इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | कर्नाटक में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार द्वारा स्कूल और कॉलेज के पाठ्यक्रम के ‘भगवाकरण’ के खिलाफ राजनीतिक दलों, लेखकों, महिलाओं और गैर सरकारी संगठनों सहित कई संगठनों ने 31 मई को राज्य स्तर पर विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है.
बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क में 31 मई को इन संगठनों ने विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है. स्वतंत्रता सेनानियों भगत सिंह, टीपू सुल्तान, समाज सुधारक नारायण गुरु और पेरियार को कक्षा 10 कन्नड़ विषय की पाठ्यपुस्तकों से कथित रूप से हटाने का कड़ा विरोध किया गया है.
कर्नाटक की सत्तारूढ़ भाजपा ने स्पष्ट किया है कि उसने क्रांतिकारियों से जुड़े पाठ्यक्रम नहीं हटाए हैं, हिजाब संकट के बाद उसके खिलाफ झूठा प्रचार किया जा रहा है.
भाजपा सरकार का ने कहा है कि पाठ्यपुस्तकों के प्रकाशन और वितरण से पहले भी बिना वजह विरोध किया जा रहा है.
हालांकि, विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि सत्ताधारी भाजपा द्वारा आने वाले दिनों में राज्य के शैक्षणिक माहौल को बिगाड़ने की संभावना है.
रिपोर्ट के अनुसार, विरोध प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए समान विचारधारा वाले संगठनों ने एक बैठक की जिसमें स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई), नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई), ऑल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन (एआईएसएफ), मानव बंधुत्व वेदिक, जनवादी महिला संगठन, दलित संगठनों, अधिवक्ताओं, शिक्षा विशेषज्ञों और वरिष्ठ लेखकों ने इसके लिए अपना समर्थन देने का वादा किया है.
संगठनों ने रोहित चक्रतीर्थ की अध्यक्षता वाली पाठ समिति पुनरीक्षण समिति को समाप्त करने की मांग की है।
हालांकि, शिक्षा विभाग का कहना है कि विपक्ष और कुछ ताकतें इस बात को बर्दाश्त नहीं कर पा रही हैं कि राज्य में शिक्षा को प्रमुखता दी जाती है.
विपक्ष और अन्य संगठनों का आरोप है कि भाजपा सरकार द्वारा स्कूल और कॉलेज के पाठ्यक्रम का ‘भगवाकरण’ किया जा रहा है जिसके खिलाफ राजनीतिक दलों, लेखकों, महिलाओं और गैर सरकारी संगठन 31 मई को राज्य स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे.