https://www.xxzza1.com
Monday, April 29, 2024
Home देश RSS से जुड़ी संस्था की लाभार्थी मुस्लिम शोध छात्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र...

RSS से जुड़ी संस्था की लाभार्थी मुस्लिम शोध छात्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर की पीएचडी

-समी अहमद

नई दिल्ली | विशाल भारत संस्थान की लाभार्थी और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग की शोध छात्रा नजमा परवीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पीएचडी कर इन दिनों चर्चा में हैं. थीसिस के लिए उनका विषय था “नरेंद्र मोदी का राजनीतिक नेतृत्व: लोकसभा चुनाव 2014 के संदर्भ में एक विश्लेषणात्मक अध्ययन.” नजमा, नरेंद्र मोदी पर पीएचडी करने वाली पहली मुस्लिम महिला हैं. वह वाराणसी के लल्लापुरा की रहने वाली हैं.

विशाल भारत संस्थान (वीबीएस) को आरएसएस की एक इकाई के रूप में जाना जाता है. आरएसएस के इंद्रेश कुमार वीबीएस के संरक्षक हैं.

इस संगठन का मुख्यालय वाराणसी में है. यह एक अनाज बैंक चलाता है जिसका नाम इंद्रेश कुमार के नाम पर रखा गया है. यह ज़रूरतमंदों को कंबल, साड़ियां और कपड़े भी वितरित करता है.

एक बुनकर परिवार से आने वाली महिला ने लिखित बयान में कहा है कि कई लोगों ने उन्हें मोदी पर पीएचडी करने से हतोत्साहित किया. उनका यह भी दावा है कि लोग नहीं चाहते थे कि वह मोदी पर पीएचडी करें क्योंकि वह मुस्लिम हैं.

वह कहती हैं कि तमाम बाधाओं के बावजूद उन्होंने आठ साल में अपनी पीएचडी पूरी की. थीसिस के लिए उनके मार्गदर्शक प्रोफेसर संजय श्रीवास्तव थे और मौखिक परीक्षा के लिए बाहरी प्रोफेसर जामिया मिलिया इस्लामिया के प्रोफेसर महताब आलम रिज़वी थे.

उन्होंने अपनी पढ़ाई विशाल भारत संस्थान (वीबीएस) में रहकर की है. नजमा के माता-पिता दोनों नहीं हैं, इसलिए विशाल भारत संस्थान के अध्यक्ष राजीव श्रीवास्तव ने नजमा की पढ़ाई के खर्च की व्यवस्था की. वह राजनीतिक दल – भारतीय आवाम पार्टी की अध्यक्ष हैं.

नरेंद्र मोदी पर नजमा का शोध पांच अध्यायों में विभाजित है. पहला अध्याय 1947 से 2014 तक की राजनीतिक पृष्ठभूमि पर चर्चा करता है. दूसरा अध्याय नरेंद्र मोदी के जीवन परिचय और मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल से संबंधित है. तीसरा भाग नरेंद्र मोदी के राजनीति में प्रवेश और भाषणों के विश्लेषण से संबंधित है. चौथा अध्याय नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व और करिश्मा का विश्लेषण करता है. पांचवां और अंतिम अध्याय में शोध का समापन है.

यह स्पष्ट नहीं है कि थीसिस में 2002 के गुजरात दंगों का उल्लेख है या नहीं क्योंकि यह पेपर के पांच प्रमुख अध्यायों में है. विशाल भारत संस्थान के जरिए नजमा से संपर्क की कोशिशें नाकाम रहीं. संपर्क करने पर प्रोफेसर संजय श्रीवास्तव ने कहा कि थीसिस छह से सात महीने पहले जमा की गई थी और उन्हें याद नहीं है कि उनके शोध में 2002 के गुजरात दंगों का उल्लेख किया गया है या नहीं.

