इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की केंद्र की मोदी सरकार को लोकसभा चुनाव से पूर्व चुनाव आयोग ने ‘विकसित भारत’ के निर्माण के लिए समर्थन मांगने वाले प्रधानमंत्री मोदी के व्हाट्सएप संदेश को तत्काल बंद करने का आदेश दिया है.
रिपोर्ट के अनुसार निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को केंद्र को “विकसित भारत संपर्क” के नाम से बड़ी संख्या में देश के आम लोगों को उनके मोबाइल पर भेजे जा रहे व्हाट्सएप संदेश को तत्काल रोकने का आदेश दिया है.
चुनाव आयोग ने यह आदेश विपक्ष के विभिन्न दलों के नेताओं द्वारा आपत्ति दर्ज करने के बाद दिया है. विपक्ष ने मोदी सरकार पर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए आम लोगों को व्हाट्सएप सन्देश भेजे जाने पर सवाल उठाया था.
चुनाव आयोग से विपक्ष के सांसदों ने लोगों को व्हाट्सएप पर भेजे जा रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उस सन्देश को लेकर कार्रवाई की मांग की थी जिसमें जनता से ‘विकसित भारत’ के निर्माण के लिए समर्थन मांगा गया है.
इस विवाद पर कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद शशि थरूर ने विदेश में रह रहे लोगों को प्रधानमंत्री का पत्र भेजे जाने पर गोपनीयता का मुद्दा उठाने वाले एक व्यक्ति की पोस्ट को साझा करते हुए सवाल खड़ा किया था.
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सवाल करते हुए कहा था, “क्या निर्वाचन आयोग सत्तारूढ़ दल के पक्षपातपूर्ण राजनीतिक हितों की पूर्ति के लिए सरकारी मशीनरी और सरकारी डेटा के इस तरह के ज़बरदस्त दुरुपयोग पर ध्यान देगा?”
विपक्ष की मांग पर निर्वाचन आयोग ने कार्रवाई करते हुए गुरुवार को केंद्र को निर्देश दिया कि वह “विकसित भारत संपर्क” के तहत बड़ी संख्या में व्हाट्सएप संदेश भेजना तुरंत बंद करे.
आयोग ने मामले की शिकायत मिलने के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को इस संबंध में निर्देश जारी किया है. अपने निर्देश में चुनाव आयोग ने कहा है कि, “यह कदम चुनाव में समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए आयोग द्वारा लिए गए निर्णयों का हिस्सा है.”
साथ ही निर्वाचन आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से इस मामले पर अनुपालन रिपोर्ट भी तलब की है.
आयोग को इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पत्र के साथ जारी संदेश 16 मार्च को आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले भेजे गए थे.
रिपोर्ट के अनुसार मंत्रालय ने आयोग को सूचित किया कि कुछ संदेश संभवतः नेटवर्क संबंधी कारणों की वजह से प्राप्तकर्ताओं तक देरी से पहुंच सके.
आयोग को कई शिकायतें मिली थीं कि आम चुनाव 2024 की घोषणा और आचार संहिता लागू होने के बावजूद सरकार की विभिन्न पहल को रेखांकित करने वाले ऐसे संदेश अभी भी आम जनता के फोन पर भेजे जा रहे हैं.
कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने इस संदेश पर आपत्ति जताई थी और आयोग से कार्रवाई करने का अनुरोध किया था.
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने भी सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री का व्हाट्सएप संदेश पोस्ट किया है जिसमें वह पत्र संलग्न था और उन्हें उनके वह फोन पर प्राप्त हुआ.
कांग्रेस नेता तिवारी ने इस मामले पर सख्त आपत्ति जताते हुए कहा था कि, “यह अनचाहा व्हाट्सएप संदेश कल देर रात 12.09 बजे आया. ऐसा लगता है कि यह इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय से आया है.”
उन्होंने सवाल उठाते हुए यह भी कहा था कि, “क्या यह आदर्श आचार संहिता और निजता के अधिकार दोनों का खुला उल्लंघन नहीं है?”
तिवारी ने सवाल किया था कि, “मंत्रालय को मेरा मोबाइल नंबर कहां से मिला? वे अनाधिकृत रूप से किस डेटाबेस तक पहुंच रहे हैं?”
लोगों के मोबाइल पर भेजे जा रहे प्रधानमंत्री के सन्देश पर आल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले ने भी आरोप लगाया था कि, पिछले दो दिनों में न केवल भारत बल्कि दुनिया भर से आए लोगों को मोदी और बीजेपी को बढ़ावा देने वाला यह ‘विकसित भारत’ व्हाट्सएप संदेश भेजा गया है.
हालांकि विपक्ष की शिकायत और आपत्ति के बाद मोदी सरकार को चुनाव आयोग ने ‘विकसित भारत’ के निर्माण के लिए समर्थन मांगने वाले प्रधानमंत्री के व्हाट्सएप संदेश को तत्काल बंद करने का आदेश दिया है.