मसीहुज़्ज़मा अंसारी
नई दिल्ली | त्रिपुरा के कई ज़िलों में पिछले पांच दिनों से हिन्दुत्ववादी संगठनों द्वारा अल्पसंख्यकों की इबादतगाहों, मस्जिदों उनकी संपत्तियों और दुकानों को निशाना बनाने की ख़बरें आरही हैं. बताया जा रहा है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमले को आधार बनाकर इन घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है. आरोप है कि कई दिनों से हो रही इन घटनाओं पर पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है.
पिछले 5 दिनों में पांच ज़िलों की 12 मस्जिदों में तोड़फोड़ की गई है, मस्जिदों को नुकसान पहुँचाया गया है और कई मस्जिदों में धार्मिक पुस्तकों को आग के हवाले कर दिया गया है.
बांग्लादेश में दुर्गा पूजा में हुई साम्प्रदायिक घटना को लेकर त्रिपुरा में विभिन्न स्थानों पर हिंदुत्ववादी संगठनों द्वारा कथित रूप से कई मस्जिदों में तोड़फोड़ की जा रही है. शुक्रवार को भी कई मस्जिदों पर हमले हुए, शनिवार को कई मस्जिदों में आग लगाने की ख़बर है.
विश्व हिंदू परिषद और अन्य हिन्दुत्ववादी संगठनों पर आरोप लगाया गया है कि उनके द्वारा मशाल जुलूस निकाल कर विशेष समुदाय की दुकानों, मस्जिदों को और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है.
शनिवार रात पाल बाज़ार की एक मस्जिद को निशाना बनाया गया और धार्मिक पुस्तकों को कथित रूप से जला दिया गया. शनिवार को ही कलमचेर्रा मार्केट में एक मस्जिद में तोड़फोड़ की गई. शनिवार को ही कैलाशाहर थाना के शमीम अहमद की बेकरी शॉप को निशाना बनाया गया.
इसी प्रकार विश्व हिंदू परिषद द्वारा 17 अक्तूबर को एक मुस्लिम व्यापारी अब्दुल मन्नान के घर पर हमले की कोशिश की गई. ईद मिलादुन्नबी के मौके पर कई जगहों पर माहौल ख़राब करने की कोशिश की गई.
मुस्लिम समुदाय के लोगों की कई दुकानों और संपत्तियों को भी नुकसान पहुँचाने की ख़बर है.
घटना के सम्बंध में त्रिपुरा पुलिस विभाग से बात करने पर किसी भी पुलिस अधिकारी की कॉल रिसीव नहीं हो रही, अधिकतर नंबर पर संपर्क नहीं हो पारहा.
त्रिपुरा की राजधानी अगरतला के पुलिस कंट्रोल रूम (मुख्यालय) ने अल्पसंख्यकों की इबादतगाहों पर हो रहे हमलों के सम्बंध में इंडिया टुमारो को कोई भी सूचना देने से इंकार कर दिया. पुलिस कंट्रोल रूम के अधिकारी ने कहा, “ऐसी इन्फोर्मेशन हम लोग फोन पर नहीं दे सकते. दिल्ली कंट्रोल रूम से बात करिए, हम लोगों को इस प्रकार की सूचना देने का अधिकार नहीं है.”
जब यह सवाल किया गया कि त्रिपुरा का मामला है तो दिल्ली से बात क्यों की जाए? अगरतला कंट्रोल रूम के अधिकारी ने कहा कि, “इस प्रकार की सूचना हम लोग दिल्ली एमएचए में दे देते हैं. आप को या मीडिया को हम लोग कोई सूचना नहीं दे सकते. हम लोगों को प्रेस वालों से बात करने की परमिशन नहीं है.” इतना कह कर फोन कट कर दिया गया.
इंडिया टुमारो से घटना के सम्बंध में बात करते हुए नॉर्थ त्रिपुरा के धर्मानगर विधानसभा से पूर्व विधायक और सीपीआईएम के नेता अमिताभ दत्ता ने कहा कि, “इस प्रकार की घटना की लोकतंत्र में कोई जगह नहीं है और दुनिया में कहीं भी अल्पसंख्यकों पर हमला निंदनीय है.”
सीपीआईएम नेता और नॉर्थ त्रिपुरा के कदमताला-कुर्ती विधानसभा से विधायक इस्लामुद्दीन ने इंडिया टुमारो से बात करते हुए मस्जिदों और मुसलमानों को निशाना बनाए जाने की बात स्वीकारते हुए सरकार पर निशाना साधा है.
विधायक इस्लामुद्दीन ने कहा कि, “कई मस्जिदों पर हमले हुए हैं, माहौल शांतिपूर्ण नहीं है. पुलिस ने अभी तक दंगाइयों पर कोई कार्रवाई नहीं की है. प्रभावित ज़िलों के प्रशासनिक अधिकारियों को पार्टी की तरफ से घटना के सम्बंध में ज्ञापन दिया गया है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. हम लोग मुख्यमंत्री से मिलने का विचार कर रहे हैं.”
त्रिपुरा के रॉयल परिवार से सम्बंध रखने वाले और एक कलाकार व स्पोर्ट्समैन प्रद्योत मानिक्या ने अपने ट्विटर अकाउंट से क्षेत्र में शांति बनाने की अपील की थी.
शुक्रवार को इन हमलों के सम्बंध में मानवाधिकार संगठन एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ़ सिविल राइट्स (APCR) और छात्र संगठन (SIO) ने त्रिपुरा के उनाकोटी ज़िले के डीएम और एसपी से मुलाक़ात कर घटना को लेकर ज्ञापन दिया था.
विश्व हिंदू परिषद और अन्य हिन्दुत्ववादी संगठनों पर आरोप लगाया गया है कि उनके द्वारा मशाल जुलूस निकाल कर विशेष समुदाय की दुकानों, मस्जिदों को और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है.
इन संगठनों की एक रैली हुई, आरोप है कि विश्व हिन्दू परिषद की रैली के बाद हिंसा, हमले और तोड़फोड़ के मामले सामने आये हैं.
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लव कुमार देव के विधानसभा चंद्रपुर में एक मस्जिद को निशाना बनाया गया है.