इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | दिल्ली के रामलीला मैदान में इंडिया गठबंधन की महारैली रविवार को आयोजित हुई जिस में विपक्षी दलों के नेताओं ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की तत्काल रिहाई की मांग की.
रामलीला मैदान में आयोजित लोकतंत्र बचाओ महारैली में INDIA गठबंधन के नेताओं द्वारा लोकतंत्र और संविधान बचाने का आह्वान किया गया.
महारैली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी, एनसीपी (शरतचंद्र पवार) प्रमुख शरद यादव, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख प्रमुख उद्धव ठाकरे, वामपंथी नेता सीताराम येचुरी, डी राजा, दीपांकर भट्टाचार्य, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, आरजेडी के तेजस्वी यादव और टीएमसी के डेरेक ओ ब्रायन, अरविंद केजरीवाल का पत्नी सुनीता केजरीवाल, पंजाब के सीएम भगवंत मान, जेएमएम नेता हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन समेत कई दिग्गज नेता शामिल हुए.
इस महारैली में विपक्षी दलों ने चुनाव में सभी दलों को समान अवसर सुनिश्चित कराने समेत 5 सूत्रीय मांगें रखी. ज्ञात हो कि केंद्रीय जाँच एजेंसी ईडी ने हेमंत सोरेन को ज़मीन घोटाले में और अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाले में अरेस्ट किया है.
रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित रैली में इंडिया गठबंधन ने मांग करते हुए कहा कि, चुनाव आयोग को चुनाव में हेराफेरी करने के उद्देश्य से विपक्षी दलों के खिलाफ जांच एजेंसियों द्वारा की जानी वाली कार्रवाई रोकनी चाहिए.
विपक्ष द्वारा मांग की गई कि चुनाव के दौरान विपक्षी राजनीतिक दलों का आर्थिक रूप से गला घोंटने की जबरन कार्रवाई भी तत्काल बंद होनी चाहिए.
रैली में INDIA गठबंधन ने मांग की है कि, चुनावी चंदे का उपयोग कर भाजपा द्वारा बदले की भावना, जबरन वसूली और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी का गठन होना चाहिए.
लोकतंत्र बचाओ महारैली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड्गे ने कहा, “अगर BJP की सरकार देश में संविधान बनाती तो वह महिलाओं को वोटिंग का अधिकार नहीं देती. लेकिन पंडित नेहरू जी और बाबासाहेब डॉ. आंबेडकर जी ने मिलकर हर एक व्यक्ति को वोटिंग का अधिकार दिया.”
उन्होंने कहा कि, “देश की जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है. जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर नेताओं और राजनीतिक दलों को डराया जा रहा है. BJP ने नेताओं को डरा-धमकाकर, विधायक-सांसद को खरीदकर सरकारें बनाई. लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए हमें लड़ना है. संविधान रहेगा तभी आपको अधिकार मिल पाएंगे.”
महारैली में अपनी बात रखते हुए CPIM के नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि, “अगर देश में महंगाई, बेरोजगारी से मुक्ति चाहिए तो हमें BJP सरकार से मुक्ति पानी होगी. देश में यदि सही मायनों में अमृतकाल हासिल करना है तो आपको INDIA को लाना होगा.”
लोकतंत्र बचाओ महारैली में झारखंड के मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने कहा, “हम लोग लगातार ED, CBI, IT से संघर्ष कर रहे हैं. हमारे नेता हेमंत सोरेन न कभी झुके हैं, न झुकेंगे. झारखंड में हमने दलित, पिछड़े और आदिवासियों को उठाने का काम किया तो BJP के पेट में दर्द उठ गया. हम संघर्ष की उपज हैं, हम सभी एक हैं और BJP जैसी तानाशाही सरकार को ख़त्म कर लोकतंत्र बचाएंगे.”
लोकतंत्र बचाओ महारैली में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि, “भगवान राम जब सत्य के लिए लड़े, तो उनके पास सत्ता नहीं थी, उनके पास संसाधन नहीं थे. लेकिन भगवान राम के पास सत्य, आशा, आस्था, प्रेम, परोपकार, विनय, धीरज, साहस था. मैं PM मोदी से कहना चाहती हूं कि- सत्ता हमेशा किसी के पास नहीं रहती, सत्ता आती-जाती रहती है और फिर अहंकार चूर-चूर हो जाता है.”
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने रैली में विपक्षी गठबंधन की ओर से पांच सूत्री मांगे रखते हुए कहा कि इंडिया गठबंधन की पांच मांगें हैं:
1– भारत के चुनाव आयोग को लोकसभा चुनावों में समान अवसर सुनिश्चित करना चाहिए.
2– चुनाव आयोग को चुनाव में हेरफेर करने के इरादे से विपक्ष के खिलाफ आयकर, सीबीआई और ईडी की बलपूर्वक कार्रवाई रोकनी चाहिए.
3– हेमंत सोरेन और अरविंद केजरीवाल को तत्काल प्रभाव से रिहा किया जाए.
4– विपक्षी दलों का आर्थिक रूप से गला घोंटने की कोशिशें बंद की जाएं.
5– बजेपी द्वारा बदले की भावना से लगाए गए जबरन वसूली और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक एसआईटी का गठन किया जाना चाहिए.
ज्ञात हो कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद एकजुटता व्यक्त करने के लिए रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में इंडिया गठबंधन की महारैली आयोजित की गई थी.
रैली में कांग्रेस हम संविधान को सुरक्षित रखने के लिए लड़ते रहेंगे. संविधान है तो मौलिक अधिकार बचे हैं. संविधान है तो हमारे दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग और ग़रीब वर्ग के लिए आरक्षण बचेगा. संविधान है तो लोकतंत्र बचेगा.