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Sunday, May 5, 2024
Home एजुकेशन राजस्थान: मदरसा पैराटीचर्स और राजीव गांधी पाठशाला के शिक्षकों का अनिश्चितकालीन धरना

राजस्थान: मदरसा पैराटीचर्स और राजीव गांधी पाठशाला के शिक्षकों का अनिश्चितकालीन धरना

ख़ान इक़बाल | इंडिया टुमारो

जयपुर | पिछले वर्ष दांडी यात्रा के साथ शुरू हुए पैरा टीचर नियमितीकरण आंदोलन ने अब राजधानी जयपुर में अनिश्चितकालीन धरने का रूप धारण कर लिया है.

21 अक्टूबर को दांडी यात्रा का नेतृत्व कर रहे हैं ठाकुर शमशेर ख़ान भालू ने शहीद स्मारक पर चल रहे धरना स्थल पर अनिश्चितकालीन अनशन की घोषणा की.

इंडिया टुमॉरो से बात करते हुए शमशेर भालू कहते हैं, “संविदा शिक्षकों के नियमितीकरण का यह आख़िरी आंदोलन होगा, इस बार हम आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं.”

धरने के नेतृत्व कर रहे भालू आगे कहते हैं, “हमारी दांडी यात्रा को दूसरी बार प्रशासन ने दबाव बनाकर स्थगित करवाया, हमें गुजरात की सीमा में घुसने नहीं दिया गया और मुख्यमंत्री ऑफ़िस से डूंगरपुर कलक्टर के द्वारा यह संदेश भेजा गया कि संविदा शिक्षकों की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाक़ात करवाई जाएगी लेकिन हमसे अभी तक किसी ने संपर्क नहीं किया. हमें लगता है हमारे साथ धोखा हुआ है.”

धरना स्थल में शामिल संविदा शिक्षक संघर्ष समिति के अध्यक्ष और शिक्षाकर्मी खम्माराम चौधरी बेहद मायूस नज़र आते हैं.

इंडिया टुमॉरो से बात करते हुए चौधरी कहते हैं, “मैं इकतीस सालों से स्कूल में पढ़ा रहा हूँ और मेरी तनख़्वाह सिर्फ़ 10 हज़ार रुपये है जबकि उन्हीं कक्षाओं को पढ़ाने वाले तृतीय श्रेणी के शिक्षकों की तनख़्वाह हम से पाँच गुना अधिक है. आप ही बताइए क्या यह भेदभाव नहीं है?”

राजस्थान में संविदा शिक्षकों के रूप में मदरसों और सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में लगभग 13,500 पैरा शिक्षक कार्यरत हैं. ये संविदा कर्मी पिछले तीस साल से नियमितीकरण की माँग को लेकर आंदोलनरत हैं.

पिछले साल, 2020 में राजस्थान के चूरू के रहने वाले ठाकुर शमशेर भालू ख़ान ने राजस्थान में उर्दू भाषा की दशा सुधारने और लगभग छह हज़ार मदरसा पैराटीचरों को नियमित करने की माँग को लेकर चूरू से गुजरात के दांडी तक “दांडी यात्रा” निकालने का निर्णय लिया था जिसे 22 दिन बाद सरकार के साथ एक समझौते के बाद समाप्त कर दिया गया.

दांडी यात्रा में शामिल प्रदर्शनकारियों और राज्य सरकार के बीच हुए इस समझौते को 30 सितंबर 2021 तक लागू करना था. लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया, उसके बाद गांधी जयंती के दिन 2 अक्टूबर को दोबारा दांडी यात्रा शुरू की गई जिसे गुजरात की सीमा में घुसने से पहले ही प्रशासन ने यह कहते हुए रोक दिया कि उनकी बात मुख्यमंत्री से करवाई जाएगी.

राजस्थान मदरसा पेराटीचर संघ अध्यक्ष आज़म ख़ान कहते हैं, “इस बार हम पीछे हटने वाली नहीं हैं, हमारा पूरा जीवन इसी संघर्ष में गुज़र गया, हमने राजस्थान के हर ज़िले से बारी बारी से संविदा शिक्षकों को धरना स्थल पर बुलाया है और 1 नवंबर को सभी संविदा शिक्षक अपने परिवारों के साथ जयपुर में विशाल प्रदर्शन करेंगे.”

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