मसीहुज़्ज़मा अंसारी | इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | दिल्ली में नए कृषि क़ानूनों के विरोध में देशभर से आए किसानों का पिछले आठ दिनों से प्रदर्शन जारी है. इसी बीच पंजाब के होशियारपुर से एक युवक 360 किलोमीटर सायकिल चलाकर दिल्ली के सिंघू बॉर्डर किसानों को समर्थन देने पहुंचा.
सिंघू बॉर्डर पहुंचे युवक का नाम बलराज सिंह है जो पंजाब के होशियारपुर जिले का निवासी है. कृषि क़ानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ एकजुटता दिखाने 360 किलोमीटर लम्बी यात्रा सायकिल से तय करते हुए दिल्ली पहुंचा है.
इंडिया टुमारो से बात करते हुए बलराज ने कहा कि, “किसानों के अधिकार की लड़ाई में योगदान देने के लिए मैं दिल्ली आया हूँ. अगर आज किसानों के साथ खड़े नहीं होंगे तो कल की पीढ़ी को हम क्या जवाब देंगे. जो अन्नदाता हैं उनके साथ सरकार भेदभाव कर रही है. ऐसे में हम किसानों की मांगो का समर्थन करते हैं.”
बलराज ने इंडिया टुमारो को बताया कि वह किसानी भी करते हैं और पंजाब के होशियारपुर में उनका बिज़नेस भी है लेकिन अपना काम छोड़कर वो प्रदर्शन में शामिल होने आए हैं.
किसानों के आंदोलन को खालिस्तान से जोड़े जाने की बात पर नाराज़गी जाहिर करते हुए बलराज कहते हैं कि, “यह किसानों के आंदोलन को बदनाम करने की सरकारी तंत्र की साज़िश है. अन्नदाता के विरुद्ध ऐसी बातें गढ़ना बहुत ही गैरजिम्मेदाराना रवैया है.”
बलराज ने कहा, “सरकार जनता का ध्यान भटकाने के लिए इस आन्दोलन को बदनाम करना चाहती है. सरकार की मंशा साफ़ है कि वह किसानों के साथ नहीं है बल्कि वो कारोबारियों के साथ खड़ी है.”
इस सवाल पर कि यदि सरकार किसानों की मांग नहीं मानती है तो आप समर्थकों का क्या रवैया रहेगा, बलराज कहते हैं कि हम किसानों के साथ खड़े रहेंगे चाहे 6 महीना या सालभर यहीं सड़क पर रुकना पड़े. मगर हमें पूरा यक़ीन है कि सरकार को झुकना ही पड़ेगा क्योंकि किसान तो इसके बिना घर लौटने वाले नहीं हैं.”
ज्ञात हो कि सरकार और किसानों के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है मगर अब तक सभी बैठक बेनतीजा ही रही हैं. किसानों ने क़ानून वापसी की अपनी मांग को दोहराया है मगर सरकार ने अब तक अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है.
प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों की मांग है कि इन कानूनों को सरकार वापस ले. इन्हीं मुद्दों को लेकर सरकार और किसान संगठनों के बीच विज्ञान भवन में चली कई दौर की बैठक बेनतीजा रही. किसान और सरकार के बीच अगली बैठक 5 दिसंबर, शनिवार को होगी.
कई किसान नेताओं ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि सरकार के रवैये से ऐसा लगता है कि सरकार बात चीत के बहाने किसानों को उलझाए रखना चाहती है और मुख्य बिन्दु बात बात करने से बचना चाह रही है जिसके लिए ये प्रदर्शन जारी है.
इस बीच किसानों के समर्थन में और नए कृषि क़ानूनों के विरोध में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने राष्ट्रपति को चिठ्ठी लिखकर नए केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में पद्म विभूषण लौटाने की घोषणा की है.
उन्होंने केन्द्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में सख़्त रुख अपनाते हुए बृहस्पतिवार को किसानों के समर्थन में अपना पद्म विभूषण पुरस्कार लौटाया है.
दिल्ली के सभी बॉर्डर पर लगातार देशभर से किसानों का आना जारी है. किसान बड़ी संख्या में प्रदर्शनों में शामिल होकर सरकार के प्रति अपनी नाराज़गी ज़ाहिर कर रहे हैं.