इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | देश के अलग-अलग राज्यों में रामनवमी के मौके पर हुई हिंसक घटनाओं को लेकर विभिन्न धर्मगुरुओं ने शांति बनाए रखने की अपील की है. धर्मगुरुओं ने संयुत रूप से बयान जारी कर इन घटनाओं में शामिल आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
विभिन्न धर्मगुरुओं ने अपने बयान में कहा है कि, हम सब धर्मों के प्रतिनिधि कड़े शब्दों में इन घटनाओं की निंदा करते हैं. साथ ही इस प्रकार की प्रवृति को देश और समाज के लिए एक बड़ी चुनौती समझते हैं.
ज्ञात हो कि पिछले दिनों देश के कई शहरों विशेष रूप से बिहार राज्य के नालंदा जिले के शहर बिहार शरीफ और सासाराम, पश्चिमी बंगाल के हावड़ा, महाराष्ट्र के औरंगाबाद और गुजरात के बड़ोदरा आदि में रामनवमी के जुलूस के दौरान हुई हिंसक घटनाएं, पथराव, आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं.
धर्मगुरुओं ने अपने बयान में कहा है कि ये घटनाएं हम सब के लिए चिंता का विषय है. ये घटनाएं आपसी प्रेम और सद्भाव को नुकसान पहुंचाने वाली हैं और देश तथा समाज को कमज़ोर करने वाली हैं.
बयान में कहा गया है, “इन घटनाओं के जो वीडियो सामने आए हैं उनसे साफ नज़र आ रहा है कि असामाजिक और अपराधी तत्व निर्भीक दिखाई दे रहे हैं. उन्हें धार्मिक स्थलों का अपमान करते देखा जा सकता है. पुलिस और प्रशासन मूक दर्शक बना दिखाई दे रहा है. ऐसा लगता है ये घटनाएं अचानक नहीं हुई हैं बल्कि पूर्व नियोजित थीं.”
धर्मगुरुओं ने बयान में कहा है, “हम सब का यह मत है कि शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन को समय पर उचित कदम उठाना चाहिए. अशांति फैलाने और हिंसा करने वाले किसी भी धर्म या समुदाय के लोग हों उनके खिलाफ निष्पक्ष एवं कानून सम्मत कार्यवाही तुरंत की जानी चाहिए.”
बयान में कहा गया है कि, “किसी भी धर्म के धार्मिक जुलूस में हथियार, लाठी, डंडे लेकर चलने को समय से रोका जाना चाहिए. भड़काऊ नारे लगाने वालों के खिलाफ समय पर उचित कार्यवाही की जानी चाहिए.”
मीडिया के लोगों से अपील करते हुए बयान में कहा गया है कि, “मीडिया के मित्रों से भी हम अपील करते हैं कि वे समाज में आपसी सद्भाव के वातावरण को मजबूत करने में अपनी सकारात्मक भूमिका निभाएं और निष्पक्ष तरीके से घटनाओं को रिपोर्ट करें.”
धर्मगुरुओं ने अपने संयुक्त बायान में कहा है कि, “सभी धर्म के लोगों से भी हम अपील करते हैं की धार्मिक पर्व एवम जुलूस के अवसर पर एक दूसरे का सहयोग करें, एक दूसरे के धार्मिक स्थलों का सम्मान करें. हर समाज के जिम्मेदार और अनुभवी व्यक्ति, शरारती व असामाजिक तत्वों को नियंत्रण में रखने का प्रयास करें.”
बयान में कहा गया है, “हाल में जहां जहां हिंसक घटनाएं या तनाव की स्थिति पैदा हुई है, समाज के जिम्मेदार नागरिक आगे आएं और आपसी सद्भाव को बहाल करने का प्रयास करें और जो नुकसान हुए हैं मिलजुल कर और सरकार की मदद से उसे पूरा करने की कोशिश करें.”
धर्मगुरुओं ने कहा है कि, “धर्म और आस्थाओं की विविधता भारतीय समाज की पहचान और शक्ति है, एक दूसरे के सम्मान और सहयोग के वातावरण को मज़बूत किया जाना चाहिए, इसी से हम अपने देश को प्रगति और समृद्धि के रास्ते पर ले जा सकते हैं.
हम सब धर्मों के प्रतिनिधि ईश्वर से देश में शांति और आपसी प्रेम की प्रार्थना करते हैं.”
धर्मगुरुओं के संयुक्त बयान पर हस्ताक्षरकर्ता:
- स्वामी सुशिल गोस्वामी जी महाराज, अध्यक्ष, भारतीय सर्वधर्म संसद,
- प्रोफेसर सलीम इंजीनियर, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, जमाअत-ए-इस्लामी हिन्द,
एवं संयोजक,राष्ट्रीय धार्मिक जनमोर्चा - ज्ञानी रणजीत सिंह, मुख्य ग्रंथि, गुरुद्वारा बंगला साहिब,
- फादर डॉक्टर एम् डी थॉमस, सेंटर फॉर पीस एंड हारमोनी,
- फादर सेबेस्टियन
- संत वीर सिंह हितकारी जी , चेयरमैन, रविदासिया धर्म संगठन,