इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में इस्लामिक इन्फॉर्मेशन सेन्टर द्वारा मुक्ताकाश प्रदर्शनी मैदान में 26 दिसम्बर को ‘‘मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना’’ विषय पर एक विशाल सर्वधर्म सम्मेलन आयोजित किया जिसमें विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखे.
सर्वधर्म सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए जमाअत इस्लामी हिन्द के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रोफेसर मोहम्मद सलीम इंजीनियर ने कहा कि नफरत और हिंसा का मूल कारण मज़हब नहीं है.
उन्होंने कहा कि, ‘‘इस संसार में हर दौर में ईश्वर की ओर से पैग़म्बर और नबी आते रहे हैं और उनका यही पैग़ाम था कि इस संसार में शान्ति स्थापित की जाए.”
जमाअत इस्लामी हिन्द के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रोफेसर मोहम्मद सलीम इंजीनियर इस्लामिक इन्फॉर्मेशन सेन्टर द्वारा मुक्ताकाश प्रदर्शनी मैदान में 26 दिसम्बर को ‘‘मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना’’ विषय पर आयोजित एक विशाल सर्वधर्म सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे.
प्रो. सलीम ने कहा कि कुरआन केवल मुसलमानों की ही पुस्तक नहीं है, ये समस्त मानवजाति के मार्गदर्शन की किताब है. सभी मानव एक कुटुम्ब के समान हैं. नफरत और हिंसा का मूल कारण वास्तविक धर्म नहीं है. तमाम मज़हब की शिक्षा नफ़रत, ज़ुल्म और हिंसा के विरुद्ध है.
अपने वक्तव्य में प्रो सलीम ने कहा कि, “कुछ लोग और समूह अपने को दूसरों से बड़ा और दूसरों को निम्न समझते हैं और राजनीतिक लाभ के लिए धर्म का ग़लत इस्तेमाल करते हैं और यही समाज में नफरत और हिंसा का मूल कारण है.”
‘जय कल्याण श्री’ (अलीगढ संस्करण) के संपादक डॉक्टर राजीव प्रचण्डिया ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि, ‘‘मज़हब नहीं सिखात आपस में बैर रखना’’ मात्र एक नारा या युक्ति नहीं बल्कि एक विचार है. कोई धर्म ऐसा नहीं जो ये कहता हो कि झगड़ा करो या बैर रखो.”
गुरूद्वारा मसूदाबाद के ज्ञानी प्रभजोत सिंह ने कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त किया कि गुरू नानक जी ने कहा है कि, ‘‘ऊँची ज़ात उसकी है जिसके कारनामें ऊँचे हों. न हम हिन्दू हैं न की मुस्लिम. हमें उस प्रभु ने अपने नूर से बनाया है और हम सब एक हैं और इन्सान हैं.’’
राष्ट्रीय संगठन ‘दि बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ इण्डिया’ के श्री जय सिंह सुमन बौद्ध ने कहा कि, “गौतम बुद्ध ने सदा समानता और मोहब्बत की बात की. श्री सुमन ने कहा कि बौद्ध धर्म छुआ- छूत को समाप्त करने का प्रयास किया.”
‘हरे कृष्ण भक्ति केन्द्र’ के श्री दीपक शर्मा ने अपने विचार रखते हुए कहा कि, “गीता में कहा गया है कि सभी मनुष्य ईश्वर की संतान हैं. जो धर्म के अनुसार चले वो देव है, और जो धर्म के विपरीत चले वो असूर है.”
चर्च ऑफ दी एसेन्शन अलीगढ़ के लारेंस दास जी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि अगर हमारे अंदर प्रेम, शान्ति हो तो हमें आपस में बैर ही नहीं रहेगा.
जमाअत इस्लामी हिन्द उत्तर प्रदेश, पश्चिम के प्रदेश अध्यक्ष अहमद अज़ीज़ खान ने सम्मेलन के समापन भाषण में कहा कि समस्त धर्मगुरुओं ने अपने विचार में यही कहा कि प्रेम और मानवता ही असल जीवन का मूल है.
कार्यक्रम के अंत में विभिन्न धर्म के धर्मगुरुओं को उपहार स्वरूप इस्लामिक पुस्तक दी गयी.