नजमा परवीन के मुताबिक, उन्होंने अपने शोध को पूरा करने के लिए पीएम मोदी की जीवनी समेत 20 हिंदी किताबें और 79 अंग्रेजी किताबें पढ़ीं. वह कहती हैं कि उन्होंने 37 अखबारों और पत्रिकाओं से सामग्री एकत्र की है. नरेंद्र मोदी के बारे में अहम जानकारी जुटाने के लिए वह पीएम मोदी के भाई पंकज और आरएसएस नेता इंद्रेश से भी मिलीं.

नजमा ने अपने शोध में वाराणसी की चर्चा की है. इसमें मुरली मनोहर जोशी को लेकर वाराणसी के लोगों की नाराज़गी और नरेंद्र मोदी को बनारस से मैदान में उतारने की राजनीति पर चर्चा की गई है.

उनके शोध में तीन तलाक के खिलाफ आंदोलन, काशी की मुस्लिम महिलाओं द्वारा पीएम मोदी को ‘राखियां’ भेजना और भारतीय अवाम पार्टी का मोदी को समर्थन शामिल है.

नजमा का कहना है कि उन्होंने मोदी को विषय के तौर पर इसलिए चुना क्योंकि उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए गुजरात को विकास मॉडल बनाया. नजमा ने कहा, “उनकी लोकप्रियता बढ़ी और वह 2014 में प्रधानमंत्री बने, जिसने पूरे राजनीतिक परिदृश्य को बदल दिया.” नजमा ने नरेंद्र मोदी को राजनीति का महानायक बताया है.

विशाल भारत संस्थान के राजीव श्रीवास्तव का कहना है कि नजमा ने अपने शोध के लिए बहुत सामयिक और प्रासंगिक विषय चुना.

- Advertisement -
- Advertisement -

Stay Connected

16,985FansLike
2,458FollowersFollow
61,453SubscribersSubscribe

Must Read

एक बार फिर भाजपा का सांप्रदायिक और विघटनकारी एजेंडा

-राम पुनियानी बहुसंख्यकवादी राष्ट्रवाद हमेशा से चुनावों में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए सांप्रदायिक विघटनकारी एजेंडा और नफरत...
- Advertisement -

सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा आचार संहिता का उल्लंघन, चुनाव आयोग ने दिया जाँच का निर्देश

अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो लखनऊ | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आचार संहिता उल्लंघन करने के...

“अबकी बार, 400 पार” का नारा क्या बीजेपी द्वारा भारत का संविधान बदलने का छिपा एजेंडा है?

अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो नई दिल्ली | देश का संविधान बदलने का छिपा एजेंडा उजागर होने पर भाजपा...

वेलफेयर पार्टी (WPI) ने पीएम मोदी के भाषणों और चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध लगाने की मांग की

इंडिया टुमारो नई दिल्ली | वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया (डब्ल्यूपीआई) ने दो दिन पहले राजस्थान के बांसवाड़ा जिले...

Related News

एक बार फिर भाजपा का सांप्रदायिक और विघटनकारी एजेंडा

-राम पुनियानी बहुसंख्यकवादी राष्ट्रवाद हमेशा से चुनावों में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए सांप्रदायिक विघटनकारी एजेंडा और नफरत...

सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा आचार संहिता का उल्लंघन, चुनाव आयोग ने दिया जाँच का निर्देश

अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो लखनऊ | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आचार संहिता उल्लंघन करने के...

“अबकी बार, 400 पार” का नारा क्या बीजेपी द्वारा भारत का संविधान बदलने का छिपा एजेंडा है?

अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो नई दिल्ली | देश का संविधान बदलने का छिपा एजेंडा उजागर होने पर भाजपा...

वेलफेयर पार्टी (WPI) ने पीएम मोदी के भाषणों और चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध लगाने की मांग की

इंडिया टुमारो नई दिल्ली | वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया (डब्ल्यूपीआई) ने दो दिन पहले राजस्थान के बांसवाड़ा जिले...

इलाहाबाद हाईकोर्ट की सख़्त टिप्पणी, कहा- ‘जिला अदालतें आम लोगों का भरोसा खो रहीं’

अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो लखनऊ | इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला अदालतों की कार्य प्रणाली पर कड़ी टिप्पणी करते...
- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here