अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो
लखनऊ | यूपी के जौनपुर जिले की मल्हनी विधानसभा सीट सपा काफी महत्वपूर्ण मान रही है। सपा के लिए यह सीट अखिलेश यादव की करहल विधानसभा सीट से कम नहीं है। इस सीट पर कब्जा करने के लिए सपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। सपा के लिए यह सीट कितनी महत्वपूर्ण है, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि चुनावी प्रचार के लिए मुलायम सिंह यादव खुद यहां पर पहुंच रहे हैं। मुलायम सिंह यादव वृद्ध राजनेता हैं और उनका स्वास्थ्य भी उम्र के अनुसार ठीक नहीं रहता है। लेकिन इसके बावजूद वह मल्हनी में सपा उम्मीदवार लकी यादव को जिताने के लिए उनका प्रचार करने जा रहे हैं।
इसके पहले वह सपा अध्यक्ष और अपने बेटे अखिलेश यादव के लिए करहल में चुनावी जनसभा करने और उनके लिए मतदाताओं से वोट देने की अपील करने गए थे। वह वृद्ध हैं और कहीं भी नहीं आते-जाते हैं। लेकिन वह मल्हनी चुनावी प्रचार करने के लिए जा रहे हैं। मुलायम सिंह यादव मल्हनी में 3 मार्च को एक जनसभा को संबोधित करेंगे। वह मल्हनी के अंतर्गत आने वाले कोलाहलगंज में सपा उम्मीदवार के पक्ष में जनसभा को संबोधित करेंगे और मतदाताओं से सपा उम्मीदवार लकी यादव को विजयी बनाने की अपील करेंगे। कोलाहलगंज यादव बाहुल्य इलाका है और इसके चारों तरफ यादव बाहुल्य क्षेत्र है। मुलायम सिंह यादव की इस जनसभा से जो संदेश निकलेगा, वह सपा उम्मीदवार को लाभ दिलाएगा।
मल्हनी विधानसभा क्षेत्र में मुलायम सिंह यादव से पहले 2 मार्च को शिवपाल सिंह यादव सपा उम्मीदवार लकी यादव के पक्ष में एक रैली करेंगे और सपा उम्मीदवार को वोट देने के लिए जनता से यानी मतदाताओं से अपील करेंगे। शिवपाल सिंह यादव को मल्हनी की अच्छी जानकारी है और वह यहां पर अक्सर आते-जाते रहते हैं। यहां के सपा उम्मीदवार लकी यादव के पिता स्व.पारसनाथ यादव पूर्व सांसद और पूर्व मंत्री रहे हैं। वह यहां से 2 बार विधायक भी चुने गए थे। उनके निधन से रिक्त हुए स्थान पर उपचुनाव हुआ था, जिसमें लकी यादव विधायक चुने गए थे। इस बार भी सपा ने लकी यादव को उम्मीदवार बनाया है। इनके सामने भाजपा ने पूर्व सांसद केपी सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है।बसपा ने शैलेंद्र यादव को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा है। जदयू से धनंजय सिंह चुनावी मैदान में डटे हुए हैं।
जौनपुर की मल्हनी सीट पर जीत हासिल करने के लिए सपा ने यहां पर अपनी पूरी ताकत लगा रखी है। मुलायम सिंह यादव जैसे वृद्ध राजनेता तो सपा के लिए जनसभा करेंगे ही, इसके अलावा सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव 4 मार्च को मल्हनी में एक जनसभा को संबोधित करेंगे और मतदाताओं से लकी यादव को जिताने की अपील करेंगे। मल्हनी सीट के महत्वपूर्ण होने का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि इस सीट को और जौनपुर जिले की सभी विधानसभा सीटों को जिताने के लिए सपा सांसद जया बच्चन और पूर्व सांसद एवं अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल यादव ने जौनपुर जिले के मड़ियाहूं में एक जनसभा की।जनसभा में इन्होंने मतदाताओं से जौनपुर के सभी सपा उम्मीदवारों को भारी बहुमत से जिताने की अपील की।
