इंडिया टुमारो
भोपाल | मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अवैध मदरसों और ऐसे अन्य संस्थानों की समीक्षा करने का आदेश दिया है जहां ‘कट्टरता’ सिखाई जाती है.
भोपाल में कानून व्यवस्था की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय वर्चुअल मीटिंग में मुख्यमंत्री चौहान ने सभी 52 जिलों के पुलिस अधीक्षकों को कहा कि अवैध मदरसों और कट्टरपंथ की शिक्षा देने वाले संस्थानों की समीक्षा की जाएगी और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने कहा कि, कट्टरता और अतिवाद बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. बैठक में राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा सहित वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए.
उन्होंने अधिकारियों से सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफॉर्म पर भड़काऊ पोस्ट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को भी कहा गया है.
नाम न छापने का अनुरोध करते हुए, बैठक में भाग लेने वाले एक पुलिस अधीक्षक ने कहा कि, मुख्यमंत्री ने कट्टरपंथी गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित किया है. अधिकारी ने कहा, “पुलिस अधिकारियों को अवैध मदरसों और अन्य संस्थानों पर कड़ी नज़र रखने के लिए कहा गया है, जहां छात्रों को कट्टरपंथी बनना सिखाया जाता है.”
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश और असम के बाद मदरसा या इस्लामी धार्मिक स्कूलों की समीक्षा का आदेश देने वाला मध्य प्रदेश तीसरा राज्य है. राज्य में इस साल के अंत में चुनाव होने वाले हैं.
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहा, “मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि अवैध मदरसों और संस्थानों की समीक्षा की जानी चाहिए जहां कट्टरता सिखाई जा रही है. इसे समझने में उन्हें 18 साल लग गए. इसका मतलब है कि मध्य प्रदेश में इंटेलिजेंस फेल हो गया.”
चौहान पर निशाना साधते हुए, मिश्रा ने कहा, “आप एक विकासपुरुष हैं. कृपया विकास पर वोट मांगें… ये मंदिर, मस्जिद, मदरसा, कब्रिस्तान और श्मशान की बात क्यों कर रहे हैं? क्या मुख्यमंत्री भड़काऊ बयान देने वाले भाजपा नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करेंगे?
ज्ञात हो कि लगभग 1 साल पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश के सभी सरकारी सहायता प्राप्त और निजी मदरसों का सर्वे करने का निर्देश दिया था. हालांकि, बाद में इसपर कोई चर्चा नहीं हुई.
मध्यप्रदेश में इस वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं तो अब एक बार फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मदरसे का सर्वे याद आया है.