– रहीम ख़ान
जयपुर | राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों में से 124 सीटों पर भाजपा ने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं लेकिन इनमें से एक भी सीट पर अब तक किसी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया है.
ऐसा नहीं है कि राजस्थान में भाजपा मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट नहीं देती है, पहले भी कई बार भाजपा मुस्लिम प्रत्याशी चुनावों में उतारती आई है और उसका फायदा भाजपा को मिलता भी आया है.
भाजपा के टिकट पर कई मुस्लिम प्रत्याशी जीतकर ना केवल विधायक बने हैं बल्कि भाजपा सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर भी रहे हैं लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव के बाद से ऐसा देखने में आया है कि भाजपा मुस्लिम प्रत्याशी चुनावों में उतारने से बच रही है.
साल 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सिर्फ एक मुस्लिम प्रत्याशी युनुस खान को टिकट दिया था. 2018 के चुनाव में यूनुस खान को टिकट उनकी परंपरागत सीट डीडवाना से ना देकर सचिन पायलट के सामने टोंक से दिया गया था लेकिन नई सीट होने के बावजूद वहां भी युनुस खान 54861 वोट हासिल करने में कामयाब रहे थे.
राजस्थान में बीजेपी ने 2013 में 4 मुस्लिम प्रत्याशी विधानसभा चुनावों में उतारे थे जिनमें से युनुस खान को डीडवाना, हबीबुर्रहमान को नागौर, सलीम तंवर को मंडावा और सगीर अहमद को धौलपुर से टिकट दिया था उसमें से 2 प्रत्याशियों युनुस खान और हबीबुर्रहमान ने जीत दर्ज की थी.
4 मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट देने से राजस्थान की 30 मुस्लिम बहुल सीटों में से 24 पर भाजपा जीती थी और पूरे राजस्थान में भाजपा को 163 सीटों पर जीत मिली थी.
2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सिर्फ एक मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट दिया था वो भी उसकी सीट बदल कर सचिन पायलट के सामने, इसकी वजह से राजस्थान की मुस्लिम बहुल 30 सीटों में से सिर्फ 4 सीट भाजपा जीत पाई थी.
इस बार बीजेपी ने अब तक घोषित 124 सीटों में से एक पर भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया है. अगर भाजपा राजस्थान में कुछ सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी उतारती है तो उसका फायदा प्रदेश की अन्य सीट पर भी मिलता है.
पहले भी राजस्थान में भाजपा मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट देती आई है और वो जीतकर मंत्री भी बने हैं. बीकानेर से विधायक महबूब अली भैरोंसिंह शेखावत सरकार में 1977 से 1980 तक मंत्री भी रह चुके हैं.
रमज़ान खान तीन बार भाजपा के टिकट पर पुष्कर से विधायक चुने गए और भैरों सिंह शेखावत मंत्रिमंडल में मंत्री भी रहे.
युनुस खान को भाजपा ने 4 बार डीडवाना से टिकट दिया है जहां से 2003 और 2013 में जीतकर वो वसुंधरा राजे सरकार में मंत्री भी रहे.
डीडवाना से भाजपा अब तक सिर्फ दो बार ही जीती है और वो जीत भी यूनुस खान को ही मिली है. सगीर अहमद भाजपा के टिकट पर जीतकर धौलपुर से विधायक रह चुके हैं और राज्यमंत्री भी रहे हैं. 2013 में हबीबुर्रहमान नागौर से भाजपा के टिकट पर विधायक चुने जा चुके हैं.
प्रदेश में भाजपा मुसलमानों के लिए अछूत नहीं है, जब जब भाजपा ने टिकट दिया है मुसलमानों ने भाजपा को वोट दिया है. लेकिन भाजपा की राजनीतिक स्थिति जिसमें कट्टर हिंदुत्व की राजनीति को बढ़ावा दिया जा रहा है उसे देखते हुए तो यही लगता है कि भाजपा इस बार किसी भी मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट देने के मूड में नहीं है, चुनाव विश्लेषकों का कहना है कि इसका खामियाज़ा भी पार्टी को आने वाले विधानसभा चुनावों में उठाना पड़ सकता है.