अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो
लखनऊ | भाजपा की स्थिति त्रिपुरा में हर दिन बुरी होती जा रही है इसलिए अमित शाह ने नई रणनीति अपनाते हुए त्रिपुरा में देश के गृह मंत्री ने राम मंदिर के तैयार होने की बात कहकर हिन्दुओं को हिंदुत्व के रास्ते पर चलने का संदेश दिया है। इसमें एक छिपा सन्देश ये भी है कि भाजपा के पास अब कोई मुद्दा नहीं बचा है।
इस समय देश में दो बड़ी समस्याओं बेरोजगारी और मंहगाई ने एक बड़ी आबादी को प्रभावित कर रखा है और लोग इससे बहुत ही ज्यादा परेशान हैं। मोदी सरकार को जनता की इस समस्या से जैसे कोई सरोकार नहीं है। मोदी सरकार जानबूझकर इस समस्याओं से मुंह फेरे हुए है, क्योंकि यह समस्याएं मोदी सरकार की ही देन हैं।
सरकार ने देश के तमाम सरकारी संस्थानों को बेंच दिया है, जिससे सरकारी नौकरी खत्म हो गई हैं। इस वजह से किसी को नौकरी मिल नहीं रही है और बेरोजगारी दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। बेरोजगारी बढ़ने से मंहगाई भी बढ़ गई है। लेकिन मोदी सरकार इसका कोई निदान नहीं कर रही है।
सरकार अब इन दो मुख्य समस्याओं से मुंह चुरा रही है और इन पर कोई बात नहीं करना चाहती है। लेकिन देश के लोगों के वोट लेकर वह फिर से केंद्र सरकार में बैठने का सपना संजोए है। इस सपने को पूरा करने के लिए भाजपा राम मंदिर के जरिए हिंदुत्व की लहर पैदा कर लोगों के वोट झटकना चाहती है और वह इसी रास्ते पर चल रही है।
देश के गृह मंत्री अमित शाह ने त्रिपुरा में राम मंदिर के बारे में जो बात कही है, वह इसकी रूपरेखा है। अमित शाह ने इस तरह की बात कहकर हिन्दुओं को हिंदुत्ववादी रास्ते पर भाजपा के चलने का संकेत दिया है और हिन्दुओं को इसके लिए तैयार रहने का संदेश दिया है।
दरअसल भाजपा इस समय मुद्दा विहीन हो गई है और उसके पास कोई मुद्दा नहीं बचा है। भाजपा को अब सिर्फ और सिर्फ राम मंदिर का सहारा है। भाजपा यह मानकर चल रही है कि राम मंदिर बनाने के नाम पर वह एक बार फिर देश में हिंदुत्व की लहर पैदा कर हिंदू वोटों का धुर्वीकरण कर केंद्र सरकार की सत्ता पर कब्जा जमाने में सफल हो सकती है।
भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कर उसको जनता के लिए खोल देना चाहती है। वह सोच रही है कि राम मंदिर के निर्माण होने और जनता के लिए राम मंदिर दर्शन करने के लिए खोल देने से जनता भाजपा के साथ आ सकती है।
भाजपा हिदुत्व के नाम पर जनता को अपने साथ लाकर और उसका वोट झटक कर सत्ता पाने में कामयाब हो सकती है। इसीलिए अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण तेजी के साथ किया जा रहा है और भाजपा हर हाल में राम मंदिर का निर्माण 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले कर लेना चाहती है, जिससे वह राम मंदिर को जनता के दर्शनों के लिए खोल सके एवं हिंदुत्व की लहर पैदा कर सके।
देश के गृह मंत्री अमित शाह ने यूं ही नहीं बल्कि सारा गुणा-भाग लगाकर अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के तैयार होने की बात की है। अमित शाह ने कहा है कि, “1जनवरी 2024 को अयोध्या में गगनचुंबी राम मंदिर आपको तैयार मिलेगा। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान मैं भाजपा का अध्यक्ष था और राहुल बाबा कांग्रेस के अध्यक्ष थे। वे रोज पूंछते थे-मंदिर वहीं बनाएंगे तिथि नहीं बताएंगे। तो राहुल बाबा कान खोलकर सुन लो 1 जनवरी 2024 को अयोध्या में गगनचुंबी राम मंदिर आपको तैयार मिलेगा।”
गृह मंत्री अमित शाह ने त्रिपुरा में हिन्दुओं को लुभाने के लिए भाजपा की जन विश्वास यात्रा को संबोधित करते हुए कहा कि, “काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनाया, महाकाल का कॉरिडोर बनाया। सोमनाथ और अंबा जी का मंदिर सोने का हो रहा है। मां विंध्यवासिनी का मंदिर नया बन रहा है। सिर्फ राम मंदिर नहीं, एकाध साल जाने दीजिए मां त्रिपुर सुंदरी का मंदिर भीऐसा भव्य बनेगा कि पूरी दुनिया यहां देखने आएगी।”
