इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | दिल्ली शराब नीति मामले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग केस में आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने ज़मानत दे दी.
राज्यसभा सांसद संजय सिंह को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 4 अक्टूबर, 2023 को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अब रद्द की गई दिल्ली आबकारी नीति को तैयार करने और लागू करने में उनकी कथित भूमिका का हवाला देते हुए गिरफ्तार किया था.
ईडी ने आरोप लगाया था कि शराब नीति के द्वारा कुछ शराब निर्माताओं, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं को लाभ पहुंचाना था.
रिपोर्ट के अनुसार, संजय सिंह की ज़मानत याचिका पर सुनवाई करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि सिंह के पास से कोई पैसा बरामद नहीं किया गया था और सरकारी गवाह दिनेश अरोड़ा द्वारा इस मामले में बयान दिए गए थे.
जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस प्रसन्ना बी वराले की पीठ ने आदेश दिया कि सुनवाई पूरी होने तक सिंह को ज़मानत पर रिहा किया जाए.
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से इस बारे में निर्देश लेने को कहा था कि क्या सिंह को और हिरासत में रखने की जरूरत है.
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि ईडी के पास बहस योग्य मामला है, लेकिन ऐसे में सिंह को ज़मानत पर रिहा किया जा सकता है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा कि उनकी हिरासत अब आवश्यक नहीं है.
पीएमएलए की धारा 45 में कहा गया है कि अदालत आरोपी को तभी रिहा कर सकती है जब वह संतुष्ट हो कि यह मानने का उचित आधार है कि वह दोषी नहीं है और ज़मानत पर रहते हुए उसके कोई अपराध करने की संभावना नहीं है.
अदालत ने यह भी टिप्पणी की थी कि मामले में आरोपी से सरकारी गवाह बने कारोबारी दिनेश अरोड़ा ने अपने शुरुआती बयानों में सिंह को फंसाया नहीं था.
दिल्ली आबकारी नीति मामले में सिंह द्वारा दायर ज़मानत याचिका पर अदालत सुनवाई कर रही थी. इस मामले में उनकी रिमांड को चुनौती देने वाली सिंह की पूर्व याचिका को भी इसी मामले के साथ जोड़ दिया गया है.
ज्ञात हो कि निचली अदालत ने 22 दिसंबर को सिंह की ज़मानत याचिका खारिज कर दिया था जिसके बाद उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था जहां 9 फरवरी को उनकी ज़मानत याचिका खारिज कर दी गई थी. सिंह ने इसके बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था.
सुनवाई के दौरान सिंह की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि शुरू में उनका नाम मामले में नहीं था और उन्हें इस आरोप में गिरफ्तार किया गया था कि अरोड़ा ने सिंह से जुड़े एक व्यक्ति को एक करोड़ रुपये दिए थे.