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Thursday, April 25, 2024
Home पॉलिटिक्स क्या यूपी में परिवारवाद की सबसे बड़ी पोषक पार्टी भाजपा है?

क्या यूपी में परिवारवाद की सबसे बड़ी पोषक पार्टी भाजपा है?

अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो

लखनऊ | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह कहना है कि यूपी को परिवारवाद की जागीर नहीं बनने देंगे, जबकि सच्चाई यह है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा परिवारवाद की सबसे बड़ी पोषक पार्टी बन चुकी है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह कहना है कि यूपी को परिवारवाद की जागीर नहीं बनने दिया जाएगा। योगी आदित्यनाथ ने यह बात महराजगंज के फरेंदा कस्बे में मिनी स्टेडियम में भाजपा की जन विश्वास रैली में लोगों को संबोधित करते हुए कहा।

उन्होंने कहा कि 2014 के पहले देश का माहौल कैसा था, यह आप सभी जानते हैं। देश व प्रदेश में डबल इंजन की सरकार में आज माहौल कैसा है, यह सबके सामने है। पूर्व की सरकारों ने अपने स्वार्थ व परिवारवाद की राजनीति के चक्कर में देश और प्रदेश को लूट खसोट, भ्रष्टाचार और अराजकता का अड्डा बना दिया था।

योगी आदित्यनाथ द्वारा विरोधी राजनीतिक दलों एवं उनके नेताओं के खिलाफ कही गई यह बातें सच्चाई से बहुत ही दूर हैं। योगी आदित्यनाथ को या तो सच्चाई मालूम नहीं है या फिर जानबूझकर जनता से झूठ बोल कर उसे बेवकूफ बनाने का काम कर रहे हैं। योगी आदित्यनाथ का यह झूठ विश्वसनीय नहीं है और इससे योगी आदित्यनाथ के झूठे होने का पता चलता है।

आज यूपी में भाजपा परिवारवाद की सबसे बड़ी पोषक पार्टी है। इसमें एक -दो नहीं बल्कि कई राजनीतिक घराने खड़े हो गए हैं, जो राजनीति में सक्रिय हो कर राजनीति की मलाई खा रहे हैं। भाजपा में परिवारवाद की फसल खूब फल-फूल रही है और राजनेताओं के परिवार राजनीति में रहकर सत्ता का सुख भोग रहे हैं। योगी आदित्यनाथ की हिम्मत नहीं है कि वह इनके विरुद्ध कोई कदम उठाने का फैसला करें।

आईये अब हम भाजपा के परिवारवाद के राजनीतिक खेल की असलियत सबके सामने लाते हैं और जनता के ऊपर यह निर्णय लेने के लिए छोंड़ते हैं कि वह अब खुद निर्णय करे कि परिवारवाद की पोषक और उसको बढ़ावा देने वाली पार्टी कौन है।

यूपी में भाजपा में परिवारवाद की शुरुआत कल्याण सिंह ने की। कल्याण सिंह ने अपने राजनीति में सक्रिय रहते हुए ही अपने पुत्र राजवीर सिंह उर्फ राजू भईया को राजनीति में उतार दिया था। राजवीर सिंह कल्याण सिंह के सामने ही उत्तर प्रदेश में विधायक और मंत्री बने। इसके बाद वह एटा से सांसद बने।राजवीर सिंह आज एटा से सांसद हैं और उनके पुत्र संदीप सिंह योगी आदित्यनाथ की सरकार में मंत्री हैं। कल्याण सिंह की बहू यानी राजवीर सिंह की पत्नी भी विधायक रही हैं।

कल्याण सिंह के बाद राजनाथ सिंह का नम्बर आता है। इनके राजनीति में रहते हुए इनके पुत्र पंकज सिंह भी राजनीति में उतर गए थे। पंकज सिंह ने भाजपा के संगठन से राजनीति का आरम्भ किया। पार्टी के यूपी महामंत्री बने और मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य हैं।

यूपी की राजनीति में सक्रिय नरेश अग्रवाल आज भाजपा के बड़े नेता हैं। यह लम्बे समय तक यूपी में मंत्री रहे हैं और सांसद रहे हैं। इनके पुत्र नितिन अग्रवाल उत्तर प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष हैं।

उत्तर प्रदेश में भाजपा में परिवारवाद को बढ़ावा देने में श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या का भी योगदान है। स्वामी प्रसाद मौर्या योगी आदित्यनाथ की सरकार में उत्तर प्रदेश में श्रम मंत्री हैं। इनकी पुत्री संघमित्रा मौर्य बदायूं से भाजपा की लोकसभा सदस्य हैं। स्वामी प्रसाद मौर्या के पुत्र उत्कृष्ट मौर्या रायबरेली जिले में ऊंचाहार विधानसभा क्षेत्र से विधायक उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़कर चुनाव हार चुके हैं। उत्कृष्ट मौर्या की पत्नी इसी जिले के गौरा ब्लॉक की प्रमुख हैं।

