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Monday, April 29, 2024
Home पॉलिटिक्स किसानों के समर्थन में 15 जनवरी को राजभवनों का घेराव करेगी कांग्रेस

किसानों के समर्थन में 15 जनवरी को राजभवनों का घेराव करेगी कांग्रेस

नई दिल्ली | कांग्रेस ने शनिवार को फैसला किया कि वह तीनों नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग पर बल देने के लिए 15 जनवरी को सभी राज्यों में किसान अधिकार दिवस मनाएगी और उसके नेता एवं कार्यकर्ता राजभवनों का घेराव करेंगे।

कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने फैसला किया है कि किसानों के समर्थन में हर प्रांतीय मुख्यालय पर कांग्रेस पार्टी 15 जनवरी को किसान अधिकार दिवस के रूप में एक जन आंदोलन करेगी।

पार्टी नेताओं के अनुसार, सोनिया गांधी के साथ पार्टी के महासचिवों और राज्य के प्रभारियों की वर्चुअल बैठक में यह निर्णय लिया गया है।

सुरजेवाला ने कहा कि समय आ गया है कि मोदी सरकार देश के अन्नदाता की चेतावनी को समझे, क्योंकि अब देश के किसान काले कानून खत्म करवाने के लिए करो या मरो की राह पर चल पड़े हैं।

सुरजेवाला ने कहा कि पार्टी 15 जनवरी को विरोध प्रदर्शन और आंदोलन का आयोजन करेगी, जिसमें तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग करने के लिए राजभवन में एक मार्च आयोजित किया जाएगा।

उन्होंने सरकार की ओर से किसानों को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात पर कहा कि देश के लोगों ने सरकार को चुना है न कि सुप्रीम कोर्ट ने।

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि पिछले 73 वर्षो में यह पहली बार है कि सरकार किसानों से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए कह रही है।

कांग्रेस नेता ने कहा, जो लोग अपनी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं हैं, वे किसानों को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए कह रहे हैं।

उन्होंने कहा, देश के लोगों ने सरकार को चुना है, फिर सरकार किसानों को कहीं और क्यों भेजना चाहती है।

कांग्रेस नेता ने कहा, ये तीनों कृषि कानून संसद में सरकार द्वारा बनाए गए थे, न कि सुप्रीम कोर्ट में। तब सरकार अपनी जिम्मेदारी कोर्ट पर क्यों डाल रही है?

सुरजेवाला ने कहा, कानून बनाने का काम संसद का है न कि सुप्रीम कोर्ट का, और अगर सरकार जिम्मेदारी नहीं ले पा रही है तो उसे सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।

सुरजेवाला ने कहा, पिछले 40 दिनों के अंदर सरकार ने आठ बार बैठकें की हैं और हर बार वह केवल बातचीत की अगली तारीख दे रही है।

उन्होंने विरोध प्रदर्शन कर रहे 60 से अधिक किसानों की मौत के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया।

(आईएएनएस से इनपुट के साथ)

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