स्टाफ रिपोर्टर | इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा तमिलनाडु में आयोजित प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के रोड शो में नाबालिग स्कूली बच्चों के राजनीतिक इस्तेमाल पर नया विवाद खड़ा हो गया है.
गौरतलब हो कि राजनीतिक रैलियों में बच्चों को शामिल करने और उनकी किसी भी प्रकार की भागीदारी भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के निर्देशों के विरुद्ध है.
इस मामले को तमिलनाडु शिक्षा विभाग ने गंभीरता से लिया है और जांच के आदेश दिए हैं. राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने बच्चों के राजनीतिक इस्तेमाल को लेकर सख्त रुख अपनाया है.
रिपोर्ट के अनुसार पीएम मोदी ने तमिलनाडु में मेट्टुपालयम रोड स्थित गंगा अस्पताल और आरएस पुरम के मुख्य डाकघर के बीच चार किलोमीटर लंबा रोड शो किया था.
दावा है कि इस रोड शो के दौरान सरकारी सहायता प्राप्त श्री साईं बाबा मिडिल स्कूल के 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से विभिन्न स्थानों पर बीजेपी कार्यकर्ताओं द्वारा आयोजित मंचों पर बीजेपी के प्रतीक चिह्नों वाली भगवा रंग की कपड़े की पट्टियां पहनाकर उन्हें शामिल करवाया गया.
कोयंबटूर ज़िला शिक्षा अधिकारी ने इस मामले पर फौरन संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए और स्कूल प्रबंधन को प्रधानाध्यापक और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और घटना की विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है.
श्रम विभाग के संयुक्त आयुक्त और मुख्य शिक्षा अधिकारी द्वारा भी अलग-अलग जांच शुरू की गई हैं.
कोयंबटूर ज़िला कलेक्टर ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से कहा है कि, “हमने इस मुद्दे का संज्ञान लिया है और एआरओ ने संबंधित विभागों से रिपोर्ट मांगी है. जांच के निष्कर्षों के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी.”
द हिंदू अखबार से बात करते हुए सहायक रिटर्निंग ऑफिसर (एआरओ) पी. सुरेश ने पुष्टि की कि ऐसे कार्य आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) का उल्लंघन करते हैं.
उन्होंने कहा, “एक बार जांच पूरी हो जाने के बाद रिपोर्ट आगे की कार्रवाई के लिए चुनाव आयोग को भेज दी जाएगी.”
द हिंदू से बात करते हुए मुख्य शिक्षा अधिकारी एम. बालमुरली ने कहा, “हमने जांच शुरू कर दी है. आयोजन से पहले सभी स्कूलों को स्पष्ट रूप से ऐसी प्रथाओं से दूर रहने का निर्देश दिया गया है.”
हैरत कि बात है कि अब तक राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने इस मामले पर कोई संज्ञान नहीं लिया, हालांकि NCPCR ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान स्कूली बच्चों के यात्रा में शामिल होकर राहुल से मुलाकात करने पर नोटिस जारी किया था.
NCPCR ने राहुल गाँधी और कांग्रेस को नोटिस जारी कर उनसे जवाब भी तलब किया था हालांकि, ख़बर लिखे जाने तक इस मामले में NCPCR ने कोई टिप्पणी नहीं की है.