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Tuesday, April 30, 2024
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कुशीनगर: ज़हरीली टाफ़ी खाने से एक ही परिवार के चार बच्चों की मौत, तीन संदिग्ध हिरासत में

अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो

कुशीनगर/लखनऊ | उत्तर प्रदेश के कुशीनगर ज़िले में बुधवार की सुबह जहरीली टॉफी खाने से एक ही परिवार के चार बच्चों की मौत हो गई. इस घटना से पीड़ित परिवार सदमें में है. इस मामले में तीन संदिग्धों को पुलिस ने हिरासत में लिया है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच का आदेश दिया है और पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता की घोषणा की है.

यह मामला कुशीनगर के कसया थाने के गांव कुड़वा दिलीपनगर के सिसई (लाठौर टोला) का है. मृत बच्चे अनुसूचित जनजाति लठवार परिवार के हैं. मृत बच्चों की पहचान रसगुला की पुत्री संजना 6 वर्ष, स्वीटी 3 वर्ष, समर 2 वर्ष और अपने मायके आई रसगुला कि बहन बलेसर के पुत्र आरुष 5 वर्ष के रूप में हुई है।

मामला सुबह का है, घर के लोग सोकर उठे तो घर के बाहर उन्हें दरवाजे पर जहरीली टाफियां पड़ी मिली थी. उन्होंने टॉफी बच्चों को खाने के लिए दे दिया. टाफियों के साथ एक-एक रुपये के नौ सिक्के भी फेंके गए थे.

घटना के सम्बंध में मृतक बच्चों के पिता रसगुला का कहना है कि, “सुबह 6:30 बजे मैं सोकर उठा और घर के बाहर आया तो दरवाजे पर टाफी और सिक्के बिखरे मिले. सिक्के और टाफी घर में रख दिया. मेरी पत्नी ने टॉफी बच्चों को दे दिया. खाते ही बच्चे अचेत हो गए. अस्पताल तक पहुंचते-पहुचते उनकी मौत हो गई.”

टाफियां इतनी ज़हरीली थीं कि रैपर पर बैठ रही मक्खियों की भी मौत हो जा रही थी. घटना की जानकारी मिलते ही भारी संख्या में लोग मौके पर पहुंच गए. रसगुला ने गांव के ही प्रेम, बाला व चौबस पर हत्या का आरोप लगाया है. आरोप है कि पूर्व में हुए विवाद में मुकदमा चल रहा है. घटना की जानकारी पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन शुरू कर दी. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.

एसडीएम कसया वरुण कुमार पांडेय ने मौके पर पहुंचकर घटनाक्रम के सम्बंध में जानकारी प्राप्त की. एसडीएम ने बताया कि इसकी गहनता से छानबीन कराई जा रही है. जांच पश्चात जो भी दोषी पाए जायेंगे, उनके विरुद्ध कठोर कारवाई होगी. एसडीएम ने कहा कि, परिजनों को हर सम्भव सहायता दी जायेगी.

यूपी में ध्वस्त कानून व्यवस्था के चलते कुशीनगर में 4 मासूम बच्चे मौत के मुंह में समा गए

अगर यह कहा जाये कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई है और अपराध चरम पर पहुंच गया है, तो शायद यह अतिशयोक्ति न होगी। यूपी में विधानसभा चुनाव के परिणाम 10 मार्च को आ गए थे, लेकिन अभी तक बहुमत पाई भाजपा राज्य में अपनी सरकार का गठन नहीं कर पाई है। राज्य में सरकार के गठन को लेकर भाजपा में कवायद चल रही है। भाजपा बड़े स्तर पर यानी हाई प्रोफाइल तरीके से राज्य में सरकार बनाने की तैयारी करने में जुटी हुई है।

कार्यवाहक योगी आदित्यनाथ की सरकार को राज्य में अपने नागरिकों की सुरक्षा व्यवस्था करने का समय नहीं है, नतीजन राज्य में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। यही वजह है कि राज्य में अपराधियों का बोलबाला बढ़ता जा रहा है और रोज मारपीट से लेकर हत्या करने की घटनाएं हो रही हैं, जिन पर राज्य सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। अगर राज्य सरकार का कानून व्यवस्था पर अकबाल कायम होता, तो कुशीनगर में 4 मासूम बच्चे मौत के मुंह में न समाते।

