अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो
लखनऊ | दूसरों के घरों और इमारतों को अवैध बताकर उस पर बुलडोज़र चलाने वाले प्रयागराज विकास प्राधिकरण (PDA) के पास खुद के भवन का नक्शा नहीं है। इसका खुलासा इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक मामले की सुनवाई से हुआ है। इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण के चेयरमैन को कोर्ट में तलब किया है, जिससे यूपी सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
प्रयागराज विकास प्राधिकरण(PDA) पहली बार उस समय चर्चा में आया था जब उसने प्रयागराज में 10 जून को जावेद पंप के मकान को अवैध बताकर ध्वस्त कर दिया था। PDA द्वारा मकान के ध्वस्तीकरण का कारण उसका नक्शा पास न होना बताया गया था। जबकि ध्वस्त किया गया मकान जावेद पंप का नहीं था बल्कि यह मकान जावेद पंप की पत्नी परवीन फ़ातिमा के नाम पर था।
जावेद पम्प की पत्नी परवीन फ़ातिमा को यह मकान उनके पिता ने दिया था। इस मामले को लेकर काफी विवाद हुआ था और यह मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट तक पहुंचा था। प्रयागराज विकास प्राधिकरण (PDA) ने इस मामले में अपने को फंसता देख ध्वस्त किए गए मकान का नक्शा पास न होना बताया था।
हालांकि, अब वही प्रयागराज विकास प्राधिकरण (PDA) खुद बुरी तरह फंस गया है, क्योंकि उसका खुद के भवन का नक्शा नहीं है। प्रयागराज विकास प्राधिकरण के खुद के भवन का नक्शा न होने का खुलासा इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका की सुनवाई किए जाने वाले एक मामले से हुआ है।
इस मामले से संबंधित एक जनहित याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट में मोहम्मद इरशाद ने दाखिल कर रखा है। मोहम्मद इरशाद ने अपनी जनहित याचिका में कहा है कि, “पीडीए (प्रयागराज विकास प्राधिकरण) इंद्रा भवन कार्यालय के नीचे दुकानों के अतिक्रमण, पोडियम, बरामदों में अवैध दुकानों को हटाया जाए।”
इस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपनी पिछली सुनवाई के दौरान पीडीए को अपने भवन का नक्शा पेश करने का निर्देश दिया था। 22 जुलाई को इस मामले की पुनः सुनवाई हुई। इसकी सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस राजेश कुमार बिंदल की पीठ में हुई। पीठ के सामने प्रयागराज विकास प्राधिकरण (PDA) अपने भवन का नक्शा नहीं पेश कर सका।
पीडीए के अधिवक्ता ने पीठ को बताया कि नक्शा खोजा गया है, लेकिन अभी तक मिल नहीं सका है। पीडीए के अधिवक्ता ने नक्शा पेश किए जाने के लिए और समय दिए जाने की मांग की। इस पर चीफ जस्टिस राजेश कुमार बिंदल की पीठ ने गहरी नाराज़गी जताई और कड़ी फटकार लगाई।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की पीठ पीडीए के जवाब से संतुष्ट नहीं हुई। पीठ ने पीडीए के चेयरमैन को इस मामले में तलब किया है और उनसे अगली तारीख में इस पर जवाब प्रस्तुत करने के लिए कहा है। हाईकोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 2 अगस्त की तारीख तय की है। प्रयागराज विकास प्राधिकरण का खुद के भवन का नक्शा न होने के कारण प्राधिकरण के चेयरमैन को इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा तलब कर लिया गया और उनसे हाईकोर्ट में पेश होकर जवाब देने को कहा गया है।
यूपी सरकार को इसकी खबर जब मिली तो, शासन की मुश्किलें बढ़ गईं। शासन को यह नहीं समझ में आ रहा है कि वह इसका हाईकोर्ट में क्या जवाब दे। इसके साथ ही साथ उत्तर प्रदेश शासन इसको लेकर भी परेशान है कि प्रयागराज विकास प्राधिकरण का खुद के भवन का नक्शा नहीं है, तो उत्तर प्रदेश शासन और पीडीए के लिए दिक्कतें खड़ी हो सकती हैं।
बताया जाता है कि प्रयागराज विकास प्राधिकरण (PDA) के पास उसके खुद के भवन का नक्शा गायब है। विकास प्राधिकरण के अधिवक्ता ने इसीलिए हाईकोर्ट में अपनी बात रखते हुए कहा था कि नक्शा खोजा जा रहा है और अभी मिला नहीं है। प्रयागराज विकास प्राधिकरण इस मामले को लंबे समय तक खींचना चाहता है, जिससे वह अपने भवन के नक्शे का इंतजाम कर ले। लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीडीए को कड़ी फटकार लगाते हुए आगे समय नहीं दिया बल्कि प्राधिकरण के चेयरमैन को तलब कर लिया।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस निर्णय से पीडीए से लेकर उत्तर प्रदेश शासन तक में हलचल मची हुई है और किसी को इसका जवाब नहीं सूझ रहा है। यूपी सरकार के इशारे पर योगी आदित्यनाथ को खुश करने वाला प्रयागराज विकास प्राधिकरण (PDA) बगैर सोचे -समझे लोगों के घरों पर बुलडोज़र चलवा देता है और निर्दोष लोगों के आशियाने को उजाड़ कर उनको सड़क पर खड़ा कर देता है।
क्या अब प्रयागराज विकास प्राधिकरण अपने खुद के भवन का नक्शा न होने पर उस पर बुलडोजर चलवायेगा? यह ऐसा सवाल है, जिसका जवाब प्रयागराज विकास प्राधिकरण ही दे सकता है। लोगों को पीडीए के भवन पर बुलडोज़र चलने का इंतजार है, तभी सच्चा न्याय होगा।