इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | सोमवार को कृषि कानूनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस ने कहा है कि अगर सरकार कृषि कानूनों को लागू करने पर रोक नहीं लगाना चाहती तो हम इन पर रोक लगाएंगे.
नए कृषि कानूनों को लेकर पिछले 47 दिनों से प्रदर्शन कर रहे किसानों के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार के रुख पर नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहा है कि, ‘हम आपके रवैये से खुश नहीं हैं. अगर आप कानूनों पर रोक नहीं लगाते हैं तो हम इसे रोक देंगे.’
सोमवार को कृषि कानूनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश ने कहा है कि अगर केंद्र सरकार कृषि कानूनों को लागू करने पर रोक नहीं लगाना चाहती तो हम इन पर रोक लगाएंगे.
सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि हमारे समक्ष कोई भी ऐसी अर्जी दायर नहीं की गई, जिसमें कहा गया हो कि ये तीनों कानून किसानों के लिए फायदेमंद हैं.
अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के ऐसे फैसले हैं जो कहते हैं कि कोर्ट कानून पर रोक नहीं लगा सकते हैं.
भारत के मुख्य न्यायाधीश ने केंद्र सरकार से कहा कि आपने इसे ठीक से नहीं संभाला है हमें आज कोई कदम उठाना होगा.
मुख्य न्यायाधीश ने पूछा कि क्या अभी के लिए कृषि कानूनों को लागू करने को होल्ड पर रखा जा सकता है. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हम कुछ नहीं कहना चाहते हैं, प्रदर्शन चल सकता है लेकिन इसकी ज़िम्मेदारी कौन लेगा?
चीफ जस्टिस ने कहा, “किसी को प्रदर्शन करने से नहीं रोक सकते. इतने दिनों से कृषि कानूनों पर सरकार किसानों से क्या बात कर रही है.?”
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- कृषि कानूनों को समझने और समीक्षा के लिए हम एक कमेटी बना रहे हैं. तब तक कानूनों को रोक भी सकते हैं.चीफ जस्टिस ने किसानों के हालात पर चिंता जताते हुए कहा कि, वहां हालात जैसे हैं किसानों के आंदोलन में कुछ भी हो सकता है, इसके लिए कौन ज़िम्मेदार होगा?
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि हम नहीं चाहते कि आंदोलन में कोई घटना हो और हमारे हाथ खून से रंगे हों. उन्होंने कहा कि कानून की समीक्षा के लिए कमेटी बनाएंगे. कमेटी की रिपोर्ट आने तक कानूनों पर रोक लगा सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि आप आंदोलन का समाधान निकालिए.
कोर्ट ने कहा कि हम कानून की वैधता पर आदेश सभी पक्षो को सुनकर देंगे.