रहीम ख़ान | इंडिया टुमारो
जयपुर | चुनाव आयोग ने राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीख अब बदल दी है. चुनाव आयोग की 9 अक्टूबर, सोमवार को हुई प्रेस कांफ्रेंस में 5 राज्यों में विधानसभा चुनावों की तारीखों का एलान किया गया था.
प्रेस कांफ्रेंस में राजस्थान में 23 नवंबर को एक चरण में चुनाव होना तय किया गया था लेकिन अब इसे बदलकर 25 नवंबर कर दिया गया है. हालांकि, मतदान एक ही चरण में होगा. चुनाव का नतीजा 03 दिसंबर को आएगा.
दरअसल, चुनाव आयोग ने जबसे राजस्थान सहित पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया था तब से ही राजस्थान में मतदान की तारीख 23 नवंबर को बदलने की मांग उठनी शुरू हो गई थी.
चुनाव की तारीख के ऐलान के बाद से ही विभिन्न राजनीतिक दलों और विभिन्न धार्मिक सामाजिक संगठनों सहित कई लोगों ने चुनाव आयोग से तारीख को बदलने की मांग उठाई थी.
क्यों उठी चुनाव की तारीख़ बदलने की मांग ?
दरअसल 23 नवंबर को देवोत्थान एकादशी या देव उठनी ग्यारस या देवउठनी एकादशी है. इसको अबूझ सावा भी कहते हैं जिसमें विवाह का शुभ मुहूर्त होता है. इस दिन राजस्थान में बड़ी संख्या में विवाह समारोह, मांगलिक और धार्मिक उत्सव, मेले आदि होते हैं.
ऐसे में लोगों को 23 नवंबर को वोट डालने में असुविधा का सामना करना पड़ सकता था. 23 नवंबर को जगह जगह शादियां होने की वजह से मतदान प्रतिशत भी कम रहने की आशंका जताई जा रही थी. शादी समारोह और मतदान एक ही दिन होने की वजह से वाहनों की कमी भी सामने आ सकती थी जिसका सीधा असर वोटिंग पर भी पड़ता.
इस वजह से राज्य के बहुत से धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक संगठनों ने चुनाव आयोग से इस तारीख को मतदान टालने की गुहार लगाई थी. आयोग ने इस बात पर विचार किया और मतदान की तारीख में बदलाव करते हुए उसे 23 नवंबर की जगह 25 नवंबर (शनिवार) कर दिया है.
राजस्थान में 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी के शुभ अवसर पर 50,000 से अधिक शादियां होने की संभावना है. शादी विवाह के व्यापार से जुड़े लोगों के अनुसार देवउठनी एकादशी के पावन पर्व पर प्रदेश में 50 हजार से अधिक शादियां होने की संभावना है. देवउठनी एकादशी के दिन को शादियों के लिए सबसे पसंदीदा अवसर माना जाता है. यह शादी के मौसम की शुरुआत का भी प्रतीक है.
आयोग की मंशा भी यही है कि ज्यादा से ज्यादा मतदान हो और इस बार हर हाल में मतदान प्रतिशत भी बड़े, इसको लेकर ही आयोग ने तारीख में बदलाव किया है. इसके साथ ही इस बार आयोग ने 80 वर्ष से अधिक के मतदाताओं के लिए घर से ही मतदान करने का भी प्रबंध किया है. आयोग ने पत्रकारों के लिए भी बैलेट पेपर से मतदान करने की छूट दी है.
चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की तारीख़ की घोषणा के साथ ही राजस्थान में आदर्श आचार संहिता लागू कर दी गई है, जिसे चुनाव पूरा होने के बाद हटाया जाएगा. कई जिलों में धारा 144 भी लगाई गई है.
पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री और पाली सांसद पीपी चौधरी ने लिखा था पत्र
तारीख में बदलाव के लिए मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार को लिखे पत्र में सांसद चौधरी ने बताया कि आयोग द्वारा राजस्थान विधानसभा चुनाव की मतदान की तिथि 23 नवम्बर, 2023 तय की गई है. आपके संज्ञान में लाना चाहूंगा कि इस दिन संस्कृति एवं धार्मिक श्रद्धा से जुड़ा बहुत ही बड़ा पर्व ‘देव उठनी एकादशी’ है. यह पर्व पूरे देशभर में मनाया जाता है, लेकिन राजस्थान में इसका बहुत प्रभाव है. प्रदेश में ‘अबूझ सावे’ के रूप में यह पर्व विख्यात है.
पत्र में लिखा- “लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर रिश्तेदारों के घर जाते हैं. विवाह के एक दो दिन पहले एक दूसरे के गांव घर जाते हैं. वहीं जिनके यहां शादी है, वो तैयारियों में उलझे रहेंगे. ऐसे में दोनों ही सूरत में वो कामकाज या समारोह छोड़कर वोटिंग करने शायद ही जा पाएं. यह समस्या लाखों लोगों के सामने आएगी’. सांसद चौधरी ने लिखा ‘एक तरफ चुनाव आयोग एवं हम सभी का दायित्व रहता है कि वोटिंग प्रतिशत बढ़े. लोकतंत्र के पावन उत्सव में आमजन एक बड़ी भागीदारी कर भारतीय लोकतान्त्रिक व्यवस्था को मजबूत करें.”
अब 23 नवंबर की जगह 25 नवंबर को मतदान होगा. चुनाव आयोग की ओर से राजस्थान विधानसभा चुनाव की नई तारीखों की घोषणा के बाद अब 30 अक्टूबर को गजट नोटिफिकेशन जारी होगा, 6 नवंबर को नामांकन दाखिल करने का अंतिम दिन होगा, 7 नवंबर को नामांकन की जांच होगी, 9 नवंबर तक नामांकन वापस लिए जा सकेंगे, 25 नवंबर को मतदान होगा और 3 दिसंबर को मतगणना होगी.
राजस्थान चुनाव की प्रमुख तारीखें:
30 अक्टूबर: गजट नोटिफिकेशन जारी होगा
6 नवंबर: नामांकन दाखिल करने का अंतिम दिन
7 नवंबर: नामांकनों की जांच होगी
9 नवंबर: नाम वापस लेने की अंतिम तिथि
25 नवंबर: मतदान होगा
3 दिसंबर: मतगणना होगी