अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा को दिल्ली सेवा विधेयक से संबंधित एक प्रस्ताव पर फर्जी हस्ताक्षर करने के आरोप में राज्यसभा से अस्थाई रूप से निलंबित कर दिया गया है।
राघव चड्ढा के निलंबन की घोषणा राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने की। इसके साथ ही उनके निलंबन के मामले की जाँच के लिए प्रकरण को विशेषाधिकार समिति को सौंप दिया गया है।
राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा के ऊपर यह आरोप लगाया गया है कि उन्होंने 4 अन्य राज्यसभा सदस्यों की बिना सहमति के दिल्ली सेवा विधेयक से संबंधित एक प्रस्ताव पर उनके फर्जी हस्ताक्षर किए हैं। उन 4 राज्यसभा सदस्यों ने सभापति जगदीप धनखड़ से राघव चड्ढा की शिकायत की है और उनके ऊपर फर्जी हस्ताक्षर करने का आरोप लगाया है।
इन सदस्यों की शिकायत पर राघव चड्ढा को राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा से अस्थाई रूप से निलंबित कर दिया है।
इसके साथ ही उनके प्रकरण की जाँच के लिए उनके मामले को विशेषाधिकार समिति को दिया दिया गया है। जब तक विशेषाधिकार समिति जाँच कर अपनी रिपोर्ट नहीं देती है, तब तक राघव चड्ढा का निलंबन जारी रहेगा।
राघव चड्ढा के निलंबन का प्रस्ताव राज्यसभा में भाजपा सांसद पियूष गोयल ने रखा। उन्होंने कहा कि, “यह बहुत गंभीर मामला है। जिस तरह से बिना सदस्य की जानकारी के उनका नाम लिस्ट में डाल दिया गया है, वह बहुत ही गलत बात है।”
इसी के बाद राघव चड्ढा के निलंबन का प्रस्ताव पास किया गया और उनको निलंबित कर दिया गया। सभापति जगदीप धनखड़ ने आप सांसद संजय सिंह के निलंबन को जारी रखने की बात भी कही है।
उधर दूसरी ओर आप सांसद राघव चड्ढा ने कहा है कि, ” मेरा क्या अपराध है? कि मैंने पार्लियामेन्ट में खड़े होकर दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी के सबसे बड़े नेताओं से सवाल पूंछा। दिल्ली सेवा बिल पर भाजपा के सबसे बड़े नेताओं से न्याय की मांग करी? बीजेपी को आईना दिखाया?”
उन्होंने आगे कहा कि, “इसी हफ्ते मुझे कमेटी ऑफ परिविलेज़ेस से 2 नोटिस आए, कोई रिकार्ड होगा। इसी सत्र में आप के 3 सांसदों को सस्पेंड किया गया, संजय सिंह, सुशील रिंकू जी और मैं।”
उन्होंने कहा, “जिस मनगढंत अपराध के लिए मुझे दोषी करार कर रही है, वो अपराध किसी रुल बुक में नहीं लिखा हुआ। मैं भगत सिंह की जन्मभूमि से आता हूँ। पूरी मजबूती से प्रिविलेज़ कमेटी के सामने अपनी बात रखूंगा। जैसे राहुल गांधी जी की सदस्य्ता गई, ये आप के सांसदों की भी सदस्यता रद्द कर सकते हैं।”