इंडिया टुमारो
जयपुर | राजस्थान हाईकोर्ट ने बुधवार को राजस्थान के कोचिंग संस्थानों में विद्यार्थियों के बढ़ते आत्महत्या के मामलों को लेकर स्वतः संज्ञान लिया है.
पिछले सोमवार को कोटा के कोचिंग संस्थानों में पढ़ने वाले तीन छात्रों ने एक ही दिन में आत्महत्या कर ली थी. आत्महत्या करने वाले तीनों छात्रों की उम्र 20 साल से कम थी.
समाचार एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, राजस्थान उच्च न्यायालय ने अटॉर्नी जनरल न्याय मित्रा और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग से राज्य के कोचिंग संस्थानों, विशेषकर कोटा और सीकर जिलों में छात्रों द्वारा आत्महत्या की रोकथाम के संबंध में सुझाव देने को कहा है.
अदालत ने उनसे आत्महत्याओं के मामलों की जांच करने और सुझाव देने को कहा कि इस परस्थिति से कैसे निपटा जाए और इसके लिए कैसे एक प्रभावी मनोवैज्ञानिक परामर्श प्रणाली विकसित की जाए.
मामले की अगली सुनवाई 20 जुलाई को होगी.
सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने कहा कि, काउंसलरों को संस्थागत आधार पर नियुक्त किया गया है और उनसे इस संबंध में प्राप्त जानकारी निगरानी समिति के पास उपलब्ध है.
इस पर कोर्ट ने कहा कि, मेंटल हेल्थ फाउंडेशन जैसी संस्था की सेवाएं लेकर इसे और प्रभावी बनाया जा सकता है.
ग़ौरतलब है कि, राजस्थान का शहर कोटा मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए की जानी वाली प्रवेश परीक्षाओं की कोचिंग के लिए देश में अग्रणी है.
लेकिन प्रतियोगी दबाव को ना झेल पाने के कारण हर वर्ष सैकड़ों छात्र आत्महत्या कर लेते हैं. आत्महत्या के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हुई है.