्ताओं की सुरक्षा के लिए एक कानून बनाने की मांग को लेकर केरल उच्च न्यायालय के में एक याचिका दायर की गई है.
यह याचिका एक वकील विष्णु सुनील पंथालम द्वारा दायर की गई है.
याचिका में तर्क दिया गया है कि जो वकील देश के कानूनों को बनाए रखने के लिए अपनी जान जोखिम में डालते हैं, वे उचित कानूनी उपायों के माध्यम से सुरक्षा के हकदार हैं.
अधिवक्ता विष्णु सुनील पंथालम द्वारा दायर की गई याचिका में कहा गया है कि हाल के दिनों में वकीलों पर कई हमले हुए हैं.
याचिका में तिरुवनंतपुरम अदालत में एक गवाह द्वारा एक वकील पर हमले, कोच्चि में एक पब में बाउंसरों द्वारा एक वकील पर हमला और एक पुलिस अधिकारी द्वारा एक वकील पर हमले की रिपोर्टों का संदर्भ दिया गया है.
बार & बेंच के अनुसार, याचिकाकर्ता ने इस बात पर ज़ोर दिया है कि न्याय प्रणाली में वकीलों की महत्वपूर्ण भूमिका है और जब वे अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं तो उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए.
ज्ञात हो कि 10 अक्टूबर को राज्य सरकार को भेजे गए एक अभ्यावेदन पर कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिलने के बाद अदालत के समक्ष याचिका दायर की गई थी.
उक्त अभ्यावेदन में वकीलों के लिए एक सुरक्षात्मक कानून बनाकर राज्य सरकार के हस्तक्षेप का आह्वान किया गया था.
याचिकाकर्ता ने यह भी बताया कि जबकि चिकित्सा पेशेवरों और पुलिस जैसे अन्य पेशेवरों की सुरक्षा के लिए कानून हैं लेकिन वकीलों को अभी तक ऐसी मान्यता नहीं दी गई है.
बार & बेंच के अनुसार, याचिका में कहा गया है, “जब समान प्रकृति के कर्तव्यों का निर्वहन करने वाले अन्य पेशेवरों को आवश्यक सुरक्षा प्रदान की जाती है, तो इस पेशे के सदस्यों को मान्यता क्यों नहीं दी जाती और उनकी उपेक्षा क्यों की जाती है.”
ज्ञात हो कि अधिवक्ताओं की सुरक्षा के लिए कानूनों की मांग से संबंधित मामले दिल्ली और राजस्थान सहित अन्य उच्च न्यायालयों में भी सामने आए हैं.
इस साल मार्च में, राजस्थान वकीलों की सुरक्षा के लिए कानून पारित करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया.
इस साल अप्रैल में, बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने केंद्र सरकार से अधिवक्ताओं और उनके परिवारों की सुरक्षा के लिए एक कानून बनाने का आह्वान किया.
अप्रैल महीने में ही पंजाब और हरियाणा बार काउंसिल ने दोनों राज्य सरकारों से अधिवक्ता (संरक्षण) अधिनियम, 2023 को जल्द से जल्द पारित करने का अनुरोध किया था.
जून में, बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने अधिवक्ता संरक्षण विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए सात सदस्यीय समिति का गठन किया है.
याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय से आग्रह किया है कि वह संबंधित अधिकारियों को वकीलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने का आदेश दे.