इंडिया टुमारो
लखनऊ | दिल्ली के जंतर मंतर पर अपनी मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से प्रदर्शन कर रही महिला पहलवानों के साथ दिल्ली पुलिस के अमानवीय बर्ताव को लेकर रिहाई मंच ने आपत्ति जताई है और इसे देश की बेटियों का अपमान बताया है.
रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा है कि, रात के अंधेरे में महिला पहलवानों पर देश की राजधानी दिल्ली में पुलिसिया हमला देश की बेटियों का अपमान है. बहनों बेटियों के समर्थन में जंतर मंतर जा रही जनता को रोककर इस सवाल को नहीं दबाया जा सकता.
राजीव यादव ने कहा कि, बेटियों के साथ देश की जनता खड़ी हो नहीं तो ये अपराधी नेता मां, बहनों, बेटियों का ऐसे ही शोषण, अपमान करेंगे.
मीडिया को जारी बयान में रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि, “देश की बेटियों पर हमलावर पुलिस के पास इतनी हिम्मत नहीं है कि भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह को गिरफ्तार कर ले. बारिश में अगर पहलवानों ने फोल्डिंग चारपाई मंगा ली थी तो क्या गुनाह किया.”
उन्होंने कहा, “पूरी दुनिया आज देख रही है कि जिन बेटियों ने देश का गौरव बढ़ाया आज उनको इंसाफ के लिए तेज बारिश में भी सड़क किनारे रातें गुजारनी पड़ रही हैं”
बृजभूषण ऐलानियां कह रहे कि मोदी, शाह और नड्डा कहें तो इस्तीफा दे दूंगा. ऐसे में देश के प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी और पहलवानों पर पुलिसिया हमला बदले की कार्रवाई जैसा है.
राजीव ने कहा, “यूपी में यौन हिंसा के आरोपियों पर एनकाउंटर में गोली चलाने वाली योगी सरकार में गोंडा में बृजभूषण बयानबाजी कर रहे हैं, कहां है बाबा का बुलडोजर. कुलदीप सिंह सेंगर, चिन्मयानंद जैसे भाजपा के नेताओं को संरक्षण देने का नतीजा है बृजभूषण शरण सिंह. क्योंकि उन्हें मालूम है कि भाजपा हर कीमत पर उन्हें बचाएगी. अगर ऐसा नहीं है तो क्यों बृजभूषण की गिरफ्तारी नहीं हुई. गिरफ्तारी तो दूर पूछताछ तक नहीं हुई. क्या इसलिए की वह बाहुबली हैं.”
उन्होंने कहा, “पिछले 11 दिनों से महिला पहलवान जंतर मंतर पर यौन शोषण के आरोपी बृजभूषण सिंह पर कार्रवाई के लिए धरने पर बैठी हैं. दुनिया में देश को सम्मान दिलाने वाली इन बेटियों को मेडल मिलने पर प्रधानमंत्री मिलते हैं पर आज जब वे रो रो कर इंसाफ मांग रही हैं तो चुप्पी साध ली गई है.”
रिहाई मंच महासचिव ने कहा, “इसी दिल्ली पुलिस ने जामिया की छात्राओं पर भी हमला किया था. ठीक इसी तरह रात के अंधेरे में हाथरस में बलात्कार पीड़िता के शव को जबरन पुलिस ने जलवा दिया. यह घटनाएं बताती हैं कि देश में माताओं बहनों की सरकार की नजर में कोई इज्जत नहीं है. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ सिर्फ दीवार पर लिखे इस्तेहार भर हैं.”