इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | जमात-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने मौलाना राबे हसनी नदवी के निधन पर शोक व्यक्त किया.
मीडिया को दिए एक बयान में, जमात-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष ने कहा, “मौलाना राबे हसनी नदवी के निधन से हम सभी को दुख हुआ है. मौलाना पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे और उनकी सेहत के लिए लगातार दुआएं हो रही थीं. हालांकि, हम सभी अल्लाह की इच्छा के आगे बेबस हैं.”
मौलाना को पूरी उम्मत के लिए एक बहुमूल्य संपत्ति बताते हुए, सआदतुल्लाह हुसैनी ने कहा कि, “वह लंबे समय तक देश के सबसे महत्वपूर्ण (इस्लामिक) शैक्षणिक संस्थान दारुल उलूम नदवतुल उलेमा के रेक्टर (चांसलर) थे. उन्होंने कई अन्य शिक्षण संस्थानों का भी नेतृत्व किया और कई प्रतिष्ठित संस्थानों की अकादमिक परिषदों की अध्यक्षता की.”
देश और समाज के लिए उनकी सेवाओं को याद करते हुए, जमात-ए-इस्लामी प्रमुख ने कहा, “मौलाना ने आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में एक महत्वपूर्ण मोड़ पर मुसलमानों को नेतृत्व प्रदान किया. मौलाना को विभिन्न क्षेत्रों में उनकी बहुमूल्य सेवाओं के लिए हमेशा याद किया जाएगा. उनकी उम्र और विभिन्न शारीरिक बीमारियों के बावजूद, धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों में उनकी सक्रिय भूमिका उल्लेखनीय थी.
जमात-ए-इस्लामी के अध्यक्ष ने कहा कि, “मौलाना की मौत निस्संदेह भारत के मुस्लिम समुदाय के लिए एक बड़ी क्षति है, ऐसे समय में जब मुसलमानों को विभिन्न समस्याओं और चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. मुझे उनसे कई बार मिलने का सौभाग्य मिला. हालाँकि, मुझे जमात-ए-इस्लामी हिंद के अमीर बनने के तुरंत बाद चार साल पहले नदवतुल उलमा में उनके आवास पर हुई मुलाकात अच्छी तरह से याद है.”
मौलाना से मुलाक़ात को याद करते हुए उन्होंने कहा, “मौलाना ने बड़ी सहृदयता से बहुत देर तक बात की और मुझे बहुमूल्य सलाह दी. मैं मृतक के परिजनों, प्रशंसकों और दारुल उलूम नदवतुल उलेमा के पदाधिकारियों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं. अल्लाह उन्हें माफ करे और उनपर रहम करें. अल्लाह उनकी सेवाओं को स्वीकार करे और उनके निधन से उत्पन्न शून्य को भर दे. अमीन!”