अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो
लखनऊ | उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रयागराज नहीं छोंड़ने का आदेश दिया है। मैनपुरी के नवोदय विद्यालय में 11वीं की छात्रा की संदिग्ध मौत के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को सूबे के पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल को फटकार लगाई थी और साथ ही प्रयागराज न छोड़ने का निर्देश दिया था.
इस मामले में पुलिस की भूमिका पर नाराज़गी जताते हुए कोर्ट ने एसपी मैनपुरी को तत्काल प्रभाव से हटाने को या फिर उन्हें जबरन सेवा से निवृत्त करने को कहा था. हाईकोर्ट के इस कड़े रुख के बाद शासन ने मैनपुरी के तत्कालीन एएसपी और वर्तमान में एटा के एएसपी ओमप्रकाश सिंह को सस्पेंड कर दिया है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह महत्वपूर्ण आदेश यूपी के मैनपुरी जिले में 2019 में एक छात्रा का शव फंदे से लटका हुआ मिलने के बाद पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही न किये जाने के कारण दिया है। इस मामले को लेकर पुलिस ने अभी तक कोई कार्यवाही नहीं किया है।
कोर्ट ने कहा कि छात्रा की पोस्ट मार्टम रिपोर्ट देखने से ये साफ पता चलता है कि उसके साथ छेड़छाड़ की गई है. गले में फांसी के निशान संदेह पैदा कर रहे हैं.
कोर्ट के इस मामले में दखल देने के बाद जुलाई 2021 में एफआईआर दर्ज की गई थी। लेकिन अभी तक इस प्रकरण में कोई कार्यवाही नहीं कीगई है। इस मामले की सुनवाई की इलाहाबाद हाईकोर्ट में तारीख थी और इस मामले के लिए हाईकोर्ट ने पुलिस महानिदेशक यूपी एवं अन्य पुलिस अधिकारियों को कोर्ट में उपस्थित होकर जवाब देने के लिए कहा था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश के बाद आज पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल, आईजी मोहित अग्रवाल और मैनपुरी के पुलिस अधीक्षक कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट में इस मामले की सुनवाई शुरू हुई तो मुकुल गोयल ने अपना पक्ष रखा। मुकुल गोयल के पक्ष रखने के दौरान हाईकोर्ट ने उनसे कई सवाल किए, लेकिन वे कोर्ट के सवालों का संतोषजनक उचित जवाब नहीं दे सके।
हाईकोर्ट इससे पुलिस महानिदेशक से बहुत ही नाराज हो गया और उसने कल तक उनको प्रयागराज नहीं छोंड़ने का सख्त आदेश दिया। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल से कहा कि, “मैनपुरी के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक पर कार्रवाई करके कल कोर्ट में आएं। तत्कालीन पुलिस अधीक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। पुलिस अधीक्षक को उसके पद से हटाएं या फिर जबरन सेवानिवृत्त करें।”
मैनपुरी में जिस छात्रा का 2019 में शव फंदे से लटकता मिला था, उसकी मौत को लेकर यह चर्चा हुई थी कि उसकी हत्या करके उसके शव को फंदे से लटका दिया गया था और उसे आत्महत्या करने का मामला बताने का प्रयास किया गया था।
छात्रा की मौत संदिग्ध होने की बात होने के बावजूद पुलिस ने इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं किया था और इस पूरे मामले को रफा- दफा कर दिया गया था। बाद में यह प्रकरण हाईकोर्ट गया और कोर्ट के दखल देने के बाद जुलाई 2021 में इसकी एफआईआर दर्ज की गई, लेकिन इस मामले में कोई कार्यवाही पुलिस ने नहीं किया।
पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई न किए जाने की सूचना जब हाईकोर्ट के संज्ञान में आई, तो माननीय अदालत ने संबंधित पुलिस अधिकारियों समेत उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल को हाईकोर्ट में हाजिर होने और जवाब देने के लिए निर्देश दिया।
हाईकोर्ट के निर्देश पर पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल आज हाईकोर्ट में पेश हुए और अपना पक्ष रखा, लेकिन अदालत उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हुई और उन्हें तत्कालीन दोषी पुलिस अधीक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने या उसे जबरन सेवानिवृत्त करने की कार्रवाई करके कल हाइकोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। इसी के साथ उन्हें प्रयागराज नहीं छोंड़ने का आदेश दिया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद पुलिस महकमे सकते में है। पुलिस महकमे के पास इस मामले के समाधान के लिए कोई जवाब नहीं मिल रहा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले से अपराधों पर पर्दा डालने का काम करने वाले और अपराधों को छुपाने वाले पुलिस अधिकारियों को तगड़ा झटका लगा है। पुलिस को इससे सबक लेने की जरूरत है।