-ख़ान इक़बाल
नई दिल्ली | छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में सोमवार को उग्र भीड़ द्वारा एक चर्च में तोड़फोड़ करने और पुलिस अधिकारियों पर हमला करने का मामला सामने आया है. इस मामले में हिंसा का नेतृत्व करने वाले भाजपा नेता समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस के बयान के अनुसार जिले के एडका गांव में आदिवासियों के एक समूह द्वारा कथित रूप से अवैध धर्मांतरण के विरोध में प्रदर्शन किया जा रहा था, इसी दौरान हिंसा भड़क उठी.
नारायणपुर ज़िले के पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार ने कहा कि, “प्रदर्शनकारियों का एक समूह सोमवार को विश्व दीप्ति क्रिश्चियन स्कूल पहुंचा और परिसर में स्थित एक चर्च की ओर बढ़ने लगे, पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया लेकिन बेक़ाबू भीड़ चर्च में घुस गई.”
पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) सुंदरराज पी ने मीडिया को बताया कि, “नारायणपुर में हुई बैठक में करीब 2,000 लोग मौजूद थे और स्थानीय आदिवासी नेता रूपसाई सलाम, नारायण मरकाम और कुछ अन्य लोग सभा का नेतृत्व कर रहे थे.”
भीड़ के हमले में घायल हुए और सिर में लगी चोट का इलाज करा रहे एसपी सदानंद कुमार ने अस्पताल से पत्रकारों से बात करते हुए कहा की, “मैं अन्य अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचा और प्रदर्शनकारियों को शांत करने की कोशिश की, वे आश्वस्त लग रहे थे और वापस लौटने वाले थे, लेकिन अचानक किसी ने मेरे सिर पर डंडा मारा.”
यह आरोप लगाया गया है कि सर्व आदिवासी समाज (SAS) सदस्यों ने 31 दिसंबर 2021 को नारायणपुर जिले के गुर्रा गांव में एक बैठक आयोजित की जहां उन्होंने कन्वर्टेड ईसाइयों पर हमला करने और उन्हें गांव से बाहर करने की योजना बनाई थी.
इस बीच यह मामला ईसाइयों तक पहुंच गया और गांव में विवाद हुआ जो बाद में हिंसक लड़ाई में बदल गया.
छत्तीसगढ़ क्रिश्चियन फ़ोरम के अध्यक्ष अरुण पन्नालाल ने कहा कि, “यह पहला मामला नहीं है, बस्तर में एक साल से अधिक समय से लगातार ऐसी स्थिति का सामना कर रहे हम ईसाईयों ने मांग की है कि अगर कुछ भी गलत हुआ है, तो आरोपियों को कानून के अनुसार कड़ी से कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए, लेकिन उन्मादी भीड़ को अपने हाथ में कानून लेने की अनुमति नहीं दी जा सकती.”
उन्होंने कहा कि, “कानून प्रवर्तन एजेंसियों की निष्क्रियता और सत्तारूढ़ सरकार की अनिच्छा ने राज्य में दयनीय स्थिति पैदा कर दी है.”
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और मानवाधिकार कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने मामले पर ट्वीट करते हुए लिखा कि, “छत्तीसगढ़ में चर्च पर हमले के आरोप में बीजेपी नेता गिरफ्तार, बीजेपी और उसके सहयोगियों के गुंडों द्वारा चर्च, मस्जिदों, ईसाइयों और मुसलमानों पर हमले अब सरकार और उसके मंत्रियों के आशीर्वाद से लगातार और आम होते जा रहे हैं. हमारे गणतंत्र को तोड़ा जा रहा है.”
इस पूरे मामले में नारायणपुर पुलिस ने मंगलवार को एक स्थानीय भाजपा नेता समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है.
गिरफ्तार लोगों की पहचान भाजपा नेता रूपसाई सलम (55), पवनकुमार नाग (24), अतुल नेताम (24), अंकित नंदी (31) और दोमेंद्र यादव (21) के रूप में हुई है.
पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है जिसमें आपराधिक साजिश, सरकारी कर्मचारी पर हत्या का प्रयास, सरकारी कर्मचारी पर हमला, दंगा, धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने, आपराधिक धमकी, धार्मिक भावनाओं को आहत करने के उद्देश्य से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य शामिल है.