इंडिया टुमारो
लखनऊ | लखनऊ में आज संयुक्त किसान मोर्चा के किसान महापंचायत ने किसानों की ताकत का भव्य प्रदर्शन किया. इस मौके पर संयुक्त किसान मोर्चा के दर्जनों नेता मौजूद थे. सोमवार को लखनऊ पहुंचे कई किसान नेताओं का हवाईअड्डे पर ज़ोरदार स्वागत किया गया.
प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा तीनों कृषि कानून वापस लेने की घोषणा के बाद संयुक्त किसान मोर्चा आंदोलन को आगे बढ़ाने हुए राजधानी लखनऊ में सोमवार को इको गार्डेन पार्क में किसान मोर्चा की महापंचायत का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में भाकयिू नेता राकेश टिकैत भी पहुंचे. राकेश टिकैत ने कहा कि एमएसपी कानून बने और आंदोलन में मृत किसानों का शहीद का दर्जा दिया जाए.
लखनऊ की किसान महा पंचायत ने सोमवार को किसानों द्वारा प्रधानमंत्री को सौंपे गए छह सूत्रीय चार्टर को दोहराया और स्पष्ट किया कि अभी उनका आंदोलन खत्म नहीं हुआ है.
इस महापंचायत में वक्ताओं ने इस बात पर ज़ोर दिया कि पीएम मोदी ने जो घोषणा की, वह विरोध कर रहे किसानों की केवल पहली जीत है. किसान नेताओं ने कहा कि सरकार अभी भी बहुत सारी मांगों को मानने के लिए तैयार नहीं है. उन्होंने अब तक एकजुट होकर संघर्ष कर रहे भारत के किसानों और मज़दूरों को बधाई दी और उनसे संघर्ष जारी रखने का आग्रह किया.
उत्तर प्रदेश सरकार को किसानों के गन्ना का बकाया भुगतान न करने के खिलाफ चेतावनी दी गई.
सभी नेताओं ने लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड में न्याय के लिए अजय मिश्रा टेनी को गिरफ्तार करने और बर्खास्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया. हमारे भोजन और कृषि प्रणालियों पर कॉर्पोरेट नियंत्रण के खिलाफ सफल विरोध को नोट किया गया, और नागरिकों से आग्रह किया गया था कि वे अब तक आंदोलन से पैदा हुई चेतना और ऊर्जा को बनाए रखने के लिए उसी भावना को जारी रखें.
लखनऊ किसान महापंचायत में आज कई एसकेएम नेताओं के साथ लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड के शहीदों के परिवारजन मंच पर मौजूद थे. परिजनों का अभिनंदन किया गया.
संयुक्त किसान मोर्चा ने सिंघू मोर्चा पर बैठक के बाद कल देर शाम प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भेजा. इस पत्र में, एसकेएम ने इंगित किया कि पीएम ने द्विपक्षीय समाधान के बजाय तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के सरकार के फैसले की एकतरफा घोषणा का रास्ता चुना, इसके बावजूद एसकेएम ने घोषणा का स्वागत किया.
पत्र में वर्तमान आंदोलन में हजारों किसानों पर लगाए गए सैकड़ों मुकदमे वापस लेना, भारत सरकार के मंत्रिपरिषद से अजय मिश्रा टेनी की बरखास्तगी और गिरफ्तारी, आंदोलन के शहीदों के परिवारों को मुआवज़ा और पुनर्वास सहायता और सिंघू मोर्चा पर उनकी याद में एक स्मारक का निर्माण किये जाने की मांग की गई.
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा गया है कि, “हम आपको यकीन दिलाना चाहते हैं कि हमें सड़क पर बैठने का शौक नहीं है. हम भी चाहते हैं कि जल्द से जल्द बाकी मुद्दों का निपटारा कर हम अपने घर, परिवार और खेती बाड़ी में वापस लौटें. अगर आप भी यही चाहते हैं तो सरकार उपरोक्त छह मुद्दों पर अविलंब संयुक्त किसान मोर्चा के साथ वार्ता शुरू करे। तब तक संयुक्त किसान मोर्चा इस आंदोलन को जारी रखेगा.”
देश भर में कई राजनीतिक दल आंदोलन के लंबित मुद्दों से संबंधित समाधान पर एसकेएम की मांगों को मजबूती से उठा रहे हैं, चाहे वह एमएसपी कानूनी गारंटी से संबंधित हों या शहीदों के परिवारों को मुआवज़ा देने या प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामले वापस लेने आदि से संबंधित हो.