अमित शाह ने इस तरह की बात कहकर यानी हिन्दू धर्म के अन्य देवी एवं देवताओं के मंदिर के निर्माण की बात कहकर हिन्दुओं को खुश करने का पूरा-पूरा प्रयास किया। अमित शाह ने यहां पर भाजपा की दो जन विश्वास यात्रा रवाना की। उन्होंने त्रिपुरा में जानबूझकर राम मंदिर के निर्माण की तारीख की घोषणा इस लिए किया, क्योंकि त्रिपुरा में हिंदुओं की बड़ी आबादी है और यह हिंदू देवी-देवताओं में आस्था रखते हैं।
यही नहीं 2021 में राम मंदिर के निर्माण के लिए चंदा एकत्रित करने के लिए यहां पर भाजपा ने रथ यात्रा निकाली थी, जिसको अच्छा रिस्पांस मिला था और जनता ने खूब चंदा दिया था। त्रिपुरा में आदिवासी क्षेत्रों में भाजपा को यहां पर राम मंदिर के लिए बड़ा चंदा मिला था।
2023 में त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव होना है, इसलिए अमित शाह ने योजनाबद्ध तरीके से हिंदुओं को भाजपा के साथ लाने के लिए यहां पर अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की तारीख घोषित की, जिससे हिंदुओं को लुभा कर अपने पाले में ला सकें एवं उनके वोट हासिल कर सकें। अमित शाह ने इस तरह त्रिपुरा में भाजपा के लिए बड़ा दांव खेला है।
देश के गृह मंत्री अमित शाह ने त्रिपुरा में यह घोषित कर दिया है कि अयोध्या में राम मंदिर 1 जनवरी 2024 को बनकर तैयार हो जाएगा। अमित शाह की यह घोषणा पूरी तरह से राजनीतिक है और भाजपा को राजनीतिक लाभ दिलाने के लिए यह घोषणा किया है। जबकि राम मंदिर का निर्माण करने वाले राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण दिसंबर 2023 में ही हो जाने के लिए कहा है।
उन्होंने कहा है कि, “अयोध्या में राम मंदिर दिसंबर 2023 तक हर हाल में बनकर तैयार हो जाएगा। राम लला का गर्भगृह में बैठना बाकी रह जाएगा। राम लला भव्य मंदिर में गर्भगृह में अपने आसन पर मकर संक्रांति के बाद प्राण प्रतिष्ठा होने के उपरांत बैठेंगे। 2024 में प्राण प्रतिष्ठा मकर संक्रांति के बाद की जाएगी। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित तमाम गणमान्य लोगों को बुलाया जाएगा।”
हिंदू धर्म में मकर संक्रांति शुभ और पवित्र त्यौहार माना जाता है। इस त्यौहार के बाद सारे शुभ कार्य किए जाते हैं। इसलिए राम मंदिर ट्रस्ट 2024 में जनवरी माह में मकर संक्रांति के बाद यानि 14 जनवरी के पश्चात कभी भी शुभ मुहूर्त में राम मंदिर में राम लाल की प्राण प्रतिष्ठा कर मंदिर को आम लोगों के लिए दर्शनों के लिए खोल सकता है।
राम मंदिर ट्रस्ट में ज्यादातर विहिप से जुड़े हुए लोग और आर एस एस एवं विहिप समर्थक हिंदू धर्माचार्य शामिल हैं। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हो सकते हैं। इस कार्यक्रम के जरिये और इसके मंच के जरिए हिंदुत्व का राग अलापने का काम करते हुए लोगों को यह यह संदेश देने का काम किया जाएगा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण भाजपा ने किया है।
इस तरह से हिंदुत्ववादी लहर पैदा करने का प्रयास किया जाएगा और इस हिंदुत्ववादी लहर को वोटों में बदलने का प्रयास किया जाएगा, जिससे भाजपा को एक बार फिर से केंद्र सरकार में बैठने का मौका मिल जाये। चूंकि 2024 के लोकसभा चुनाव की अधिसूचना फरवरी माह में कभी भी जारी की जा सकती है, ऐसी स्थिति में राम मंदिर के पूरा होने पर न तो कोई कार्यक्रम हो सकता है और न ही कोई लोकलुभावन घोषणा की जा सकती है। इसलिए लोकसभा चुनाव के पहले जनवरी 2024 में राम मंदिर के निर्माण का भव्य आयोजन कर भाजपा को जिताने के लिए सारी कवायद शुरू की जा रही है।