रिपोर्ट: मसीहुज़्ज़मा अंसारी और शाहिद सुमन
नई दिल्ली | बिहार की राजधानी पटना के ट्रांसपोर्टनगर में आगमकुआं थाना क्षेत्र में एक मुस्लिम मार्बल व्यापारी की दुकान और गोदाम पर 40-50 दबंगों ने 9 दिसंबर 2020 को कथित रूप से हमला किया और तोड़ फोड़ की. मार्बल व्यवासी और उसके कर्मचारियों को बुरी तरह मारा गया. पीड़ित परिवार का आरोप है कि इस मामले में पुलिस ने किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है.
आरोप है कि हमलावरों द्वारा JCB लाकर गोदाम और दुकान को ध्वस्त कर दिया गया. हमले में दुकान मालिक, उसके दो कर्मचारी बुरी तरह घायल हैं.
इंडिया टुमारो से बात करते हुए पीड़ित पक्ष ने ये आरोप लगाया है कि पुलिस ने अभियुक्तों के दबाव में घटना के 20 दिन बाद भी उनपर कोई कार्रवाई नहीं की है.
दुकान के मालिक ओवैस अहमद हैं और यह घटना 9 दिसंबर 2020 को पटना के ट्रांसपोर्टनगर में सोनाली पेट्रोल पम्प के पास स्थित डेल्टा मार्बल पॉइंट पर हुई जो अगमकुआं थाना क्षेत्र में आता है.
पीड़ित के भाई डॉ० अर्शद ने इंडिया टुमारो को बताया कि, “हमलावर ज़मीन कब्ज़ा करना चाहते हैं जो कि हमारी अपनी ज़मीन है. सरकार और प्रशासन के बल पर हमें अल्पसंख्यक और कमज़ोर जानकर ज़मीन छीनना चाहते हैं.”
इस हमले में दुकान मालिक ओवैस अहमद को बुरी तरह मारा गया है जिनकी नाक की हड्डी टूट गई है और सर में भी गंभीर चोटें आई हैं. कुछ कर्मचारियों के सर में और रीढ़ की हड्डियों में चोटें आई हैं जिनका इलाज जारी है.
परिवार ने आरोप लगाया कि, “हमलावरों ने दूकान में रखे करोड़ों के मार्बल को नुक्सान पहुँचाया गया, गाड़ियों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया, तीन लाख रूपए लूट लिए गए और कर्मचारियों को बुरी तरह मारा गया.”
पीड़ित के भाई डॉ० अरशद ने इंडिया टुमारो से बात करते हुए घटना के बारे में बताया कि ढेढ़ घण्टे तक आरोपियों ने जेसीबी मशीन से कारखाने में तोड़फोड़ की. पुलिस को तत्काल सूचना देने के बाद भी पुलिस घटना स्थल पर डेढ़ घंटे के बाद पहुँची.
इस मामले में पीड़ित पक्ष ने रिपोर्ट दर्ज कराया है जिसमें 40 अज्ञात हैं, लेकिन अभी तक किसी भी आरोपी की गिरफ़्तारी नहीं हुई है. हालांकि जो नामज़द हैं उनपर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई.
पीड़ित पक्ष ने ये भी अरोप लगाया है कि जानलेवा हमले के बावजूद पुलिस ने अभियुक्तों पर गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज नहीं किया है.
इस मामले में आगमकुआं थाने के एसएचओ अभिजीत कुमार ने इंडिया टुमारो को बताया कि, “नामजद अभियुक्त बेल पर हैं, उन्होंने दो-तीन दिन में ज़मानत ले ली है. जो अज्ञात हैं उनकी तलाश जारी है. बाकी आरोपियों का पता लगाने की पूरी कोशिश की जा रही है.”
हालांकि पीड़ित परिवार का कहना है कि, “जब तोड़-फोड़ की जा रही थी उसी समय पुलिस को घटना की जानकारी दी गई थी मगर पुलिस सूचना के डेढ़ घंटे के बाद पहुंची.”
पीड़ित परिवार ने इस मामले में पुलिस पर आरोपियों को बचाने का और उनपर तत्काल कोई कार्रवाई नहीं किए जाने का आरोप लगाया है.
अरोपियों ने तोड़-फोड़ के बाद सामान भी लूटे जिनमें तीन लाख रुपय छीन लेने का पीड़ित परिवार ने आरोप लगया है.
पूरे मामले में पुलिस का कहना है कि कार्रवाई की जा रही है और आरोपियों की तलाश जारी है.