नई दिल्ली | राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने इतिहास समेत स्कूलों की पाठ्य पुस्तकों से कई अध्याय और तथ्यों को हटाया है. देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद से जुड़े अंश को भी स्कूली पुस्तक से हटा दिया गया है.
एनसीईआरटी (NCERT) की तरफ से 11वीं क्लास की पॉलिटिकल साइंस की नई किताब में देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद का नाम हटा दिया गया है.
रिपोर्ट के अनुसार, एनसीईआरटी ने यह बदलाव 11वीं क्लास की पॉलिटिकल साइंस की पाठ्यपुस्तक में किया है.
काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) में हुए बदलाव को लेकर पहले से ही राजनीतिक विवाद जारी है. एनसीईआरटी का कहना है कि सारे बदलाव पिछले साल जून में ही कर दिए गए थे. इस साल कुछ भी नया नहीं हुआ है.
किताब के पहले चैप्टर में, ‘संविधान – क्यों और कैसे’ टॉपिक से, संविधान सभा समिति की बैठकों से मौलाना आजाद का नाम हटा दिया गया है. आजाद का नाम हटाकर लिखा गया है “तब आमतौर पर, जवाहरलाल नेहरू, राजेंद्र प्रसाद, सरदार पटेल या बीआर अंबेडकर इन समितियों की अध्यक्षता करते थे”.
मौलाना आजाद ने कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में अपने 6वें वर्ष में ब्रिटिश कैबिनेट मिशन के साथ बातचीत करने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भी किया था.
हटाई गई किताब के “संविधान-क्यों और कैसे?” चैप्टर की एक लाइन में लिखा था संविधान सभा में अलग-अलग विषयों पर आठ प्रमुख समितियां थीं. आमतौर पर, जवाहरलाल नेहरू, राजेंद्र प्रसाद, सरदार पटेल, मौलाना आजाद या आंबेडकर इन समितियों की अध्यक्षता करते थे. ये ऐसे लोग नहीं थे जो कई बातों पर एक-दूसरे से सहमत हों.
एनसीईआरटी का कहना है कि इससे बच्चों को जल्दी सिलेबस कवर करने में मदद मिलेगी.
मुगल काल के शासकों और उनके इतिहास पर आधारित अध्यायों को थीम्स ऑफ़ इंडियन हिस्ट्री पार्ट II नामक किताब से हटा दिया गया है.