अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो
लखनऊ | इस्लामी शिक्षा के लिए पूरे विश्व में विख्यात दारुल उलूम नदवातुल उलमा, नदवा लखनऊ ने मुस्लिम युवाओं को विदेश में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए एक बड़ी सार्थक पहल की है। इस पहल के रूप में वह अपने यहां पढ़ने वाले छात्रों को अंग्रेजी सिखाने के लिए कोर्स शुरू करने जा रहा है, जिससे यहां पर शिक्षा हासिल कर चुके छात्रों को विदेश में आसानी से रोज़गार मिल सके।
यूपी की राजधानी लखनऊ में स्थित दारुल उलूम नदवातुल उलमा की विश्व में एक अलग पहचान है। यह समूचे विश्व में विख्यात है और अपना एक अलग स्थान रखता है। यहां पर भारत के कोने- कोने से छात्र शिक्षा ग्रहण करने आते हैं।
भारत के अलावा मलेशिया, थाईलैंड, सिंगापुर, इंडोनेशिया और दक्षिण अफ्रीका समेत अन्य बहुत से देशों से छात्र यहां पर शिक्षा ग्रहण करने यानी पढ़ने आते हैं। यहां पर यह छात्र आलिया (इंटर के समकक्ष) से लेकर फाजिल (परास्नातक के समकक्ष) तक की शिक्षा ग्रहण करते हैं।
दारुल उलूम नदवातुल उलमा- नदवा में कुरान, हदीस, अरबी, फारसी, उर्दू, इस्लामिक शिक्षा के साथ अंग्रेजी की भी शिक्षा दी जाती है। पाठ्यक्रम में अंग्रेजी होने से छात्रों को समझने में आसानी होती है और वह सरलता से शिक्षा हासिल करते हैं। लेकिन इसके बावजूद उनको(छात्रों/ युवाओं को) अंग्रेज़ी बोलने में दिक्कत होती है। इसके कारण उनको विदेश में रोज़गार नहीं मिल पाता है।
इसीलिए दारुल उलूम नदवातुल उलमा नदवा ने अपने यहां पढ़ने वाले छात्रों के लिए (युवाओं के लिए) एक बड़ी सार्थक पहल की है, जिसके अंतर्गत दारुल उलूम ने अपने छात्रों के लिए अंग्रेजी और अरबी स्पीकिंग कोर्स शुरू करने का फैसला लिया है। ताकि यहां से शिक्षा ग्रहण कर चुके छात्रों /युवाओं को आसानी से विदेश में रोज़गार मिल सकेगा।
विदेश में और ख़ासकर पश्चिमी मुल्कों में यहां पर पढ़ चुके छात्र आसानी से कुरान और हदीस की बारीकियां लोगों को समझा सकेंगे। विदेश में शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों और मस्जिदों में इमाम के रूप में काम करने के लिए काफी मांग रहती है, लेकिन अंग्रेजी में दक्षता और निपुणता हासिल नहीं होने के कारण इनको रोज़गार नहीं मिल पाता है। अब यहां से शिक्षा ग्रहण कर जाने पर इनको विदेश में आसानी से रोजगार मिल सकेगा, क्योंकि अंग्रेजी बोलने में निपुण होंगे।
दारुल उलूम नदवातुल उलमा- नदवा बहुत जल्द अपने यहां पढ़ने वाले छात्रों/ युवाओं के लिए अंग्रेजी और अरबी स्पीकिंग कोर्स शुरू करने जा रहा है।
नदवा के सचिव मौलाना जाफर हसनी नदवी का इस संबंध में कहना है कि, “इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक दो शिफ्टों में चलेगा। शुरू में 120 छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा। नदवा की महादुल आली बिल्डिंग में ग्राउंड फ्लोर पर 20-20 छात्रों के बैच की 6 कक्षाएं चलेंगी।”
उन्होंने कहा, “इसके लिए 6 शिक्षकों को नियुक्त कर दिया गया है। यह कोर्स 8 माह का होगा। इसमें अंग्रेजी में बातचीत के अलावा आर्ट ऑफ पब्लिक स्पीच, पर्सनल डेवलपमेंट और ओपन डिबेट की शिक्षा दी जाएगी। इसी तरह से अरबी की शिक्षा दी जाएगी, जिसके लिए अलग से 6 शिक्षक नियुक्त किए गए हैं।”
उन्होंने कहा कि, “हमारे यहां के छात्रों/ युवाओं की विदेश में काफी मांग है। अमेरिका, ब्रिटेन, थाईलैंड और ऑस्ट्रेलिया में शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों और मस्जिदों में इमाम के लिए बड़ी मांग रहती है। लेकिन अंग्रेजी में बातचीत न कर पाने के कारण छात्रों/युवाओं को अवसर नहीं मिल पाता है और वह अवसर खो देते हैं। अब यहां से शिक्षा हासिल कर निकल चुकने वाले छात्रों/ युवाओं को आसानी से विदेश में रोजगार मिल सकेंगे।”
दारुल उलूम नदवातुल उलमा, नदवा की इस सार्थक पहल से मुस्लिम युवाओं को आसानी से विदेश में रोज़गार मिल सकेगा। दारुल उलूम नदवातुल उलमा की मुस्लिम युवाओं के लिए की गई सार्थक पहल वाकई में काबिले तारीफ है।