सपा जौनपुर जिले की मल्हनी विधानसभा सीट जीतकर यूपी की राजनीति में बड़ा उलटफेर करना चाहती है। वह इस सीट को जीतकर राजनीति में तोड़फोड़ करने वाले लोगों को विधानसभा चुनाव में ही हराकर उनके मंसूबों पर पानी डाल देना चाहती है यानि उनको राजनीतिक रूप से खत्म कर देना चाहती है। मल्हनी सीट पर जदयू के चुनाव चिन्ह पर पूर्व विधायक एवं पूर्व सांसद और माफिया डॉन धनंजय सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। इनको पर्दे में रहकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चुनाव लड़वा रहे हैं। धनंजय सिंह को योगी आदित्यनाथ का आशीर्वाद और संरक्षण प्राप्त है। बताया तो यहां तक जाता है कि धनंजय सिंह को जदयू का उम्मीदवार बनवाने में इनका बड़ा हाथ है और इन्होंने ही नीतीश कुमार से कहकर धनंजय सिंह को जद यू का टिकट दिलवाया है। धनंजय सिंह तिकड़मी व्यक्ति हैं और यह राजनीति में तोड़फोड़ करने की कला जानते हैं। इसीलिए योगी आदित्यनाथ इनको विधायक बनवाना चाहते हैं, जिससे मौका आने पर इनका प्रयोग किया जा सके।
योगी आदित्यनाथ ने यूपी में सेलेक्टिव माफिया राज के खात्मे का जो अभियान चलाया है और जिन माफियाओं को संरक्षण दिया है, उसमें धनंजय सिंह जैसे माफिया डॉन शामिल हैं। योगी आदित्यनाथ चाहे जो कुछ कहें, लेकिन सच्चाई यही है। धनंजय सिंह को योगी आदित्यनाथ द्वारा संरक्षण दिए जाने की पोल उस समय खुल गई थी, जब धनंजय सिंह पुलिस रिकॉर्ड में फरार चल रहे थे, लेकिन वह खुलेआम जौनपुर में क्रिकेट मैच खेल रहे थे। इस मामले के सामने आने पर योगी आदित्यनाथ की खूब फजीहत हुई थी, लेकिन योगी आदित्यनाथ के मुंह से अपने बचाव में एक शब्द तक नहीं निकला था। योगी आदित्यनाथ के जातिवादी होने के कारण ही भाजपा का बंटाधार हुआ है।
योगी आदित्यनाथ धनंजय सिंह को भाजपा में शामिल करके भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़वाने की योजना बना रहे थे, लेकिन अमित शाह ने धनंजय सिंह के भाजपा में प्रवेश को रोक दिया। दरअसल योगी आदित्यनाथ धनंजय सिंह को इसलिए विधानसभा चुनाव लड़वाना और जितवाना चाहते हैं, जिससे विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद धनंजय सिंह उनकी सरकार बनवाने में मदद करें। चूंकि धनंजय सिंह तोड़फोड़ करने वाले व्यक्ति हैं, इसलिए योगी आदित्यनाथ को भरोसा है कि धनंजय सिंह उनके काम आ सकते हैं। यही वजह है कि योगी आदित्यनाथ धनंजय सिंह के लिए इतना ज्यादा परेशान हैं।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव चल रहा है, लेकिन भाजपा में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। यहां पर उखाड़-पछाड़ का खेल चल रहा है। भाजपा में मोदी और योगी की नहीं बनती है। मोदी और अमित शाह लगातार यह प्रयास कर रहे हैं कि अगर यूपी में चुनाव परिणाम जोड़तोड़ कर भाजपा को सत्ता के करीब ले जा सकते हैं, तो योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाएगा। वे यह मानकर चल रहे हैं कि ऐसे हालात में योगी आदित्यनाथ सत्ता पाने के लिए भाजपा में तोड़फोड़ कर सकते हैं।
अमित शाह इसको अच्छी तरह से जान और समझ रहे हैं, इसीलिए उन्होंने धनंजय सिंह को भाजपा से बहुत ही दूर रखा है। लेकिन उन्हें योगी आदित्यनाथ की योजना की जानकारी है और वह बारीकी से योगी आदित्यनाथ पर नजर रखे हुए हैं। अमित शाह भी नहीं चाहते हैं कि धनंजय सिंह विधानसभा चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। अमित शाह योगी आदित्यनाथ के इरादों को भांप गए हैं, इसलिए वह योगी पर गहराई से नजर रखे हुए हैं।सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव इसीलिए मल्हनी सीट पर पूरा जोर लगाए हुए हैं कि यहां से सपा उम्मीदवार जीत जाए। अखिलेश यादव को भी इसका अहसास है कि धनंजय सिंह जीतकर दिक्कत कर सकते हैं, इसीलिए अखिलेश यादव मल्हनी को जीतने के लिए कोई मौका हाथ से जाने देना नहीं चाहते हैं।