अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | देश में हर घंटे 51 महिलाएं अपराध का शिकार हो रही हैं और इतने ही समय में 3 लोगों की हत्या हो जाती है. यह चौंकाने वाला आंकड़ा एनसीआरबी ने अपनी रिपोर्ट में साझा किया है.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने अपनी ताजा जारी रिपोर्ट में महिलाओं से संबंधित अपराधों का रिकॉर्ड जारी किया है और महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों की बढ़ोत्तरी का विस्तार से उल्लेख किया है.
एनसीआरबी ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया है कि देश में महिलाओं के साथ घटित होने वाले अपराधों की संख्या में इजाफा हुआ है. अपनी जारी रिपोर्ट में कहा है कि, देश में हर घंटे 51 महिलाएं अपराध का शिकार हो रही हैं. इतने ही समय में 3 लोगों की हत्या भी हो जाती है.
रिपोर्ट के मुताबिक देश के 19 महानगरों में स्थिति और चिंताजनक हो गई है, जहां महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले 2021 की तुलना में 2022 में 12.3 प्रतिशत बढ़े हैं। रिपोर्ट के अनुसार देश में 2022 में हत्या के कुल 28,522 मामले दर्ज किए गए यानी प्रतिदिन औसतन 78 हत्याएं हुई.
2021 में यह आंकड़ा 29,272 और 2020 में 29,193 था। जबकि 2022 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 4,45,256 मामले दर्ज किए गए, जो 2021 के 4,28,278 मामलो की तुलना में लगभग 4 प्रतिशत ज्यादा हैं.
एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक 20 लाख से अधिक आबादी वाले 19 महानगरों में महिला अपराध के 48,755 मामले दर्ज हुए हैं, 2021 में यही आंकड़ा 43 ,414 था.
देश के 19 महानगरों में देश की राजधानी दिल्ली, यूपी की राजधानी लखनऊ, दिल्ली से लगा हुआ गाजियाबाद, यूपी का ही एक बड़ा महानगर कानपुर, बिहार की राजधानी पटना, अहमदाबाद, बंगलूरू, चेन्नई, कोयंबटूर, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, कोलकाता, कोच्ची, कोझिकोड, मुंबई, नागपुर, पुणे और सूरत महिलाओं की सुरक्षा के लिए संवेदनशील बन गये हैं.
एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक यूपी में हत्या के सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं, जो 3,491 हैं. इसके बाद बिहार का नंबर आता है जहां पर 2,930 मामले दर्ज किये गए हैं. हत्या के मामले में तीसरा स्थान महाराष्ट्र का है. यहाँ पर हत्या के 2,295 मामले दर्ज किए गए हैं.
अपराध की बढ़ोत्तरी में चौथा स्थान मध्य प्रदेश का है, जहां पर 1,978 हत्या के मामले दर्ज किए गए हैं. राजस्थान में 1,834 हत्या के मामले दर्ज किए गए हैं. हत्या के सबसे ज्यादा मामले इन्हीं राज्यों में दर्ज किए गए हैं, जो लगभग 43.92 प्रतिशत हैं. केंद्र शासित राज्यों में दिल्ली सबसे ऊपर है, यहाँ पर हत्या के 509 मामले दर्ज किए गए हैं.
एनसीआरबी ने अपनी रिपोर्ट में बच्चों के खिलाफ बढ़ती हिंसा का भी उल्लेख किया है. रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 में बच्चों के खिलाफ अपराध के कुल 1,62, 449 मामले दर्ज किए गए, यह साल 2021 की तुलना में 8.7 प्रतिशत ज्यादा हैं. इनमें 45.7 प्रतिशत मामले अपहरण और बंधक बनाए जाने तथा 39.7 प्रतिशत मामले यौन उत्पीड़न से संबंधित हैं.
एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार 2022 में साईबर अपराधों की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी हुई है. 2022 में साईबर अपराधों के 65,893 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2021 में 52,974 मामले दर्ज किए गए थे. इस तरह से साईबर अपराधों की संख्या बढ़ी है.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के सामने आने के बाद यह बात बिल्कुल साफ हो गई है कि यूपी की राजधानी लखनऊ, यूपी की उद्योग नगरी कानपुर और यूपी के बड़े महानगर गाजियाबाद में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं. जबकि यूपी सरकार और राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यूपी को अपराधियों से मुक्त होने का दावा करते रहते हैं.
योगी आदित्यनाथ यहाँ तक कहते हैं कि अपराधियों ने उनकी सरकार में यूपी छोड़ दिया है. योगी आदित्यनाथ अब एनसीआरबी के आंकड़ों पर क्या कुछ बोलेंगे या इनको झूठा कहकर आंकड़ों से मुंह मोड़ लेंगे?