प्राप्त विवरण के अनुसार कुशीनगर के कसया थानांतर्गत कुडवा दिलीपनगर सिसई लठऊर टोले में आज सुबह संजना 6 वर्ष, स्वीटी 3 वर्ष और समर 2 वर्ष पिता रसगुल और आरुष 5 वर्ष रसगुल की बहन खुशबू का बेटा दरवाजे पर पड़ी टाफियां खाकर अचेत हो गए और फिर देखते ही देखते चारों बच्चे मौत के मुँह में समा गए। अचानक हुई इस घटना से गांव में अफरातफरी मच गई और चारों ओर कोहराम मच गया।

ह्रदयविदारक दिल को दहला देने वाली इस घटना की खबर आग की तरह चारों तरफ फैल गई। इसकी खबर कुशीनगर के जिला प्रशासन और पुलिस को हुई, तो उसके अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंचे। इन अधिकारियों के जरिए इसकी खबर यूपी की राजधानी लखनऊ में राज्य सरकार को भी मिली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आनन-फानन में घटना पर शोक संवेदना व्यक्त किया और प्रशासन को मृतकों के परिवार की हर संभव मदद करने का आदेश दिया। इसीके साथ मुख्यमंत्री ने इस घटना के जांच करने के आदेश भी दे दिए हैं।

घटना में मृतकों का संबंध अनुसूचित जनजाति लठ से है। इस घटना में 3 बच्चे रसगुल के हैं और एक बच्चा रसगुल की बहन खुशबू का है, जो अपने मायके आई हुई है। घटना इतनी ह्रदयविदारक दिल दहला देने वाली है कि देखने वालों की आंखों में बरबस आंसू आ जाते हैं। इस घटना के बाद गांव में केवल रोने की आवाजें सुनाई देती हैं। घटना के बाद पुलिस ने सभी बच्चों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। गांव में आने-जाने वाले लोगों का तांता लगा हुआ है।

पीड़ित परिवार ने गाँव के लोगों पर लगाया साज़िशन हत्या का आरोप

इस घटना के बाद गांव पहुंचे एसडीएम कसया वरुण कुमार पांडेय ने इस मामले को बहुत ही दुःखद बताया है। उन्होंने कहा है कि, “इस मामले की गहराई से जांच की जा रही है। इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कठोरतम कार्यवाही की जाएगी।” लेकिन इस घटना में मृतक बच्चों के पिता रसगुल ने आरोप लगाया है कि उसके गांव के ही प्रेम, चौबस और बाला प्रसाद ने रंजिशन उसके बच्चों की जहरीली टॉफियों के जरिए हत्या की है। किंतु पुलिस उसकी कही गई बात की ओर जांच नहीं कर रही है।

इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी सत्ता की मलाई खाने के लिए दलितों के वोट पाने की ख्वाहिश रखने वाली सत्तारूढ़ भाजपा, सपा, बसपा और कांग्रेस पार्टी का कोई बड़ा नेता अभी तक मृतकों के परिवार के आंसू पोंछने के लिए घटनास्थल पर नहीं पहुंचा है।

हालांकि यह कड़वा सच है कि इस समय भाजपा अपनी सरकार बनाने के लिए तैयारी करने में जुटी हुई है। इसके साथ ही साथ यह भी सच है कि सरकारी अमला सरकार बनवाने की तैयारी में जुटा हुआ है। सरकारी अधिकारियों को और खासकर पुलिस महकमे के बड़े अधिकारियों को कानून व्यवस्था की कोई चिंता नहीं है। वह राजनेताओं की जी-हुजूरी करने में जुटे हुए हैं, जिससे नई सरकार में अच्छी कुर्सी मिल सके।

चापलूसी करने वाले अधिकारियों के कारण यूपी की कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। राज्य में अपराधियों की तूती बोल रही है। अगर राज्य में योगी आदित्यनाथ का भय कायम होता, तो शायद कुशीनगर में यह मासूम बच्चे मौत के मुंह में न समाते।

कुशीनगर की यह घटना यूपी की ध्वस्त कानून व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह ही नहीं लगाता है बल्कि यूपी सरकार को कानून व्यवस्था के मामले में कटघरे में खड़ा करता है। लेकिन योगी आदित्यनाथ की सरकार इसका जवाब नहीं देगी, क्योंकि इस तरह की घटना होना सरकार के लिए आम बात है।

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