भाजपा के विधान परिषद सदस्य दिनेश प्रताप सिंह हैं।यह रायबरेली के रहने वाले हैं। इनके भाई राकेश सिंह रायबरेली जिले की हरचंदपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक हैं। दिनेश प्रताप सिंह के एक भाई अवधेश सिंह रायबरेली जिला पंचायत अध्यक्ष हैं।दिनेश सिंह का पुत्र हरचंदपुर का ब्लॉक प्रमुख है।

मोहनलालगंज के सांसद और मोदी सरकार में मंत्री कौशल किशोर और उनकी पत्नी जयदेवी भाजपा की राजनीति में सक्रिय हैं। जयदेवी राजधानी लखनऊ के मलिहाबाद से भाजपा की विधायक हैं।

योगी आदित्यनाथ की सरकार में मंत्री स्वाति सिंह हैं और इनके पति दयाशंकर सिंह भाजपा में यूपी में पार्टी में उपाध्यक्ष पद पर हैं। स्वाति सी लखनऊ की सरोजनीनगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। यह दोनों भाजपा की परिवारवादी राजनीति का उदाहरण हैं।

इसी प्रकार योगी आदित्यनाथ की सरकार में मंत्री आशुतोष टण्डन हैं। यह पूर्व मंत्री, सांसद और गवर्नर लालजी टंडन के बेटे हैं। इनको भी लालजी टंडन ने अपने जीवित रहते हुए राजनीति में उतार दिया था। यह भी विरासत में मिली हुई राजनीति की मलाई खा रहे हैं और भाजपा के परिवारवाद का नाम रोशन कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नदी हैं। इन्होंने बसपा से राजनीति शुरू की थी। बाद में यह भाजपा में शामिल हो गए। यह राजनाथ सिंह के करीबी हैं। इनकी पत्नी अभिलाषा नन्दी प्रयागराज की मेयर हैं।

इसी प्रकार भाजपा के लोकसभा सदस्य ब्रजभूषण शरण सिंह भी हैं। इनके पुत्र प्रतीक भूषण सिंह गोंडा जिले से भाजपा के विधायक हैं। ब्रजभूषण शरण सिंह की पत्नी केतकी सिंह भी गोंडा से सांसद रही हैं।

गोंडा के भाजपा के लोकसभा सदस्य कीर्तिवर्धन सिंह हैं। इनके पिता आनन्द सिंह गोंडा से कई बार सांसद रहे हैं और अखिलेश यादव की सरकार में उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री रहे हैं। यह भी भाजपा की परिवारवादी राजनीति का अंग हैं। कभी भाजपा की बड़ी नेता रहीं और यूपी सरकार में मंत्री रहीं स्व. प्रेमलता कटियार की पुत्री नीलिमा कटियार योगी आदित्यनाथ की सरकार में मंत्री हैं।

कैराना के भाजपा के पूर्व सांसद स्व. हुकुम सिंह की पुत्री मृगांका सिंह भी भाजपा की राजनीति में सक्रिय रहकर भाजपा की परिवारवादी राजनीति को बढ़ावा देने में सक्रिय हैं। मृगांका सिंह को भाजपा ने हुकुम सिंह के निधन के बाद कैराना से लोकसभा चुनाव भी लड़वाया था।

इसी प्रकार हाथरस की पूर्व सांसद सीमा उपाध्याय और उनके पति एवं पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय भाजपा की राजनीति में परिवारवाद को बढ़ा रहे हैं। भाजपा की परिवारवादी राजनीति में चार चांद मेनका गांधी और वरुण गांधी लगा रहे हैं। मेनका गांधी सुल्तानपुर से भाजपा की लोकसभा सदस्य हैं और उनके पुत्र वरुण गांधी पीलीभीत से भाजपा सांसद हैं। योगी आदित्यनाथ को भाजपा का यह परिवारवादी प्रेम नहीं दिखाई देता है।

योगी आदित्यनाथ यूपी के विपक्षी दलों और उनके नेताओं को टारगेट कर उनके ऊपर हमला बोलते हुए उनके खिलाफ परिवारवाद को बढ़ावा देने का जानबूझकर झूठ बोलते हैं या फिर उन्हें इसका इल्म ही नहीं है कि आज यूपी में भाजपा परिवारवाद की सबसे बड़ी पोषक पार्टी है। योगी आदित्यनाथ को मालूम होना चाहिए कि भाजपा यूपी में परिवारवाद की पोषक पार्टी ही नहीं है बल्कि परिवारवादी भाजपा में शामिल कई राजनेताओं के परिवार सत्ता की मलाई काटने में जुटे हुए हैं।

इसलिए योगी आदित्यनाथ जी विपक्ष को टारगेट करना छोंड़कर अपने गिरेबान में झांकने का काम कीजिए कि आप सन्त होते हुए भी कितना झूठ बोल रहे हैं। झूठ बोलने से जनता आपके बहकावे में अब नहीं आने वाली है।आपको विधानसभा चुनाव में जनता का सामना करना ही पड़ेगा और जनता के सवालों का जवाब देना पड़ेगा। आप झूठ बोल कर अब जनता को नहीं बरगला पाएंगे। परिवारवाद की पोषक भाजपा को झूठ बोल कर बचा नहीं पाएंगे। भाजपा परिवारवादी पार्टी है, इसको आप छुपा नहीं पाएंगे।

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